ये है सांप काटने की सस्ती-अचूक दवा सर्पदंश से हर साल 138 लाख लोगों की मौत

Medicine for Snake Bite: विश्व स्वास्थ्य संगठन-डब्ल्यूएचओ के अनुसार, दुनिया भर में हर साल लगभग 45 से 54 लाख लोग सांप के काटने का शिकार होते हैं और उनमें से करीब 1.38 लाख लोगों की मौत हो जाती है. मृतकों में सबसे ज्यादा वे लोग हैं जिन्हें समय पर सही इलाज नहीं मिल पाता है.

ये है सांप काटने की सस्ती-अचूक दवा सर्पदंश से हर साल 138 लाख लोगों की मौत
Snake Bite Treatment: बारिश के दिनों में सांप के काटने की घटनाएं बढ़ जाती हैं. बिलों में पानी भरने से सांप जमीन के अंदर से निकलकर बाहर आने लगते हैं. बारिश के पानी से बचने के लिए सांप खुद भी एक सुरक्षित स्थान की खोज में निकलते हैं और इस जान बचाने की जद्दोजहद में कई इंसान सांपों का शिकार हो जाते हैं और अपनी जान गंवा बैठते हैं. लेकिन अब सांप के काटने का सस्ता और सुलभ इलाज मौजूद है. एक स्टडी से पता चला है कि खून को पतला करने वाली एक सामान्य दवा सर्पदंश के इलाज के लिए एक सस्ता उपाय हो सकती है. ऑस्ट्रेलिया स्थित सिडनी विश्वविद्यालय से जुड़े लेखक ग्रेग नीली ने कहा कि ‘हेपरिन’ नामक दवा कोबरा के काटने से होने वाले नुकसान को काफी हद तक कम कर सकती है और यह जहर फैलने की गति को धीमा भी कर सकती है जिससे जीवित रहने की दर में सुधार हो सकता है. रिसर्च के अनुसार, इस समय जो उपचार मौजूद हैं वे सांप के काटने वाली जगह पर ऊतकों और कोशिकाओं के निष्क्रिय होने का एक असरदार समाधान नहीं करता जिससे कभी-कभी जिस अंग में सांप ने काटा है, वह बेकार हो जाता है और उसे काटना पड़ता है. मानव जीन को संशोधित करने के लिए सीआरआईएसपीआर तकनीक का इस्तेमाल करते हुए टीम ने उन विभिन्न तरीकों की पहचान की जिनसे कोबरा के जहर को रोका जा सकता है. वैज्ञानिकों ने हेपरिन सहित खून को पतला करने वाली दवाओं का इस्तेमाल किया और मानव कोशिकाओं तथा चूहों पर ट्रायल के बाद पाया कि वे कोबरा के काटने से होने वाले ऊतक और कोशिका क्षय को रोकने में सक्षम हैं. यह स्टडी रिपोर्ट ‘साइंस ट्रांसलेशनल मेडिसिन’ पत्रिका में प्रकाशित हुई है. सिडनी विश्वविद्यालय के प्रमुख लेखक तियान डू ने कहा कि सफल मानव ट्रायल के बाद हेपरिन दवा को कोबरा के काटने के इलाज के लिए एक सस्ती, सुरक्षित और प्रभावी दवा बनाने के लिए पेश किया जा सकता है. Tags: Cobra snake, Snake VenomFIRST PUBLISHED : July 18, 2024, 17:11 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed