बागी नेता एकनाथ शिंदे की सीएम उद्धव ठाकरे से 10 मिनट की बात और इससे निकले 10 महत्वपूर्ण तथ्य जानें
बागी नेता एकनाथ शिंदे की सीएम उद्धव ठाकरे से 10 मिनट की बात और इससे निकले 10 महत्वपूर्ण तथ्य जानें
Maharashtra Political crisis: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बागी नेता एकनाथ शिंदे के साथ फोन पर बातें की. दोनों नेताओं के बीच 10 मिनट की बातचीत के बाद महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रम में कई बदलाव आए. इन्हें 10 तथ्यों से समझा जा सकता है.
महाराष्ट्र में उठे सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपने विश्वस्त एमएलए मिलिंद नार्वेकर को बागी एकनाथ शिंदे से मिलने सूरत भेजा था. उनके वहां सूरत पहुंचने पर उन्होंने शिंदे की मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से फोन पर बात कराई. इस बातचीत से और इसके बाद जो महत्वपूर्ण तथ्य निकलकर सामने आए, वे इस प्रकार हैं-
सूत्रों के मुताबिक फोन पर हुई बातचीत में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए कहा. इसके बाद शिंदे ने दावा किया कि वे अब किसी निर्णय पर नहीं पहुंचे हैं न ही उन्होंने किसी डॉक्यूमेंट पर हस्ताक्षर किए हैं. अब तक जो भी किया है पार्टी को बेहतर बनाने के लिए किया है. एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि बातचीत में शिंदे ने कहा, बीजेपी के साथ दोबारा गठबंधन कर राज्य में शासन करें. इस पर शिवसेना प्रमुख ठाकरे ने कहा, अब कुछ लोग कह रहे हैं कि किसी को बीजेपी में शामिल होना चाहिए. हम कैसे साथ हो सकते हैं? हमें पहले ही उसके साथ रहने का खामियाजा भुगतना पड़ा. अब हम उसके साथ क्यों जाए?देर रात सीएम उद्धव ठाकरे ने अपने बाकी बचे विधायकों को संबोधित किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम एकनाथ शिंदे की जरूरतों को समझने की कोशिश कर रहे हैं. वे हमारे पास वापस आएंगे. सभी एमएलए हमारे पास जल्द आएंगे. एनसीपी और कांग्रेस भी हमारे साथ हैं.बागी नेता गुजरात सूरत के एक होटल में 22 विधायकों के साथ कैंप कर रहे हैं. गुजरात में बीजेपी का शासन है. इसलिए बीजेपी पर भी ऊंगली उठ रही है. महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष ने साफ कहा है कि पार्टी शिंदे के साथ सरकार बनाने के लिए अपना विकल्प खुला रखी है.शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने दोपहर बाद ही आपात बैठक बुलाई लेकिन इसमें नेताओं की उपस्थिति निराशजनक थी. वे किसी तरह की शक्ति प्रदर्शन नहीं कर सके. उन्होंने चीफ व्हिप के रूप में शिंदे को हटा दिया. इधर शिंदे ने अपना ट्विटर प्रोफाइल से शिवसेना शब्द भी हटा लिया.उद्धव ठाकरे की सरकार 2019 में एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना गठबंधन के दम पर आई थी. शरद पवार इसके सूत्रधार थे. लेकिन अब शरद पवार का कहना है कि यह शिवसेना का अंदरूनी मामला है. शरद पवार ने यह भी कहा कि हालांकि उन्हें भरोसा है कि सरकार बच जाएगी. इस पूरे घटनाक्रम में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस की प्रमुख भूमिका बताई जा रही है. वे दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर रहे हैं. सूरत में शिंदे को ठिकाना दिलाने में फडनवीस की भूमिका को ही जिम्मेदार माना जा रहा है.वर्तमान संकट उस समय बढ़ गई जब पिछली रात शिवसेना के एमएलए ने एमएलसी चुनाव में क्रॉस वोटिंग किया. इस कारण बीजेपी को पांच सीटें मिल गईं. हालांकि बीजेपी अपने दम पर सिर्फ 4 सीटें जीत रही थी.एकनाथ शिंदे शिवसेना में संजय राउत को ज्यादा तरजीह दिए जाने के कारण नाराज बताए जा रहे थे. हालांकि आज भी संजय राउत ने शिवसेना का पीआर विभाग संभाला और इस घटना को संकट के एक छोटे रूप में बताया और एकनाथ शिंदे को वफादार सिपाही कहा.अगर एकनाथ शिंदे के खेमे के 22 विधायकों का समर्थन हासिल हो जाता है तो बीजेपी को खुद के 106 विधायकों के अलावा भी 17 अन्य विधायकों की जरूरत पड़ेगी. दूसरी तरफ शिंदे के 22 विधायकों के समर्थन हटने से महाविकास अघाड़ी सरकार भी खतरे में पड़ जाएगी.
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Tags: BJP, Congress, Maharashtra, NCP, ShivsenaFIRST PUBLISHED : June 22, 2022, 00:13 IST