अभिषेक सिंघवी अब शरद पवार की लड़ेंगे लड़ाई सुप्रीम कोर्ट से कर दी बड़ी मांग
अभिषेक सिंघवी अब शरद पवार की लड़ेंगे लड़ाई सुप्रीम कोर्ट से कर दी बड़ी मांग
शरद पवार का परिवार चुनाव चिन्ह और पार्टी की लड़ाई लड़ रहा है. चुनाव आयोग ने उनके भतीजे अजीत के समूह को वास्तविक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के रूप में मान्यता दे दी थी और चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ भी उनको दे दिया था. अब शरद पवार गुट सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी अपना वकील बनाया है, जो सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग के फैसलों को चुनौती देंगे.
नई दिल्ली. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले एनसीपी के शरद पवार गुट सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. मुद्दा चुनाव चिन्ह ही है और उनके ओर से चुनौती पेश कर रहे हैं सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी. शुक्रवार को सिंघवी ने शीर्ष कोर्ट को सौंपे लेटर का जिक्र किया जिसमें उनकी मांगे उल्लेखित हैं. दरअसल, उन्होंने अजित पवार को एनसीपी का चुनाव चिन्ह घड़ी के आवंटन को चुनाव से पहले फ्रिज करने की मांग की है.
यह मामला सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और उज्जल भुइयां के समक्ष आया है. दो जजों की यह पीठ एनसीपी पार्टी के ‘नाम’ और ‘चिन्ह’ मामले की सुनवाई कर रहे हैं. सिंधवी के इस आवेदन पर बुधवार 25 सितंबर को सुनवाई होगी. बुधवार की सूची जारी होगा, जिसके बाद ही आइटम नंबर का पता चलेगा. एनसीपी पार्टी के नाम और चिन्ह मामले में अगली सुनवाई की तारीख 12 नवंबर है. कल जो उल्लेख किया गया था, वह मुख्य मामले में एक अंतरिम आवेदन था.
अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर वह इस मामले की तत्काल सूचीबद्ध चाहते हैं. जब तक मामले पर अंतिम निर्णय नहीं हो जाता, तब तक महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले दोनों समूहों को नए चुनाव चिह्न दिए जाएं.
शरद पवार ने निर्वाचन आयोग के 6 फरवरी के आदेश के खिलाफ शीर्ष कोर्ट का रुख किया है, जिसमें महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाले समूह को वास्तविक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के रूप में मान्यता दी गई है. निर्वाचन आयोग ने राकांपा का चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ भी अजित पवार के नेतृत्व वाले समूह को आवंटित कर दिया है.
आपको बता दें कि शरद पवार द्वारा स्थापित राकांपा का चुनाव चिह्न विभाजन से पहले ‘घड़ी’ ही था. शीर्ष अदालत ने 19 मार्च को शरद पवार गुट को देश में लोकसभा चुनाव से पहले नाम के रूप में ‘राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार’ और चुनाव चिह्न ‘तुरहा बजाता आदमी’ का उपयोग करने की अनुमति दी थी. शीर्ष अदालत ने 19 फरवरी को निर्देश दिया था कि शरद पवार गुट को पार्टी का नाम ‘राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार’ आवंटित करने का निर्वाचन आयोग का आदेश अगले आदेश तक जारी रहेगा.
Tags: Sharad pawarFIRST PUBLISHED : September 21, 2024, 12:05 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed