यूपी में मोबाइल कुंड में होगा गणपति प्रतिमाओं का विसर्जन जानें वजह

Agra Mobile Kund: यूपी के आगरा में यमुना घाटों पर होने वाले प्रतिमा विसर्जन को लेकर नगर निगम ने मोबाइल विसर्जन कुंड लगाने का निर्णय लिया है. इस कुंड की क्षमता 5000 लीटर की है. जहां कई मूर्तियों का विसर्जन आसानी से किया जा सकता है.

यूपी में मोबाइल कुंड में होगा गणपति प्रतिमाओं का विसर्जन जानें वजह
आगरा: यूपी के आगरा में नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने ताजनगरी के लिए नई पहल की शुरूआत की है. इस बार यमुना घाटों पर होने वाले प्रतिमा विसर्जन को नगर निगम ने मोबाइल विसर्जन कुंड लगाने का निर्णय लिया है. प्रायोगिक तौर पर हाथी घाट पर इसे स्थापित कर गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन कराया गया. गणपति बप्पा मोरया के उद्धघोषों के बीच इस कुंड मे दर्जनों प्रतिमाओं का विर्जन किया गया. नदियों में विसर्जन से होता था प्रदूषण गणेश उत्सव और दुर्गा महोत्सव पर्व पर मूर्तियों के नदियों में विसर्जन के चलते जल स्त्रोतों की गुणवत्ता प्रभावित होती है. इससे न केवल जलीय जीव जंतुओं की जान को खतरा उत्पन्न होता है. बल्कि जल प्रदूषण की स्थिति भी उत्पन्न होती है. वहीं, जल स्त्रोतों को प्रदूषण से बचाने के लिए ही नगर निगम प्रशासन की ओर से ये कदम उठाया गया है. नगर निगम की कार्यशाला में 4 फुट ऊंचा, 6 फुट चौड़ा और 9 फुट लंबा मोबाइल कुंड बनाया गया है. इसे आज सुबह हाथी घाट पर स्थापित करा दिया गया. इस कुंड की क्षमता 5000 लीटर की है. जानें मूर्तियों के विसर्जन की क्षमता इस संबंध में जानकारी देते हुए सहायक नगर आयुक्त अशोक प्रिय गौतम ने बताया कि फिलहाल प्रायोगिक तौर पर इस व्यवस्था को प्रारंभ किया गया है. जल्द ही सभी यमुना घाटों पर इस प्रकार के कुंड की व्यवस्था कर दी जाएगाी. कुंड में यमुना का जल भरा गया है. कुंड भरने के उपरांत कुंड को पास ही बनाये कृत्रिम कुंड में ले जाकर खाली कराया जाएगा. हादसों पर लगेगी रोक यमुना में गणेश एवं दुर्गा महोत्सव के उपरांत मुर्तियों को विसर्जन करते समय डूबने के कारण प्रतिवर्ष हादसे होते है. इस प्रकार की व्यवस्था किये जाने से होने वाले इस प्रकार के हादसों की संख्या में भी कमी आएगी). नगर निगम की सहयोगी संस्था संवेदना डवेलपमेंट सोसायटी के द्वारा यमुना घाटों पर जल प्रदूषण के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए स्टॉल लगाये गये हैं. मूर्तियों के विसर्जन करने के लिए आने वाले भक्तजनों को यमुना में सीधे हवन सामग्री, मूर्ति विसर्जन के कारण होने वाले नुकसान से अवगत कराया गया. लोगों से ये भी अपील की गई कि वे ईको फ्रेण्डली मूर्तियों का अधिकाधिक प्रयोग कर नदियों में होने वाले प्रदूषण पर प्रभावी नियंत्रण में अपना योगदान दें. इस दौरान विसर्जन से पूर्व पूजा सामग्री जैसे फूल वस्त्र, कागज और प्लास्टिक से बनी वस्तुएं अलग कराई जा रही थी. Tags: Agra news, Ganpati Celebration, Ganpati Idol Immersion, Local18, Religion, Religion 18FIRST PUBLISHED : September 16, 2024, 13:08 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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