नौसेना को मिलेगा नया रक्षक तुशील ब्रह्मोस तक दाग सकेगा स्टेल्थ फ्रिगेट

तुशील, तलवार क्लास स्टेल्थ फ्रिगेट्स के तीसरे बैच का पहला जहाज है. यह संस्कृत का शब्द है, जिसका अर्थ होता है रक्षा करने वाला यानी प्रोटेक्टर... जानें इंडियन नेवी को मिलने वाले इस नए रक्षक की ताकत...

नौसेना को मिलेगा नया रक्षक तुशील ब्रह्मोस तक दाग सकेगा स्टेल्थ फ्रिगेट
तुशील जिसका संस्कृत में अर्थ होता रक्षा करने वाला यानी प्रोटेक्टर. भारतीय नौसेना के बेड़े में जल्द ही तुशील की ताकत जुड़ जाएगी. यह एक नया गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट है, जो रूस के यांतर शिपयार्ड में बनकर तैयार है और दिसंबर में इसे आधिकारिक रूप से नौसेना में शामिल किया जाएगा. खबर है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस वॉरशिप को भारतीय नौसेना में कमीशन करने के लिए 9 और 10 दिसंबर को रूस जा सकते है. तलवार क्लास का तीसरा बैच तुशील, तलवार क्लास स्टेल्थ फ्रिगेट्स के तीसरे बैच का पहला जहाज है. भारत और रूस के बीच साल 2016 में चार स्टेल्थ फ्रिगेट्स के निर्माण का समझौता हुआ था. इनमें से दो जहाज़ रूस में और दो भारत में बनने थे. हालांकि, रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के चलते इंजन आपूर्ति को लेकर सवाल उठे थे, लेकिन इन जहाजों के लिए इंजन युद्ध से पहले ही डिलीवर हो चुके थे. गोवा शिपयार्ड में बन रहे दो भारतीय फ्रिगेट्स में से एक का सी ट्रायल पूरा हो चुका है, और अगले दो वर्षों में इनका निर्माण पूरा होने की उम्मीद है. तुशील की ताकत: ब्रह्मोस से लैस और एंटी-सबमरीन वॉरफेयर के लिए तैयार भारतीय नौसेना में साल 2003 से तलवार क्लास वॉरशिप शामिल हो रही हैं. वर्तमान में इस श्रेणी के 6 स्टेल्थ फ्रिगेट्स नौसेना के बेड़े का हिस्सा हैं. इनमें से चार जहाजों को ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस कर दिया गया है, जबकि बाकी दो पर काम जारी है. तुशील को भी ब्रह्मोस मिसाइल से लैस किया गया है. इसकी विशेषताएं इस प्रकार हैं: वजन: 36000 टन गति: 30 नॉटिकल मील प्रति घंटा दूरी: 3000 किमी तक का सफर एक बार में तय करने की क्षमता हेलीकॉप्टर: एक हेलीकॉप्टर की तैनाती संभव एंटी-सबमरीन वॉरफेयर: दुश्मन की पनडुब्बियों से निपटने के लिए एंटी-सबमरीन रॉकेट्स और टॉरपीडो आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम इस वॉरशिप को भारतीय नौसेना के लिए मील का पत्थर माना जा रहा है. आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत अब हर प्रकार के वॉरशिप का निर्माण भारत में ही किया जाएगा. रूस से आ रहे ये दो स्टेल्थ फ्रिगेट्स अंतिम ऐसे जहाज होंगे, जिन्हें विदेश से खरीदा जाएगा. इसके बाद भारतीय नौसेना पूरी तरह घरेलू स्तर पर निर्मित वॉरशिप्स पर निर्भर होगी. तुशील का नौसेना में शामिल होना भारतीय समुद्री ताकत को और मजबूत करेगा. Tags: India Russia defence deal, Indian navy, Rajnath SinghFIRST PUBLISHED : November 28, 2024, 17:44 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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