नागपंचमी के दिन देशभर से आते हैं सपेरे कभी होता था जिंदा सांपों से श्रृंगार
नागपंचमी के दिन देशभर से आते हैं सपेरे कभी होता था जिंदा सांपों से श्रृंगार
खेरेपति मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां दर्शन करने से कालसर्प दोष समाप्त हो जाता है. यही वजह है कि नाग पंचमी के दिन यहां बड़ी संख्या में भक्त आते हैं.
कानपुर: देशभर में आज नाग पंचमी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस दिन विशेष रूप से नागों की पूजा की जाती है. कानपुर महानगर में भी कई प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर हैं, जिनमें से एक है खेरेपति मंदिर. यह मंदिर 200 साल से भी अधिक पुराना है, और इसको लेकर मान्यता है कि यहां साक्षात शेषनाग वास करते हैं. नाग पंचमी के अवसर पर यहां विशेष मेले का आयोजन होता है, जिसमें देशभर से सपेरे अपने नाग और सांपों को लेकर पहुंचते हैं. लाखों लोग इस दिन इस मंदिर में दर्शन करने आते हैं.
कालसर्प दोष से मिलती है मुक्ति
खेरेपति मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां दर्शन करने से कालसर्प दोष समाप्त हो जाता है. यही वजह है कि नाग पंचमी के दिन यहां बड़ी संख्या में भक्त आते हैं. यह शेषनाग के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है. मंदिर से जुड़ी एक प्राचीन कथा के अनुसार, यहां की एक महिला को सपने में शेषनाग ने आकर मंदिर निर्माण का आदेश दिया था. जब उस स्थान की खुदाई की गई, तो वहां एक कुआं मिला और कई सांप भी पाए गए. इसके बाद यहां मंदिर का निर्माण कराया गया. तब से इस मंदिर को शेषनाग का निवास स्थान माना जाता है, और यहां दर्शन करने से कालसर्प दोष खत्म हो जाता है.
जिंदा सांपों से होता था श्रृंगार
नाग पंचमी के अवसर पर खेरेपति मंदिर में विशाल मेले का आयोजन होता है. कुछ साल पहले तक यहां शेषनाग की प्रतिमा का श्रृंगार जिंदा सांपों से किया जाता था. मंदिर के अंदर जिंदा सांप छोड़ दिए जाते थे, लेकिन अब यह परंपरा बंद कर दी गई है. अब सपेरे अपने सांपों को मंदिर के बाहर ही रखते हैं और बाहर से ही शेषनाग के दर्शन करते हैं.
Tags: Local18, Religion 18FIRST PUBLISHED : August 9, 2024, 14:12 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed