12 मिनट में अस्पताल तैयार PM मोदी के यूक्रेन को दिए गिफ्ट से हैरान है दुनिया

PM Modi in Ukraine: एस जयशंकर ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी और वोलोदिमिर जेलेंस्की ने क्षेत्रीय अखंडता के लिए सम्मान और देशों की संप्रभुता की रक्षा जैसे अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए सहयोग जारी रखने के वास्ते अपनी प्रतिबद्धता दोहराई. पीएम मोदी ने हाल में मास्को में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अपनी चर्चाओं के बारे में भी बात की.

12 मिनट में अस्पताल तैयार PM मोदी के यूक्रेन को दिए गिफ्ट से हैरान है दुनिया
कीव. यूक्रेन के 1991 में स्वतंत्र होने के बाद यह पहली बार है कि किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने इस देश की यात्रा की है और यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब यूक्रेन ने हाल में रूसी क्षेत्र में आक्रामक सैन्य अभियान चला रखा है. पोलैंड से लगभग 10 घंटे की ट्रेन यात्रा के बाद कीव पहुंचे पीएम मोदी ने शुक्रवार को कीव में राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ व्यापक वार्ता की और यूक्रेन तथा रूस के बीच जारी संघर्ष का समाधान निकालने के लिए एक-दूसरे से बातचीत की जरूरत पर बल दिया. युद्धग्रस्त यूक्रेन के दौरे पर पहुंचे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहां पहुंचकर स्पष्ट कर दिया कि वह शांति का संदेश लेकर आए हैं. पीएम मोदी ने कीव में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की को सहायता सौंपी, जिसके बारे में जानकर पूरी दुनिया हैरान है. दरअसल, भारत ने यूक्रेन को चिकित्सा सहायता का भीष्म क्यूब सौंपा. भीष्म क्यूब यानी कि चलता फिरता अस्पताल. लोग यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि आखिर ये भीष्म क्या है? बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शुरू किए गए प्रोजेक्ट भीष्म को स्वास्थ्य मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने मिलकर विकसित किया है. इसको भीष्म नाम इसलिए दिया गया क्योंकि इसका पूरा नाम ‘बैटलफील्ड हेल्थ इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर मेडिकल सर्विसेज’ है. इस सेवा को विकसित करने के पीछे का उद्देश्य न केवल भारत में, बल्कि विदेश में भी प्राकृतिक आपदाओं, मानवीय संकटों या शांति और युद्ध के समय में सुगम और तेजी से तैनाती के लिए किया गया है. भीष्म को आसानी से कहीं भी पहुंचाया जा सकता हैॉ. साथ ही उसमें चिकित्सा के इतने आधुनिक उपकरण हैं कि इससे वहां तुरंत चिकित्सा शुरू भी की जा सकती है. इस अस्पताल की खासियत यह है कि इसे आपातकालीन परिस्थितियों में जहाज से एयरड्रॉप भी किया जा सकता है. इस मोबाइल क्यूब हॉस्पिटल के बारे में आपको बता दें कि इसकी किसी भी दुर्गम जगह पर तैनाती जितनी आसान है उतनी ही अच्छी बात यह है कि इसमें 200 लोगों का इलाज एक साथ किया जा सकता है. ये मॉड्यूलर मेडिकल यूनिट्स हैं जो दूरस्थ या आपदाग्रस्त क्षेत्रों में जल्दी से पहुंचाए जा सकते हैं. भीष्म पोर्टेबल हॉस्पिटल क्यूब्स में तमाम तरह की चिकित्सा सुविधाएं होती हैं. ये क्यूब मात्र 12 मिनट में तैयार हो जाते हैं. इसमें मास्टर क्यूब केज के दो सेट होते हैं, प्रत्येक में 36 मिनी क्यूब होते हैं. ये क्यूब्स बेहद मजबूत होने के साथ वाटरप्रूफ और बेहद हल्के होते हैं. इस क्यूब को थल, वायु और समुद्र में आसानी से ले जाया जा सकता है. इस भीष्म क्यूब में सर्जिकल सुविधाएं, डायग्नोस्टिक टूल्स और रोगी के देखभाल से संबंधित सभी सुविधाएं मौजूद हैं. इन पोर्टेबल हॉस्पिटल क्यूब्स का विकास और परीक्षण भारतीय वायु सेना, भारतीय स्वास्थ्य सेवा संस्थानों और डिफेंस टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स ने मिल कर किया है. वहीं, मास्टर केज के भीतर प्रत्येक मिनी-क्यूब को सावधानीपूर्वक पैक किया जाता है, ताकि खुलने में कोई दिक्कत न हो. इसे दोबारा भी इस्तेमाल किया जा सकता है. इस परियोजना को तब सराहना मिली जब जी20 शिखर सम्मेलन में विभिन्न देशों से आए प्रतिनिधियों के सामने इसे पेश किया गया था. Tags: Narendra modi, Ukraine, Volodymyr ZelenskyFIRST PUBLISHED : August 23, 2024, 20:13 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed