बिना दुकानदार की ये चाय दुकान 90 सालों से चल रही खुद बनाते हैं और फिर पैसे
बिना दुकानदार की ये चाय दुकान 90 सालों से चल रही खुद बनाते हैं और फिर पैसे
हुगली के सेरामपुर में 300 साल पुरानी चाय की दुकान बिना दुकानदार के चलती है. यहां लोग खुद चाय बनाकर पीते हैं और पैसे कैश बॉक्स में रखते हैं. यह दुकान आपसी प्रेम और विश्वास का प्रतीक है.
हुगली के सेरामपुर में एक अनोखी चाय की दुकान है, जो बिना दुकानदार के चल रही है. बंगालियों का चाय के प्रति प्यार किसी से छिपा नहीं है. सुबह हो या शाम, चाय के साथ चर्चा करना उनकी आदत है. राज्य से देश की राजनीति तक, हर मुद्दे पर बहस का अड्डा चाय की टेबल ही होती है. सेरामपुर के “छात्रा काली बाबू श्मशान” के सामने स्थित यह चाय की दुकान करीब 300-350 साल पुरानी है.
80-90 वर्षों से यह चाय की दुकान बन गई
पहले यह बाजार की दुकान हुआ करती थी, लेकिन पिछले 80-90 वर्षों से यह चाय की दुकान बन गई. खास बात यह है कि इस दुकान पर ग्राहक खुद चाय बनाते हैं और तय कीमत का पैसा कैश बॉक्स में डाल देते हैं.
लोगों के प्यार से चल रही दुकान
इस चाय की दुकान का कोई स्थायी दुकानदार नहीं है. इसे चलाने वाले ग्राहक खुद इसे अपनी जिम्मेदारी समझते हैं. दुकान के असली मालिक का निधन कई साल पहले हो चुका है. अब दुकान के मालिक का काम केवल सुबह दुकान खोलने तक सीमित है. उसके बाद ग्राहक ही चाय बनाते हैं और खुद सर्व करते हैं.
चाय बनाने की जिम्मेदारी खुद उठाते लोग
दुकान के नियमित ग्राहक बताते हैं कि वे यहां सिर्फ चाय पीने नहीं, बल्कि बातचीत और समय बिताने आते हैं. शाम को जब चाय बनाने वाला कोई नहीं होता, तो वे खुद चाय बना लेते हैं. रिटायर्ड लोग यहां आकर अपने दोस्तों के साथ गपशप करते हैं और कभी-कभी खुद चाय बनाते हैं. यही वजह है कि यह दुकान आज तक बंद नहीं हुई.
40 साल से जुड़ा प्यार
एक पुराने ग्राहक ने बताया कि वह पिछले 40 वर्षों से यहां चाय पी रहे हैं. यह दुकान सिर्फ चाय की जगह नहीं, बल्कि लोगों के बीच आपसी प्रेम और जुड़ाव का प्रतीक बन गई है. यही प्रेम है, जिसने सेरामपुर की इस चाय की दुकान को लगभग 90 सालों से जीवित रखा है.
Tags: Ajab ajab news, Howrah news, Local18, Special ProjectFIRST PUBLISHED : December 4, 2024, 13:03 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed