दिवाली पूजा के बाद दीयों का क्या करें भूलकर भी न करें ये 1 गलती वरना

Diwali 2024: देशभर में 31 अक्टूबर को दीपावली का त्योहार धूमधाम से मनाया जाएगा. दिवाली प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है. दिवाली की रात सभी अपने घरों को सुंदर दीयों से सजाते हैं, लेकिन अगले ही दिन इन दीपक को कूड़े-कचरे के ढेर में फेंक देते हैं. क्या आप भी करते हैं ये गलती? तो जानें भोपाल के ज्योतिषाचार्य विनोद सोनी पौद्दार से दिवाली में जलाए जाने वाले इन दीयों का क्या करना चाहिए.

दिवाली पूजा के बाद दीयों का क्या करें भूलकर भी न करें ये 1 गलती वरना
Diwali 2024: देशभर में कल यानी 31 अक्टूबर को दिवाली का त्योहार सेलिब्रेट किया जाएगा. दिवाली रोशनी का त्योहार है. इस त्योहर पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा विधि-विधान से लोग शाम में शुभ मुहूर्त पर करते हैं. दिवाली की तैयारियों में लोग कई दिन पहले से ही जुट जाते हैं. अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं, दिवाली की शॉपिंग करते हैं. दिवाली के दिन अपने घर को दीपक और लाइट्स से सजाते हैं. चारों-तरफ जगमगाती रोशनी देखते ही बनती है. दिवाली प्रत्यके वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है. यह हिंदू धर्म में सबसे बड़े त्योहारों में से एक है. आप अपने घर को दीयों से सजाते हैं, लक्ष्मी पूजन में सुंदर दीपक जलाते हैं, लेकिन दीपावली के बाद आप सभी दीयों का क्या करते हैं? क्या उन्हें कचरे की ढेर में फेंक देते हैं? जानिए यहां दीपावली के बाद पुराने दीयों का क्या करना चाहिए. दिवाली के बाद दीयों का क्या करना चाहिए? (Diwali ke baad diyo ka kya kare) -भोपाल के ज्योतिषाचार्य एवं हस्तरेखाशास्त्री विनोद सोनी पौद्दार कहते हैं कि दिवाली के दिन सभी अपने घरों को सुंदर दीपक से सजाते हैं. लक्ष्मी पूजन में भी दीयों का इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन दीपावली के बाद इन दीपक को लोग यहां-वहां छोड़ देते हैं या फिर कूड़े-कचरे में अगले दिन फेंक देते हैं. ऐसा किसी को भी नहीं करना चाहिए, ये बेहद अशुभ माना जाता है. -दीयों में मां लक्ष्मी का वास होता है. ऐसे में इन्हें फेंकने से बचना चाहिए. आप पुराने दीयों को संभाल कर रख सकते हैं. जब कभी भी मंदिर जाएं, तब उस दीये को मंदिर में जाकर जला देना चाहिए. आप प्रतिदिन मंदिर जाकर भी दीए जला सकते हैं. -लक्ष्मी जी और गणेश भगवान की पूजा में 5 दीपक जलाते हैं, इन दीपक को नदी में विसर्जित कर दें. ऐसा करना शुभ है. नकारात्मकता से बचा जा सकता है. -जो लोग सामर्थ्यवान हैं, वे तो हर साल नए दीपक खरीदते हैं, लेकिन जो गरीब हैं या सामर्थ्यवान नहीं हैं, वे लोग घर को सजाने के लिए पुराने बिना खंडित दीये जला सकते हैं. हां, लक्ष्मी माता के समकक्ष जो दीपक जलाया जाता है, वो हर बार नया होना अनिवार्य है. आप पुराने दीपक से छत, बालकनी, आंगन को रोशनी कर सकते हैं, लेकिन पूजा में हमेशा नया दीपक ही खरीद कर जलाएं. -आप इन दीपक को मिट्टी में भी दबा सकते हैं. किसी पेड़ के नीचे मिट्टी में भी गाड़ सकते हैं. आप नदी में भी इन दीयों को प्रवाहित कर सकते हैं. कुछ लोग कुम्हार को भी वापस इन दीपक को दान कर देते हैं. आप पांच दीयों को घर में रखकर बाकी को बच्चों को भी बांट सकते हैं. इससे सुख-समृद्धि आती है. नदी में बहाने से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है. -यदि आपके घर के आसपास नदीं, तालाब नहीं है तो आप घर पर ही ऐसे स्थान पर इन दीयों को रखें, जहां किसी की भी नजर ना पड़े. यह शुभ माना जाता है. जरूरतमंद को दान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. घर-परिवार में खुशियां बनी रहती हैं. इसे भी पढ़ें: Diwali 2024: दिवाली के दिन जरूर बनाकर खाएं ये सब्जी, मानी जाती है सुख-समृद्धि का प्रतीक, विधि जानें यहां Tags: Dharma Aastha, Dharma Culture, Diwali, Diwali Celebration, Diwali festival, Trending newsFIRST PUBLISHED : October 30, 2024, 08:25 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed