100 फिट का लगाएगा गोता ढूंढेगा खदान में फंसे मजदूरों को

COAL MINE RESCUE OPERATION: भारतीय सेना के तीनों अंगों के स्पेशलिस्ट खदान में फंसे मजदूरों को बचाने में जुटे है. दो दिन से ज्यादा हो चुके है और ऐसे में सर्च एंड रेस्क्यू को भी बड़ी तेजी से अंजाम दिया जा रहा है. जितना समय बढ़ेगा खदान में फंसे मजदूरों को खतरा बढ़ता रहेगा. फिलहाल 9 में से 8 की तलाश तेजी से की जा रही है.

100 फिट का लगाएगा गोता ढूंढेगा खदान में फंसे मजदूरों को
COAL MINE RESCUE OPERATION : सोमवार को असम के हसाओ जिले के उमरंगसो इलाके के कोयला खदान में पानी भरने से 9 मजदूर फंस गए थे. उन्हें बचाने के लिए थलसेना, वायुसेना, SDRF और NDRF युद्धस्तर पर जुटी थी. अब नौसेना ने भी मोर्चा संभाल लिया है. नौसेना के स्पेशलिस्ट डीप डाइवर मौके पर मौजूद है. नौसेना की 12 सदसीय टीम विशापत्तनम से स्पेशल डीप डाविंग उपरकरणों के साथ घटना स्थल पर भेजे गए हैं. इस बचाव कार्य के लिए एक विशेष टीम को तैनात किया गया है. इस टीम में गहरे पानी में गोता लगाकर बचाव करने के लिए ट्रेंड “क्लीयरेंस डाइवर्स” भी शामिल हैं. इस मिशन के लिए टीम जरूरी उपकरण के साथ पहुंचे हैं. गहरे पानी में गोता लगाने वाले अंडरवाटर रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल्स (ROVs) शामिल हैं. इससे बचाव कार्य में मदद मिलेगी. रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल्स (ROVs) कोयला खदान तकरीबन 330 फीट गहरी है. खदान में करीब 100 फीट पानी जमा हो गया है. इस तरह के ऑपरेशन बेहद जटिल होते है. खतरा भी बहुच होता हैं. जिस जगह डाइवर को भेजने में खतरा होता है, उन ऑपरेशन में ROV की मदद ली जाती है. इसका काम है सर्च करना ,लोकेट करना और आडेंटिफाई करना. एक बार अंदर फंसे खनिक का पता लग गया तो नौसेना के क्लीयरेंस डाइवर्स रिकवरी के लिए जाएंगे. क्लीयरेंस डाइवर्स भी 100 से 150 फिट गहराई से रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए ट्रेंड होते है.  ROV 100 से 150 मीटर से ज्यादा गहराई तक गोता लगा सकता है. ऑपरेटर रिमोट के जरिए इसे ऑपरेट करता है. हाई रेजुल्युशन कैमरे, सेंसर के जिरिए लाइव फीड के जरिए सर्च को अंजाम देता है. भारतीय नौसेना में इसका इस्तेमाल जहाज की हल इंस्पेक्शन, एक्सपलोसिव ऑर्डिनेन्स को नष्ट करना, सर्च एंड रेस्क्यू, सबमरीन रेस्क्यू और अंडर वॉटर माइन को हटाने के लिए किए जाते है. एक शव बरामद मंगलवार को भारतीय सेना ने दो बार खदान में डाइव लगाई पर सफलता हाथ नहीं लगी. बुधवार की सुबह फिर से सर्च का काम शुरु हुआ. 21 पैरा स्पेशल फोर्स के डाइवरों को एक खनिक के शव को बरामद किया. अभी बाकी 8 की तलाश जारी है. रात भर खदान से बड़े बड़े पंप के जरिए पानी निकाले जाने का काम जारी रहा. भारतीय वायुसेना के ट्रांसपोर्ट विमान और हेलिकॉटरों के जरिए तेजी से राहत बचाव की टीम और उपकरण को घटना स्थल तक हुचा जा रहा है. फिलहाल सेना के इंजीनियर टास्क फोर्स, स्पेशल फोर्स के डाइवर, SDRF और NDRF सर्च ऑपरेशन में स्थानीय प्रशासन की मदद कर रहें हैं. कोयले के खदान में पानी भरने की घटना पहले भी कई बार हो चुकी है. एक बार पानी भरना शुरु हो जाए तो बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है. Tags: Assam CM, Assam news, Assam Rifles, Indian air force, Indian Army latest news, Indian navy, Indian Navy rescue operationFIRST PUBLISHED : January 8, 2025, 13:59 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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