कौन थे पाकिस्तान के खिलाफ चार युद्ध लड़ने वाले बलदेव सिंह जिनकी थम गईं सांसें
कौन थे पाकिस्तान के खिलाफ चार युद्ध लड़ने वाले बलदेव सिंह जिनकी थम गईं सांसें
Havildar Baldev Singh Death: राजौरी के हवलदार बलदेव सिंह, जिन्होंने चार युद्ध लड़े और भारतीय सेना में तीन दशक सेवा की, का 93 वर्ष की उम्र में निधन हुआ. सोमवार को सैन्य सम्मान के साथ उनकी विदाई दी गई.
राजौरी: एक ऐसे वीर सिपाही जो अपने साहस और देशभक्ति के लिए इतिहास में हमेशा के लिए अमर हो गए. जिन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ चार युद्ध लड़े और भारतीय सेना में तीन दशकों तक अपनी सेवाएं दीं, उनकी सोमवार को सांसे थम गईं. हवलदार बलदेव सिंह (रिटायर्ड) का सोमवार को उनके गृह नगर राजौरी जिले के नौशेरा में निधन हो गया. वह 93 साल के थे. रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बर्तवाल (Defence Spokesperson Lt Col Sunil Bartwal) ने बताया कि उनका निधन प्राकृतिक कारणों (natural causes) से हुआ.
नौशेरा के बहादुर बेटे का सफर
बता दें कि हवलदार बलदेव सिंह का जन्म 27 सितंबर 1931 को नौशेरा के नौनिहाल गांव में हुआ था. केवल 16 साल की उम्र में, उन्होंने ब्रिगेडियर उस्मान की अगुवाई में “बाल सेना” में शामिल हो गए.
1947-48 के नौशेरा और झांगर की लड़ाई के दौरान, बाल सेना के लड़कों (12-16 साल की उम्र) ने भारतीय सेना के लिए महत्वपूर्ण समय पर संदेशवाहक (messenger) के रूप में काम किया था. उनके इस योगदान के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने उन्हें ग्रामोफोन, घड़ियां और भारतीय सेना में शामिल होने का मौका दिया था.
सेना में बलदेव सिंह का योगदान
बलदेव सिंह 14 नवंबर 1950 को सेना में भर्ती हुए. उन्होंने करीब तीन दशक तक देश की सेवा की और 1961, 1962 और 1965 के भारत-पाक युद्धों में हिस्सा लिया. 1969 में रिटायर होने के बाद, उन्हें 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान फिर से बुलाया गया. इस दौरान उन्होंने 11 जाट बटालियन (25 इन्फैंट्री डिवीजन) के साथ आठ महीने तक सेवा की.
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अपने लंबे करियर के दौरान, बलदेव सिंह को कई सम्मानों से नवाजा गया. उनकी बहादुरी को देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से लेकर वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक ने सराहा. सोमवार को उनके गांव नौनिहाल में पूरे सैन्य सम्मान और प्रोटोकॉल के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया.
Tags: Local18, Special ProjectFIRST PUBLISHED : January 8, 2025, 10:18 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed