पीएम मोदी ने कही थी सहमति की बात विपक्ष ने तय कर दिया- बनी रहेगी तल्खी!

पीएम मोदी की सहमति से चलने की बात कहने के बावजूद 18वीं लोकसभा में सरकार और विपक्ष के बीच तल्खी कम होने की कोई संभावना नहीं दिख रही है. इसकी झलक सदन की बैठक के दूसरे दिन ही दिख गई.

पीएम मोदी ने कही थी सहमति की बात विपक्ष ने तय कर दिया- बनी रहेगी तल्खी!
18वीं लोकसभा की तस्वीर कई मायने में 17वीं और उससे पूर्व की लोकसभाओं से अलग है. इस बार भारत के संसदीय इतिहास में पहली बार लोकसभा स्पीकर पद के लिए मतदान होगा. सत्ताधारी एनडीए और विपक्षी इंडिया गठबंधन के बीच स्पीकर पद को लेकर सहमति नहीं बनने की वजह से मतदान की नौबत आई है. इससे पहले अब तक 17 बार लोकसभा का गठन हुआ है और हर बार स्पीकर का चयन आम सहमति से हुआ है. स्पीकर पद को लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच इस भिड़ंत ने तय कर दिया है कि 18वीं लोकसभा में नजारा बीते सभी लोकसभाओं से अलग रहने वाला है. पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को लोकसभा की पहली बैठक से पहले सार्वजनिक तौर पर कहा था कि वह विपक्ष से सकारात्मक सहयोग की अपेक्षा करते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार बनाने के लिए जरूर संख्या बल की जरूरत होती है लेकिन देश चलाने के लिए सहमति की जरूरती होती है. लेकिन, पीएम मोदी की यह बात अगले दिन मंगलवार को ही बेअसर साबित होती दिख रही है. डिप्टी स्पीकर पद को लेकर फंसा पेच दरअसल, एनडीए ने 17वीं लोकसभा के स्पीकर ओम बिड़ला को ही 18वीं लोकसभा में भी स्पीकर पद के मैदान में उतारा है. ओम बिड़ला ने स्पीकर पद के लिए अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया है. ओम बिड़ला के नाम पर सर्वसहमति बनाने के लिए एनडीए की ओर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजीजू ने इंडिया गठबंधन के नेताओं से बात की. लेकिन, इंडिया गठबंधन ने स्पष्ट कर दिया कि वह ओम बिड़ला का समर्थन तभी करेंगे जब विपक्ष को लोकसभा के डिप्टी स्पीकर का पद मिले. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी मीडिया से बातचीत में यह स्पष्ट तौर पर कहा कि एक तरफ पीएम मोदी विपक्ष से सकारात्मक सहयोग की अपील करते हैं और दूसरी तरफ परंपरा के मुताबिक डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को नहीं देना चाहते. डिप्टी स्पीकर पद नहीं मिलने के बाद इंडिया गठबंधन ने कांग्रेस नेता जी. सुरेश को स्पीकर पद के चुनाव में उतारने का फैसला किया है. अगर ओम बिरला स्पीकर पद का चुनाव जीत जाते हैं तो वह लगातार दो बार स्पीकर बनने वाली हस्तियों में शामिल हो जाएंगे. इसके पहले एम. के अयंगर, जीएस ढिल्लों, बलराम जाखड़ और जीएमसी बालयोगी दो बार स्पीकर रह चुके हैं. हालांकि इनमें एकमात्र बलराम जाखड़ ही थे जिन्होंने अपना दोनों कार्यकाल पूरा किया था. ओम बिड़ला के साथ तल्ख रहे रिश्ते 17वीं लोकसभा के दौरान स्पीकर ओम बिड़ला पर विपक्ष लगातार आरोप लगाता रहा कि वह उन्हें उचित महत्व नहीं देते थे. 17वीं लोकसभा के दौरान कई ऐसी घटनाएं भी घटीं जिससे स्पीकर और विपक्ष के रिश्तों में बहुत तल्खी आ गई थी. इसी दौरान मानहानि के एक मामले में दोषी करार दिए जाने के कारण कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सदस्यता रद्द की गई. इसी दौरान टीएमसी की नेता महुआ मोइत्रा की सदस्यता रद्द की गई. 17वीं लोकसभा के अंतिम दिनों यानी दिसंबर 2023 में रिकॉर्ड 95 लोकसभा सदस्यों को निलंबित किया गया था. ये सदस्य लोकसभा में घुसपैठ के मामले में बहस की मांग कर रहे थे. 18वीं लोकसभा की तस्वीर अलग 17वीं लोकसभा की तुलना में 18वीं लोकसभा की तस्वीर अलग है. इस बार भाजपा अपने दम पर बहुमत से चूक गई है. इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार है. दूसरी तरफ इस बार कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, टीएमसी और डीएमके पहले की तुलना में काफी महबूत स्थित में है. जहां 16वीं और 17वीं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष नहीं था वहीं इस लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के पास 100 सांसद हैं और उसको आधिकारिक तौर पर विपक्ष के नेता का पद मिलेगा. इससे वह पहले की तुलना में सरकार को घेरने के लिए कहीं ज्यादा आक्रामक रुख अपनाएगी. ऐसे में सदन में पिछली बार से अलग कहीं ज्यादा तल्खी दिखेगी. सरकार बनते ही सामने आए मुद्दे कांग्रेस नेता राहुल गांधी सरकार को घेरने के लिए आक्रामक रुख अपना रहे हैं. लोकसभा की बैठक के पहले दिन ही उन्होंने एनडीए के 15 दिन के कामकाज में गड़बड़ियों का मुद्दा उठाया. बीते 15 दिनों में नीट यूजी परीक्षा में कथित धांधली, नीट पीजी की परीक्षा स्थगित करने, नेट की परीक्षा रद्द होने, रेल हादसे, महंगाई जैसे तमाम मु्द्दे गिनाए. इन मुद्दों को लेकर विपक्ष आक्रामक है. इस पर वह सरकार और पीएम मोदी से जवाब की मांग करेगा. ऐसे में सदन में सत्ता और विपक्ष के बीच किसी तरह की सकारात्मक सहयोग की स्थिति बनती नहीं दिख रही है. FIRST PUBLISHED : June 25, 2024, 13:28 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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