बैंक 30 दिन में नहीं करेंगे शिकायत का निपटारा तो ग्राहक को मिलेगा मुआवजा
बैंक 30 दिन में नहीं करेंगे शिकायत का निपटारा तो ग्राहक को मिलेगा मुआवजा
RBI New Rule : रिजर्व बैंक ने ग्राहकों की सुविधा के लिए बैंकों और वित्तीय कंपनियों को शिकायतों का तय समय में समाधान करने का निर्देश दिया है. आरबीआई ने कहा है कि अगर तय समय में निपटारा नहीं होता है तो ग्राहकों को हर्जाना देना पड़ेगा.
नई दिल्ली. आरबीआई ने ग्राहकों के हित में एक नया फरमान जारी कर दिया है. अब अगर बैंकों और वित्तीय कंपनियों ने ग्राहकों की शिकायत के बाद आनाकानी की तो चाबुक चलेगा. आरबीआई ने अपने नए आदेश में कहा है कि यदि किसी ग्राहक द्वारा शिकायत दर्ज करने की तारीख से 30 कैलेंडर दिनों के भीतर समाधान नहीं किया जाता है, तो शिकायतकर्ता को प्रतिदिन 100 रुपये का मुआवजा देना होगा. यह आदेश ग्राहकों को क्रेडिट जानकारी कंपनियों (CICs) और क्रेडिट संस्थानों (CIs) जैसे बैंकों और वित्तीय कंपनियों द्वारा डेटा अपडेट में अत्यधिक देरी करने की वजह से देना पड़ा है.
आरबीआई ने कहा है कि CIC को ग्राहकों को ईमेल या एसएमएस के माध्यम से सूचित करना चाहिए, जब उनकी क्रेडिट जानकारी किसी बैंक या एनबीएफसी द्वारा मांगी जाती है और बैंकों को ग्राहकों को सूचित करना चाहिए, जब वे डिफॉल्ट में हों. अगर यह अपडेट 21 दिन के भीतर नहीं किया जाता है तो बैंकों को शिकायतकर्ता को मुआवजा देना चाहिए. यह मुआवजा प्रतिदिन 100 रुपये के हिसाब से देना पड़ेगा.
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आरबीआई ने तय कर दी दो डेडलाइन
आरबीआई ने अपने मास्टर डायरेक्शन में कहा है कि अगर सीआईसी (क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनी) शिकायतकर्ता द्वारा सूचित किए जाने के 30 दिनों के भीतर शिकायत का समाधान करने में विफल रहती है, तो सीआईसी को शिकायतकर्ता को मुआवजा देना होगा. दूसरी डेडलाइन क्रेडिट जानकारी अपडेट करने को लेकर है. अगर सीआई (क्रेडिट इंस्टीट्यूशन) ने शिकायतकर्ता या सीआईसी द्वारा सूचित किए जाने के 21 दिनों के भीतर सीआईसी को अपडेटेड क्रेडिट जानकारी प्रदान नहीं की तो उसे भी मुआवजा देना पड़ेगा.
कितनी सीआईसी कर रहीं काम
देश में अभी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा चार क्रेडिट सूचना कंपनियों (CICs) को अधिकृत किया गया है. ट्रांसयूनियन सिबिल, सीआरआईएफ हाई मार्क, इक्विफैक्स और एक्सपेरियन. शिकायतकर्ता को हर मामले में शिकायत पर की गई कार्रवाई के बारे में सीआई/सीआईसी द्वारा सूचित किया जाना चाहिए, जिसमें वे मामले भी शामिल हैं, जिसमें शिकायत को खारिज कर दिया गया है. खारिज किए गए मामलों में इसे खारिज करने के कारण भी बताए जाने चाहिए.
मोबाइल या मेल से करें अपडेट
आरबीआई ने कहा है कि क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियों (CICs) को ग्राहकों को एसएमएस/ईमेल के माध्यम से अलर्ट भेजना चाहिए जब वे मौजूदा क्रेडिट सुविधाओं में डिफॉल्ट/दिनों की देरी (DPD) की जानकारी जमा करते हैं, जहां भी मोबाइल नंबर/ईमेल आईडी उपलब्ध हो. अगर किसी कारण से डाटा नहीं अपडेट किया जा रहा तो इसकी जानकारी भी बैंक और वित्तीय कंपनियां अपने ग्राहकों को देंगी.
Tags: Bank news, Business news, Reserve bank of indiaFIRST PUBLISHED : January 8, 2025, 13:52 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed