हेलो 4 लोग पुलिस को आई एक कॉल ने कैसे खोल दिया NEET पेपर लीक कांड का पिटारा
हेलो 4 लोग पुलिस को आई एक कॉल ने कैसे खोल दिया NEET पेपर लीक कांड का पिटारा
NEET Paper Leak: नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) के पेपर लीक को लेकर घमासान मचा हुआ है. विपक्षी दल लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर हैं. नीट पेपर लीक कांड की पोल-पट्टी एक फोन कॉल से खुली, जिसमें अब कई बड़े नाम शक के घेरे में आते दिख रहे हैं.
नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) के पेपर लीक को लेकर घमासान मचा हुआ है. विपक्षी दल लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर हैं. नीट पेपर लीक कांड की पोल-पट्टी एक फोन कॉल से खुली, जिसमें अब कई बड़े नाम शक के घेरे में आते दिख रहे हैं. दरअसल 5 मई को नीट-यूजी (NEET-UG) परीक्षा शुरू होने से करीब तीन घंटे पहले पटना पुलिस को एक फोल कॉल आया था. कॉल करने वाले अपना नाम तो नहीं बताया, लेकिन बस इतना कहा कि चार अपराधी एक एसयूवी से अपने ठिकाने की तरफ जा रहे हैं. इस फोन कॉल से मिली आधी-अधूरी जानकारी ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा में हुई धांधली का पूरा पिटारा ही खोलकर रख दिया.
पटना के शास्त्री नगर पुलिस थाने की टीम ने फोन पर मिली सूचना पर तुरंत एक्शन लिया और एसयूवी में सवार चारों लोगों को पकड़ लिया. उनसे जब जोर देकर पूछताछ की गई, तो वे पुलिसवालों को एक दूसरी जगह ले गए, जहां NEET-UG में शामिल होने वाले 30 उम्मीदवारों को ठहराया गया था. इन लोगों ने कथित तौर पर नीट के लीक पेपर और उसके जवाबों के लिए 30 से 50 लाख रुपये दिए थे. पुलिस ने कहा कि इन सभी लोगों को राम कृष्ण नगर में रखा गया था, जहां उनसे रातभर में सारे जवाब याद कराए गए थे.
रातभर रटवाए गए NEET एग्जाम के सारे जवाब
पुलिस ने मुताबिक, एसयूवी से गिरफ्तार इन चारों लोगों को रातभर में छात्रों को सभी जवाब याद कराना और फिर उन्हें उनके एग्जाम सेंटर पर छोड़ने का काम सौंपा गया था. मामले में पहली गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने कई जगहों पर रेड मारी, वहां पुलिस को सेफ हाउस में 13 रोल नंबर मिले. फिर करीब घंटेभर के अंदर, पुलिस की कई टीमें NEET के परीक्षा केंद्रों पर पहुंच गईं. पुलिस ने वहां से चार छात्रों को पकड़ा और उनसे पूछताछ के बाद उन्हें दानापुर नगर परिषद में जूनियर इंजीनियर सिकंदर यादवेंदु सहित नौ और नाम मिले.
यादवेंदु ने कथित तौर पर 4 मई को उम्मीदवारों को याद करने के लिए नीट के प्रश्नपत्र और उत्तर दिए थे. 6 मई को, पुलिस ने यादवेंदु के फ्लैट से जले हुए प्रश्नपत्र बरामद किए और फिर अगले दिन, कुछ छात्रों के माता-पिता सहित 13 लोगों को हिरासत में लिया गया. इस बाद मामले को तूल पकड़ता देख 11 मई को यह केस ईओयू को सौंप दिया गया.
यूनिट के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लों को जांच का नेतृत्व सौंपा गया. पूछताछ में यादवेंदु और पेपर लीक के पीछे कथित तौर पर शामिल दो अन्य – नीतीश कुमार और अमित आनंद – ने लीक की बात कबूल की. अमित और नीतीश को परीक्षा से एक दिन पहले 4 मई को हजारीबाग के एक नीट परीक्षा केंद्र से उनके वॉट्सएप पर प्रश्नपत्र मिले थे.
एक अधिकारी ने कहा, ‘प्रश्नपत्रों की फोटोकॉपी अभ्यर्थियों को दी गई और उन्हें उत्तर याद करने के लिए कहा गया. डुप्लिकेट प्रश्नपत्रों को बाद में सुबह एकत्र किया गया और जला दिया गया.’
नीट पेपर लीक कांड का किंगपिन कौन?
इस नीट पेपर लीक कांड में बड़ा नाम संजीव सिंह उर्फ संजीव मुखिया है, जो इस पूरे कांड का मास्टर माइंड बताया जा रहा है. मुखिया मूल रूप से बिहार के नालंदा स्थित नगरनौसा का रहने वाला है. नीट पेपर लीक कांड में पटना पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए दानापुर नगर परिषद के जूनियर इंजीनियर सिकंदर कुमार यादवेंदु ने संजीव मुखिया का नाम लिया था, जिसके आधार पर शास्त्री नगर थाने की पुलिस ने उसको अभियुक्त बनाते हुए केस दर्ज किया था. फिलहाल संजीव मुखिया फरार चल रहा है और इकोनामिक ऑफेंस यूनिट यानी EOU उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है.
संजीव मुखिया सॉल्वर गैंग का बड़ा नाम है और डेढ़-दो दशकों से वह सॉल्वर गैंग को संभाल रहा है. संजीव मुखिया का बेटा डॉक्टर शिव पेशे से डॉक्टर है और सूत्रों की मानें तो सॉल्वर गैंग की मदद से ही डॉक्टर शिव MBBS क्वालीफाइ कर पाया. आज डॉक्टर शिव भी शिक्षक पेपर लीक कांड मामले में गिरफ्तार होकर पटना की बेउर जेल में बंद है.
10 डॉक्टर और 2 सॉल्वर ने हल लिया NEET का पेपर
इस बीच एक प्रोफेसर भी EOU के रडार पर है. सूत्रों के मुताबिक, EOU के जांच में यह पता चला है कि जो जला हुआ प्रश्नपत्र मिला था, उसका बुकलेट नंबर 6136488 है. यह बुकलेट नंबर हजारीबाग के एक सेंटर का है. सूत्रों की मानें तो एक प्रोफेसर के नंबर से संजीव मुखिया के मोबाइल पर यह प्रश्नपत्र आया था. फिर इस प्रश्नपत्र को रांची के रिम्स हॉस्पिटल के 10 डॉक्टर ओर पटना के दो सॉल्वर ने मिलकर हल किया. फिर इस हल किए हुए प्रश्नपत्र के साथ आंसर सीट को करायपरसूराय इलाके के रहने वाले चिंटू के मोबाइल पर भेजा गया. उसके बाद क्वेश्चन पेपर को आंसर सीट के साथ प्रिंट कराकर लर्न प्ले स्कूल में पहले से मौजूद परिक्षर्थियों को रटने के लिए बांटा गया.
वहीं नीट पेपर लीक मामले में EOU ने नालंदा जिले के एकंगरसराय से राकेश नाम के व्यक्ति को उठाया है. राकेश सॉल्वर गैंग का सदस्य बताया जा रहा है. राकेश संजीव मुखिया के बेटे डॉक्टर शिव से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है.
Tags: NEET, Neet examFIRST PUBLISHED : June 22, 2024, 10:12 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed