गुजरात दंगे पर गृहमंत्री अमित शाह ने तोड़ी चुप्पी कहा- सेना को तुंरत बुलाया गया था आने में वक्त लगा
गुजरात दंगे पर गृहमंत्री अमित शाह ने तोड़ी चुप्पी कहा- सेना को तुंरत बुलाया गया था आने में वक्त लगा
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जहां तक गुजरात सरकार का सवाल है, हमें देर नहीं हुई. जिस दिन गुजरात बंद का आह्वान किया गया था, उस दिन दोपहर में ही हमने सेना बुला ली थी.
नई दिल्ली. हाल ही में गुजरात दंगों पर एसआईटी कि रिपोर्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली गई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था. वहीं एक बार फिर गुजरात दंगे को लेकर बयानबाजी शुरू हो गई है. इसी कड़ी में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुजरात दंगों को लेकर न्यूज एजेंसी एएनआई को इंटरव्यू दिया है. इस दौरान उन्होंने दंगे के दौरान हुए सभी घटनाक्रम के बारे में जानकारी दी और साथ ही लोगों द्वारा लगाए गए आरोपों पर भी सफाई दिया. इन्हीं आरोपों में से एक आरोप यह भी है कि गुजरात दंगे के दौरान आर्मी को देर से बुलाया गया था.
दरअसल, साल 2022 में गुजरात में नरेंद्र मोदी की सरकार थी. इसी दौरान दंगे भड़के थे. लोगों ने आरोप लगाया था कि दंगे के तीन दिन बाद आर्मी को बुलाया गया था. इसी सवाल पर जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जहां तक गुजरात सरकार का सवाल है, हमें देर नहीं हुई. जिस दिन गुजरात बंद का आह्वान किया गया था, उस दिन दोपहर में ही हमने सेना बुला ली थी. सेना को पहुंचने में थोड़ा समय लगता है. एक दिन की भी देरी नहीं हुई थी। कोर्ट ने भी इसकी सराहना की. साक्षात्कार में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले, गुजरात दंगों से जुड़े मामलों में मीडिया, गैर सरकारी संगठनों और राजनीतिक दलों की भूमिका, भारत की न्यायपालिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्वास पर बात की. #WATCH | As far as Gujarat Govt is concerned, we were not late. The day Gujarat Bandh call was given, we called Army that afternoon itself. Army takes some time to reach…There wasn’t even a day’s delay.Court appreciated it too: HM on then Gujarat Govt’s action during 2002 riots pic.twitter.com/SUlv71IZrQ
— ANI (@ANI) June 25, 2022
इंटरव्यू में गृहमंत्री अमित शाह ने पीएम मोदी को लेकर कहा कि 18-19 साल की लड़ाई, देश का इतना बड़ा नेता एक शब्द बोले बगैर सभी दुखों को भगवान शंकर के विषपान की तरह गले में उतारकर सहन कर लड़ता रहा और आज जब अंत में सत्य सोने की तरह चमकता हुआ आ रहा है, तो अब आनंद आ रहा है. मैंने मोदी जी को नजदीक से इस दर्द को झेलते हुए देखा है क्योंकि न्यायिक प्रक्रिया चल रही थी तो सब कुछ सत्य होने के बावजूद भी हम कुछ नहीं बोलेंगे. बहुत मजबूत मन का आदमी ही ये स्टैंड ले सकता.
आपको बता दें कि 2002 के गुजरात दंगों के मामले में तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी सहित 64 लोगों को एसआईटी की क्लीन चिट को चुनौती देने वाली जकिया जाफरी की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने गत 24 जून को खारिज कर दिया था.
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Tags: Amit shah, Gujarat riotFIRST PUBLISHED : June 25, 2022, 11:07 IST