मोदी राज में पब्लिक को घोटाले नापंसद ममता-केजरीवाल कैसे धोएंगे पार्टी नेताओं के लगाए दाग
मोदी राज में पब्लिक को घोटाले नापंसद ममता-केजरीवाल कैसे धोएंगे पार्टी नेताओं के लगाए दाग
पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में वरिष्ठ मंत्री पार्थ चटर्जी के घिरने और करोड़ों की नकदी बरामद होने के बावजूद ममता बनर्जी ने उन्हें बर्खास्त नहीं किया है. माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद ईडी आने वाले दिनों ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी पर कार्रवाई कर सकती है. इधर अरविंद केजरीवाल भी अपने मंत्री सत्येंद्र जैन पर लगे आरोपों को राजनीतिक बदला बताते हुए उनके इस्तीफे की मांग को अनसुनी कर रहे हैं.
नई दिल्लीः पिछले साल पश्चिम बंगाल चुनाव से कुछ महीने पहले, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सार्वजनिक रूप से पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा था कि विभिन्न सेवाओं के एवज में लोगों से ली गई “कट मनी” को वापस कर दें. इस तरह उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से स्वीकार किया था कि तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. अब जबकि बंगाल की जनता ममता बनर्जी को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर वापस बिठाकर उस मामले में “माफ” कर चुकी है, उनके वरिष्ठ मंत्री पार्थ चटर्जी ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं. पार्थ की करीबी सहयोगी के यहां से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने करीब 50 करोड़ रुपये की नकदी बरामद की है. ये घटना 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले ममता की राष्ट्रीय महत्वाकांक्षाओं को चोट पहुंचा सकती है. कारण ये कि राष्ट्रीय स्तर पर मतदाता अब बड़े भ्रष्टाचार को सहन करने के मूड में नहीं हैं. उनके सामने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूप में एक साफ छवि का नेता है.
बंगाल के सीएम ममता बनर्जी ने इतने आरोप लगने के बाद भी अपने मंत्री पार्थ चटर्जी को बर्खास्त नहीं किया है. पार्थ इन दिनों ईडी की हिरासत में हैं. उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के फ्लैटों पर छापेमारी में भारी मात्रा में नकदी के अलावा आभूषण, संपत्ति के दस्तावेज और अन्य कागजात मिले हैं. टीएमसी ने भले ही गिरफ्तार मंत्री चटर्जी से दूरी बना ली हो, लेकिन बीजेपी जनता की इस धारणा को साबित करने में कामयाब होती नजर आ रही है कि इस शिक्षक भर्ती घोटाले से टीएमसी और मुख्यमंत्री भी जुड़े हैं. ममता सरकार के पिछले कार्यकाल से जुड़े इस घोटाले के सिलसिले में ईडी तृणमूल विधायक माणिक भट्टाचार्य से भी पूछताछ कर चुकी है.
‘नकदी के ढेर ममता को परेशान करते रहेंगे’
पश्चिम बंगाल में बीजेपी का कामकाज देखने वाले एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने up24x7news.com से कहा, “टीएमसी कुछ भी कहे लेकिन तथ्य यह है कि इतना बड़ा भ्रष्टाचार सीएम की नाक के नीचे हो रहा था. जब्त की गई नकदी की तस्वीरों को देखकर लोग हैरान हैं. ये तस्वीरें लंबे समय तक टीएमसी और ममता बनर्जी को परेशान करती रहेंगी क्योंकि इसने हवाई चप्पल पहनने वाली एक साधारण और भ्रष्टाचार से मुक्त नेता की छवि की पोल खोल दी है.” एक अन्य बीजेपी नेता का कहना था कि इस घोटाले से ममता बनर्जी का दूरी बनाना केंद्र की पिछली यूपीए सरकार के दिनों की याद दिलाता है, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भ्रष्टाचार के घोटालों से खुद को दूर कर लिया था, लेकिन जनता ने पीएम या कांग्रेस दोनों को नहीं बख्शा.
जनता को अब सहन नहीं घोटाले
2014 में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस को निशाने पर लेकर सत्ता में आए नरेंद्र मोदी दावा करते हैं कि उन्होंने पिछले आठ साल से ऐसी सरकार चलाई है, जिसमें बेईमानी का कोई आरोप नहीं लगा. पीएम मोदी बार-बार कहते हैं कि उनके कट्टर विरोधी भी उनकी सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई आरोप साबित नहीं कर पाए हैं. ऐसे में भाजपा नेताओं का मानना है कि कम से कम राष्ट्रीय स्तर पर मतदाता यूपीए युग की तरह के बड़े घोटालों को असहनीय मानने लगे हैं.
अभिषेक पर कस सकता है शिकंजा
इस घोटाले के बाद टीएमसी की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं क्योंकि ईडी कोयला तस्करी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ममता के भतीजे और सांसद अभिषेक बनर्जी की भी जांच कर रही है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आने वाले दिनों ईडी अभिषेक पर कार्रवाई कर सकती है. ऐसा होने पर घोटाले का आरोप सीधे ममता बनर्जी की दहलीज तक पहुंच जाएगा.
केजरीवाल भी राजनीतिक संकट में
ममता बनर्जी की तरह ही बीजेपी को चुनौती देने वाले अरविंद केजरीवाल भी कुछ इसी तरह के राजनीतिक संकट का सामना कर रहे हैं. उनके वरिष्ठ मंत्री सत्येंद्र जैन मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी के बाद जेल में हैं. अदालत भी उन्हें जमानत देने से इनकार कर चुकी है. इसके बावजूद केजरीवाल ने अभी तक जैन को बर्खास्त नहीं किया है. आप इस कार्रवाई को ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ बताती रही है.
आबकारी नीति ने भी बढ़ाई परेशानी
पिछले हफ्ते दिल्ली के उपराज्यपाल ने केजरीवाल सरकार की आबकारी नीति की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. प्रशासन से लेकर शीर्ष राजनीतिक स्तर तक गैरकानूनी फायदा पहुंचाए जाने का संदेह है. इस मामले में केजरीवाल सरकार के एक अन्य बड़े मनीष सिसोदिया की भूमिका पर सवाल उठाए जा रहे हैं. सीबीआई जल्द ही इस मामले में अपनी प्रारंभिक जांच शुरू कर सकती है. भ्रष्टाचार विरोधी योद्धा की अपनी छवि बनाकर सियासत के मैदान में कूदे केजरीवाल के लिए ये मामले मुश्किल बढ़ाने वाले साबित हो सकते हैं.
बीजेपी के निशाने पर दोनों नेता
भाजपा के वरिष्ठ नेता बीएल संतोष ने मंगलवार रात ट्वीट किया, ‘पहले अरविंद केजरीवाल ने सत्येंद्र जैन को मंत्री पद से हटाने से इनकार किया. अब ममता बनर्जी पार्थ चटर्जी की कुर्सी खींचने से मना कर रही हैं. दोनों लोकतंत्र के चैंपियन… अपने राज्यों के गौरव, ये भ्रष्टाचार के खिलाफ धर्मयुद्ध है.” माना जा रहा है कि भाजपा अपने दो प्रमुख विरोधियों, टीएमसी और आप को निशाना बनाने के लिए इसी लाइन पर हमले तेज कर सकती है.
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Tags: Arvind kejriwal, BJP, CM Mamata Banerjee, West bengalFIRST PUBLISHED : July 28, 2022, 11:44 IST