शिवहर की सियासत में RJD का दांव और उलझ गया एनडीए का गणित लवली-रितु में टक्कर
शिवहर की सियासत में RJD का दांव और उलझ गया एनडीए का गणित लवली-रितु में टक्कर
Sheohar Chunav Result 2024 Live: शिवहर लोकसभा सीट का मुकाबला दिलचस्प बन गया क्योंकि वैश्य समाज परंपरागत रूप से एनडीए का वोटर माना जाता है, लेकिन जदयू की लवली आनंद (राजपूत) के सामने राजद के कैंडिडेट रितु जायसवाल (वैश्य) के कारण चुनावी जीत हार का गणित उलझ गया.
शिवहर. शिव और हरि की संगम भूमि है शिवहर. इसी आधार पर 443 वर्ग किमी में फैले, करीब सात लाख आबादी वाले इस जिले को शिवहर नाम पड़ा है. राजनीतिक दृष्टिकोण से यह लोकसभा क्षेत्र काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां एनडीए के आधार वाले वोटों की एकजुटता और बिखराव की हकीकत पता लगनी है. बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 के लिए छठे चरण में 25 मई को शिवहर लोकसभा क्षेत्र में 56 प्रतिशत से अधिक वोटिंग हुई थी. इस बार यहां शिवहर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में दो महिला उम्मीदवारों के बीच सीधा मुकाबला है. जदयू और राजद की ओर से लड़ाई लड़ रहीं दोनों प्रत्याशी अलग-अलग सामाजिक और राजनीतिक पृष्ठभूमि से हैं. एनडीए की ओर से जदयू ने जहां दो बार विधायक रह चुकीं लवली आनंद और इंडिया गठबंधन से आरजेडी ने रितु जायसवाल को टिकट दिया था. यहां 12 उम्मीदवारों के बीच सवर्ण समाज में राजपूत जाति से लवली आनंद और वैश्य समाज की रितु जायसवाल के बीच मुख्य मुकाबला है.
बता दें कि 2009, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में शिवहर सीट पर बीजेपी का कब्जा था. इस बार, एनडीए में सीट-बंटवारे की व्यवस्था के तहत यह सीट जद (यू) के कोटे में आ गई. वहीं, इंडिया गठबंधन के सहयोगी दल राजद ने चर्चित नेता आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद के खिलाफ एक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी की पत्नी और जाति से वैश्य, बेदाग छवि की रितु जायसवाल को मैदान में उतारा था. इससे शिवहर का मुकाबला दिलचस्प बन गया क्योंकि वैश्य समाज परंपरागत रूप से एनडीए का वोटर माना जाता है, लेकिन राजद के कैंडिडेट के कारण चुनावी जीत हार का गणित उलझ गया है.
बता दें कि अनुमानित रूप से इस लोकसभा सीट पर 25 फीसदी वैश्य, ईबीसी मतदाता 30%, दलित 20%, मुस्लिम 18% और उच्च जातियां 17% हैं. 2019 में शिवहर से भाजपा की रमा देवी लगातार तीसरी बार संसद पहुंची थीं. सियासी इतिहास की बात करें, तो प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी और भारत में सहकारी आंदोलन के जनक के रूप में जाने जाने वाले ठाकुर जुगल किशोर सिन्हा इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. रामदुलारी सिन्हा और हरिकिशोर सिंह शिवहर से संसद पहुंचे. बाद में राज्यपाल तक बने.
रामदुलारी सिन्हा के बेटे डॉ मधुरेन्द्र कुमार सिंह भी 1989 में कांग्रेस से चुनाव लड़ चुके हैं. 1984 के लोकसभा चुनाव के बाद यहां कांग्रेस का दबदबा खत्म होता रहा. 1989 में जनता दल के हरिकिशोर सिंह जीते. साल 1996 में समता पार्टी से लड़े आनंद मोहन सिंह ने उनकी जगह ली. अगला चुनाव भी वह जीते. 1999 और 2004 में राजद जीतता रहा. 2009 से भाजपा के पास यह सीट थी. 2024 में भाजपा ने इस सीट को छोड़ दिया. एनडीए के घटक दल जदयू के पास चली गई.
Tags: Bihar News, Loksabha Election 2024, Loksabha ElectionsFIRST PUBLISHED : June 4, 2024, 03:39 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed