केजरीवाल का हवाला देकर सोरेन SC में ASG राजू ने क्यों दी यह दलील

Hemant Soren Bail Petition: कथित जमीन घोटाले में गिरफ्तार झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) नेता हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान ASG एसवी राजू और कपिल सिब्बल के बीच तीखी बहस देखी गई. ED की ओर से ASG एसवी राजू ने कहा कि केजरीवाल को मिली राहत का हवाला देकर सोरेन ज़मानत की मांग नहीं कर सकते.

केजरीवाल का हवाला देकर सोरेन SC में  ASG राजू ने क्यों दी यह दलील
नई दिल्ली: कथित जमीन घोटाले में गिरफ्तार झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) नेता हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई. सबसे बड़ा सवाल यहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरह क्या झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी चुनाव प्रचार में शामिल होने के लिए अंतरिम जमानत मिलेगी? बता दें कि जस्टिस दीपांकर दत्त और सतीश चंद्र शर्मा की अवकाशकालीन बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है. सुनवाई के दौरान ASG एसवी राजू और कपिल सिब्बल के बीच तीखी बहस देखी गई. ED की ओर से ASG एसवी राजू ने कहा कि केजरीवाल को मिली राहत का हवाला देकर सोरेन ज़मानत की मांग नहीं कर सकते. दोनों केस में तथ्य अलग अलग हैं. सोरेन की गिरफ्तारी चुनाव से पहले हो गई थी. फिर इस केस में तो सोरेन के खिलाफ चार्जशीट पर कोर्ट संज्ञान ले चुका है, यानी निचली अदालत ने पहली नज़र में उनके खिलाफ केस को माना था. इस आदेश को उन्होंने कहीं चुनौती नहीं दी. यही नहीं, सोरेन की ज़मानत अर्जी भी खारिज हो चुकी है. पढ़ें- Lok Sabha Chunav 2024: क्‍यों PM मोदी को छोड़ योगी को व‍िपक्ष बना रहा न‍िशाना? यूपी के मुख्‍यमंत्री का बुलडोजर मॉडल तो वजह नहीं… सिब्बल ने क्यों जताई आपत्ति बहस के दौरान ED की तरफ़ से ASG राजू बीच में टोक रहे थे. हेमंत सोरेन की ओर से वकील कपिल सिब्बल ने आपत्ति जताई. कोर्ट ने भी बोला कि आपको बोलने का मौक़ा मिलेगा. ASG राजू ने दलील में आगे कहा कि वो एक बात साफ़ करना चाहते हैं कि यहां कोर्ट संज्ञान ले चुका है. ये इस मामले में फ़र्क़ है. उन्होंने ज़मानत भी दाखिल की थी. ASG राजू ने आगे जमानत जो ख़ारिज हो गई और उन्हें चुनावों की घोषणा से कुछ दिन पहले गिरफ़्तार नहीं किया गया था. हेमंत सोरेन के ख़िलाफ़ प्रथम दृष्टया केस पाने के बाद कोर्ट ने संज्ञान लिया. 15 अप्रैल को इन्होंने ज़मानत दाखिल की. जो 13 मई को ख़ारिज हो गई. ये केजरीवाल मामले से अलग है. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें इस पर संतुष्ट होना होगा कि क्या कोर्ट के संज्ञान लेने के बाद भी क्या गिरफ़्तारी को चुनौती दी जा सकती है. प्रवीर पुरकायस्थ का केस अलग था, उसमे तो गिरफ़्तारी के ग्राउंड नहीं दिये गये थे. Tags: Hemant soren, Kapil sibal, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : May 21, 2024, 13:11 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed