चौथी 5वीं छोड़िए भारत की नजर 6ठी पीढ़ी के सुपर लड़ाकू विमान पर ऐसा हुआ तो

6th Gen Fighter Jet: दुनिया अभी पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों की चर्चा कर रही है. इस बीच कई जगहों पर छठी पीढ़ी के विमान विकसित करने का काम चल रहा है. इस बीच भारत की भी नजर इन छठी के लड़ाकू विमानों पर है.

चौथी 5वीं छोड़िए भारत की नजर 6ठी पीढ़ी के सुपर लड़ाकू विमान पर ऐसा हुआ तो
6th Gen Fighter Jet: दुनिया में इस वक्त 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों की खूब चर्चा है. इस रेस में अमेरिका, रूस और चीन सबसे आगे बताए जा रहे हैं. लेकिन सबसे तगड़ा मुकाबला अमेरिकी एफ-35 और रूसी सुखोई-57 के बीच है. ये दोनों लड़ाकू विमान इतने एडवांस हैं कि ये पल भर मे दुनिया के भूगोल बदलने की क्षमता रखते हैं. चीन का भी दावा है कि उसके पास चेंगदू जे-20 और शेनयांग जे-35 दो पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान हैं. उसने ये विमान पाकिस्तान को भी देने की बात कही है. इधर, भारत के पास मौजूदा वक्त में रॉफेल सबसे आधुनिक लड़ाकू विमान हैं. एक्सपर्ट इसको 4.5 पीढ़ी का लड़ाकू विमान बताते हैं. इसकी मारक क्षमता अद्भूत है. भारत के पास इसके दो स्क्वाड्रन यानी 36 विमान हैं. भारत ने इन विमानों में गोपनीय तरीके से अपनी जरूरत के हिसाब से काफी बदलाव कराया था, जिसके बारे में किसी को जानकारी नहीं है. इसके अलावा भारत के पास 260 सुखोई-30 विमान हैं. इसकी मारक क्षमता की अद्भूत है. सरकार एक दिन पहले ही 12 और सुखोई-30 खरीदने को मंजूरी दी है. इतना सब होने के बाद भी भारत पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान हासिल करने की जद्दोजहद कर रहा है. इसके लिए उसके सामने दो विकल्प है. पहला अमेरिकी एफ-35 और सुखोई-57. माना जा रहा है कि भारत सुखोई-57 को खरीद सकता है, क्योंकि भारत पहले से सुखोई कंपनी के विमान इस्तेमाल कर रहा है. इसके साथ ही भारत और रूस के रिश्ते बेहद खास हैं. रूस अपेक्षाकृत सहज शर्तों के साथ भारत के साथ इस विमान का सौदा कर सकता है. रूसी कंपनी का खुलासा इस बीच सुखोई-57 को रूस ने अपनी बड़ी योजना का खुलासा किया है. इस एयरक्राफ्ट को बनाने वाली रूसी कंपनी यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन के अधिकारियों ने खुलासा किया है कि इस विमान को अगले पांच दशक की जरूरतों को ध्यान में रखा है. कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि इस विमान में अब छठी पीढ़ी के लड़ाकू विमान के फीचर्स जोड़े जाएंगे. यूनाइटेड कॉरपोरेशन के डायरेक्टर जनरल वादिम बादेखा ने कहा कि इस विमान का प्लेटफॉर्म ऐसा है कि इसमें अगले 50 साल के संभावित जरूरतों को पूरा किया जा सकता है. इसमें उपभोक्ता की जरूरतों के हिसाब से बदलाव किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इसमें छठी पीढ़ी की चीजें जोड़ी जा रही हैं. इस बारे में भारतीय विशेषज्ञों का कहना है कि अगर सुखोई-57 में छठी पीढ़ी के फीचर्स शामिल करने की क्षमता है तो भविष्य के लिए यह एक बेहद घातक लड़ाकू विमान साबित होगा. यूरेशियन टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक छठी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों में मल्टी स्पेक्ट्रल स्टील्थ, कंबैट नेटवर्किंग, मैन्ड-अनमैन्ड टीमिंग जैसे फीचर्स हो सकते हैं. हालांकि अभी तक दुनिया के किसी भी देश के पास छठी पीढ़ी के लड़ाकू विमान नहीं हैं. अब तक छठी पीढ़ी की बात केवल कांसेप्ट के लेवल पर है. छठी पीढ़ी के विमानों में हाइपरसोनिक मिसाइलें लगाई जा सकती हैं. रूस का दावा है कि वह छठी पीढ़ी के विमान बनाने जुटा है और उसे 2050 तक ऑपरेशनलाइज किया जा सकता है. Tags: Dassault rafale, Fighter jetFIRST PUBLISHED : December 13, 2024, 14:50 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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