नई दिल्ली. महाराष्ट्र की राजनीति में आए भूचाल को लेकर शिवसेना सहित कई विपक्षी दल भाजपा को दोषी ठहरा रहे हैं. जबकि भाजपा के नेताओं ने इसे शिवसेना में असंतोष का कारण बताया है. हालांकि कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि शिवेसना के बागी नेताओं की मदद भाजपा नेताओं ने जमकर की है. 21 जून की सुबह गुजरात के सूरत-डुमास रोड पर एक लग्जरी होटल के आसपास पुलिस की कड़ी तैनाती की गई. क्योंकि 20 जून की रात को उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार में मंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में महाराष्ट्र के कम से कम 30 शिवसेना विधायक पार्टी के खिलाफ विद्रोह का ऐलान करने के लिए इस होटल में रुके हुए थे. वहीं गुजरात बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकांत रघुनाथ पाटिल, जिन्हें सीआर पाटिल के नाम से जाना जाता है. योग दिवस कार्यक्रम में शामिल होने वाले सीआर पाटिल ने अंतिम समय पर अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया.
सूरत शिवसेना के बागी विधायकों के लिए एक अच्छी जगह थी. क्योंकि ये भाजपा शासित राज्य था और मुंबई से महज 279 किलोमीटर दूर. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार नवसारी से लोकसभा सांसद सीआर पाटिल ने इस पूरे ऑपरेशन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाया है. सीआर पाटिल पीएम मोदी के भी काफी करीबी माने जाते हैं. वहीं 20 जून को होटल में 40 कमरे बुक कराने वाला वह व्यक्ति पाटिल के विश्वासपात्र और सूरत नगर निगम (एसएमसी) की स्थायी समिति के अध्यक्ष परेश पटेल थे, जो 20 जून की रात से ही होटल में थे, जब शिवसेना के बागी विधायक पहुंचे. सीआर पाटिल ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि वह “सोमवार से” सूरत से बाहर थे.
20 जून को 32 बागी विधायक सूरत पहुंचे
होटल के बाहर बड़ी संख्या में गुजरात पुलिस कर्मियों की उपस्थिति और सूरत शहर के संयुक्त आयुक्त शरद सिंघल सहित एक पुलिस दल की उपस्थिति ने संकेत दिया कि पाटिल के एक अन्य विश्वासपात्र, गुजरात के गृह राज्य मंत्री, सूरत के विधायक हर्ष सांघवी, इस ऑपरेशन के हिस्सा थे. सूत्रों ने बताया कि करीब 32 बागी विधायक महाराष्ट्र से 20 जून की रात सूरत पहुंचे और 21 जून की सुबह छह अन्य विधायक उनके साथ हो गए. 22 जून को सुबह करीब 4 बजे, शिंदे के साथ 38 सेना और निर्दलीय विधायकों को लेकर एक चार्टर्ड स्पाइस जेट की उड़ान सूरत से गुवाहाटी के लिए रवाना हुई, जो एक अन्य भाजपा शासित राज्य है.
इन दो कारणों से बागी विधायकों ने सूरत को छोड़ा
20 जून की रात से 22 जून की शुरुआत तक, दो घटनाक्रमों से ऐसा प्रतीत होता है कि सूरत से इस वजह से विधायक गुवाहाटी के लिए रवाना हो गए. पहला यह कि उद्धव ठाकरे के दो खास व्यक्ति उनके निजी सचिव मिलिंद नार्वेकर और विधान परिषद के सदस्य रवींद्र फाटक द्वारा होटल में मिलने के लिए पहुंच थी. सूत्रों के हवाले से द इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा है कि दूसरा कारण यह है कि शिवसेना के बागी विधायक नितिन देशमुख और कैलास पाटिल द्वारा शिंदे की योजना के खिलाफ वहां से “भागने” की कोशिश की गई. एक सूत्र ने कहा, “महाराष्ट्र के करीब होना अब एक अच्छा विचार नहीं लग रहा था.” सूरत शहर को शिवसेना के विद्रोहियों द्वारा एक सुरक्षित ठिकाने के रूप में चुना गया था क्योंकि यह भाजपा शासित राज्य में है और मुंबई से मुश्किल से 279 किलोमीटर दूर है, यहां तक कि यहां अच्छी सड़क, हवाई और रेल संपर्क भी है.
212 किलोमीटर सड़क मार्ग से बागी विधायकों को सूरत लाया गया
महाराष्ट्र का पालघर जिला गुजरात के वलसाड जिले के साथ अपनी सीमा साझा करता है. एक सूत्र ने बताया कि सभी बागी विधायकों को पालघर होते हुए सड़क मार्ग से 212 किलोमीटर दूर सूरत लाया गया. जबकि नवसारी और वलसाड जिले महाराष्ट्र के करीब हैं, “न तो कोई हवाई अड्डा या लक्जरी होटल हैं”, सूत्र ने कहा. पाटिल के संसदीय क्षेत्र नवसारी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा सूरत जिले में स्थित है. सूरत में शिंदे खेमे के लिए रसद संभालने वाले एक सूत्र के अनुसार, 38 बागी विधायकों को शहर से 21 जून को एक चार्टर्ड स्पाइस जेट की उड़ान से गुवाहाटी के लिए रवाना किया गया था.
कई भाजपा नेताओं ने की मदद!
चार विधायकों ने 22 जून को चार्टर्ड उड़ान से उड़ान भरी, जबकि चार और विधायकों ने उड़ान भरी. स्थानीय भाजपा इकाई के सूत्रों ने कहा कि मुंबई और दिल्ली से किराए पर लिए गए दो विमान सूरत हवाई अड्डे पर “तैयार” थे, क्योंकि शहर बागी विधायकों का प्रमुख ट्रांजिट बेस बन गया था. इस प्रकार, सूत्र ने कहा, “46 शिवसेना और निर्दलीय विधायक गुवाहाटी पहुंचे”. जबकि परेश पटेल को उनकी आधिकारिक कार में ले मेरिडियन होटल में देखा गया था, सूत्रों ने कहा कि उन्हें एसएमसी में उनके सहयोगियों, जैसे भाजपा पार्षद दिनेश राजपुरोहित, पार्षद अमित सिंह राजपूत और सूरत पार्टी के महासचिव किशोर बिंदल ने सहायता प्रदान की थी.
पाटिल खेमे ने अंतिम समय तक की मदद
पाटिल खेमे से जुड़े इन सभी भाजपा नेताओं को शिवसेना के विद्रोहियों के लिए उड़ानें और आवास की बुकिंग के महत्वपूर्ण कार्यों सहित विभिन्न कार्य दिए गए थे. सूरत-डुमास रोड पर 170 कमरों वाले ली मेरिडियन होटल को इसलिए चुना गया, क्योंकि यह सूरत हवाई अड्डे से सिर्फ एक किमी दूर स्थित था. एक सूत्र ने कहा, “आपात स्थिति के मामले में सभी विधायकों को थोड़े समय में सूरत हवाई अड्डे पर ले जाया जा सकता था, जिसमें घरेलू हवाई संपर्क और चार्टर्ड विमानों के लिए पार्किंग की जगह है.”
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Tags: Maharashtra, ShivsenaFIRST PUBLISHED : June 25, 2022, 07:57 IST