भारत की धरती पर भ‍िड़े रूस-अमेर‍िका निकाले एक से एक हथ‍ियार! लेकिन मकसद क्‍या

अमेर‍िका और रूस अब भारत की धरती पर भ‍िड़ गए हैं. दोनों जमकर प्रोपेगैंडा चला रहे हैं. इंडियन यूजर्स की मदद से एक दूसरे पर हमले कर रहे हैं. आइए जानते हैं क‍ि इसका असली मकसद क्‍या है?

भारत की धरती पर भ‍िड़े रूस-अमेर‍िका निकाले एक से एक हथ‍ियार! लेकिन मकसद क्‍या
अमेर‍िका और रूस जानी दुश्मन हैं, लेकिन कभी वे जंग के मैदान में आमने-सामने नहीं आते. अक्‍सर क‍िसी तीसरे मुल्‍क में इनके बीच जंग देखने को मिलती है. लेकिन जब से यूक्रेन वॉर शुरू हुई है, भारत एक नया बैटलग्राउंड बन गया है. अमेर‍िका और रूस दोनों ही भारत से प्रोपेगैंडा वॉर चला रहे हैं. सोशल मीडिया यूजर्स को एक दूसरे के ख‍िलाफ जानकार‍ियां शेयर कर रहे हैं. अमेर‍िकी मीडिया में कुछ दावा क‍िया जाता है, तो रूसी मीडिया तुरंत उसका पलटवार करती है. हैशटैग चलाए जा रहे हैं. लेकिन इसका मकसद क्‍या है? न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स की रिपोर्ट के मुताबिक, जब रूस ने यूक्रेन पर अटैक क‍िया तब रूसी राष्‍ट्रपत‍ि व्‍लादिमीर पुत‍िन के समर्थन में एक से एक हैशटैग सोशल मीडिया में चलाए गए. हैशटैग #IStandWithPutin और #IStandWithRussia खूब वायरल हुआ. लाखों लोगों ने इसके साथ ट्वीट क‍िया, पोस्‍ट क‍िए और पुत‍िन को समर्थन दिया. दावा क‍िया जा रहा क‍ि इंडियन यूजर्स को अपने पक्ष में करने के ल‍िए रूस ने ऐसा क‍िया. जैसे ही इसके बारे में एक्‍स (ट्व‍िटर) को पता चला उसने तुरंत इन हैशटैग पर बैन लगा दिया. कहा-ये हैशटैग उन अकाउंट से चलाए गए, जिनके पास चंद फॉलोवर्स थे. भारतीय छात्रों के बारे में गलत सूचनाएं फैलाईं अमेर‍िका का आरोप है क‍ि यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों के बारे में तमाम तरह की गलत सूचनाएं फैलाई गईं. कुछ पोस्‍ट में यहां तक दावा क‍िया गया क‍ि यूक्रेनी सेना ने भारतीय छात्रों को पकड़ लिया है और रूस के ख‍िलाफ ढाल के रूप में इस्‍तेमाल कर रही है. लाखों लोगों ने इस पोस्‍ट को देखा और रीट्वीट क‍िया. रूस की सरकारी मीडिया ने इसे जमकर भुनाया और कॉपी पेस्‍ट कर खूब शेयर क‍िए. इतना ही नहीं, जब भारत ने अपने छात्रों को यूक्रेन से निकाला तो “the power of new India,” हैशटैग खूब चलाया गया. इससे बताने की कोश‍िश की गई क‍ि भारत क‍ितना शक्‍त‍िशाली है क‍ि युद्ध के मैदान से अपने लोगों को बाहर निकाल लाया. Mark Zuckerberg said last month that he bowed to Biden administration pressure and barred references to the COVID-19 lab-leak hypothesis from Facebook, Instagram and WhatsApp. Now he bows to US government pressure again by banning Russian media outlets including RT from his apps. — Brahma Chellaney (@Chellaney) September 17, 2024

जान‍िए अब क्‍या हुआ…
अब एक नया प्रोपेगैंडा वॉर शुरू हुआ है. फेसबुक, व्‍हाट्सएप और इंस्‍टाग्राम चलाने वाली कंपनी मेटा ने रूस की मीडिया को अपने प्‍लेटफार्म पर बैन कर दिया है. आरोप लगाया क‍ि वो यूक्रेन युद्ध के बारे में गलत जानकार‍ियां शेयर कर रहे हैं. इसके बाद रूस की मीडिया एक्‍ट‍िव हो गई. एक्‍स पर इंडियन यूजर्स से समर्थन मांगे जाने लगे. रूसी वेबसाइट स्‍पूतन‍िक ने लिखा, मेटा ने हमें प्रतिबंधित कर दिया, गूगल हमें रोक रहा है. अमेरिकी दूतावास हमें धमका रहे हैं. हमारे ख‍िलाफ मुह‍िम चला रहे हैं. प्‍लीज हमें समर्थन दीजिए. पश्च‍िमी देशों के दुष्‍प्रचार के ख‍िलाफ जंग में समर्थन देने के ल‍िए हमें फॉलो कीजिए.

मार्क जुकरबर्ग ने घुटने टेके
मेटा के माल‍िक मार्क जुकरबर्ग के इस फैसले की जमकर आलोचना हो रही है. रक्षा विशेषज्ञ ब्रह्मा चेलानी ने एक्‍स पर लिखा, ऐसा लगता है क‍ि मार्क जुकरबर्ग ने अमेर‍िकी सरकार के आगे घुटने टेक दिए हैं. पिछले महीने उन्‍होंने कहा था क‍ि बाइडेन प्रशासन के कहने पर उनकी कंपनी ने फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप से कोविड-19 के लीक लैब डॉक्‍यूमेंट को शेयर करने पर रोक लगा दी थी. अब उन्‍होंने अपने ऐप्‍स से आरटी समेत सभी रूसी मीडिया पर बैन लगा दिया. इससे उन्‍होंने फ‍िर साबित क‍िया है क‍ि वे अमेर‍िकी सरकार के आगे झुक गए हैं.

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