Uttarakhand: इस ऐप से घर बैठे बेंच सकेंगे ई-वेस्ट खरीददार से सीधे कर सकेंगे मोल-भाव
Uttarakhand: इस ऐप से घर बैठे बेंच सकेंगे ई-वेस्ट खरीददार से सीधे कर सकेंगे मोल-भाव
Pithoragarh News: ई-वेस्ट के यूज के लिए बने ऐप में जहां बेचने वाला अपने ई-वेस्ट की कीमत तय कर सकता है, वहीं सीधे खरीददार से मोलभाव भी कर सकता है. आमतौर पर ये देखा जाता है कि ई-वेस्ट को लोग या तो घरों में रख लेते हैं या फिर फेंक देते हैं. जिससे उन्हें कोई फायदा नहीं होता है. लेकिन ऐप की मदद से ई-वेस्ट बेचने वालों को कीमत भी मिल सकेगी. ई-वेस्ट का ऐप एनआईसी ने तैयार किया है.
हाइलाइट्सई-वेस्ट का तीसरा बड़ा उत्पादक देश है भारतई-वेस्ट के निस्तारण के लिए पिथौरागढ़ प्रशासन ने बनाया ऐप
पिथौरागढ़. ई-वेस्ट बड़ी वैश्विक समस्या है. इसके कारण पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. विश्व भर के तमाम देश इसके निस्तारण को लेकर चिंतित रहते हैं. समय समय पर इसके लिए वैश्विक सम्मेलनों का आयोजन भी किया जाता है. भारत में भी ई-वेस्ट बड़ी समस्या है. ई-वेस्ट की समस्या अब पहाड़ों में भी बढ़ रही है. जिसे देखते हुए उत्तराखंड के पिथौरागढ़ प्रशासन ने एक अलग पहल की है. इस पहल के परवान चढ़ने के बाद ई-वेस्ट से तो मुक्ति मिलेगी ही, साथ ही ई-वेस्ट बेचने वालों को फायदा भी होगा.
गौरतलब है कि भारत, चीन और अमेरिका के बाद उन देशों में शामिल है जहां ई-वेस्ट सबसे अधिक है. हालात ये हैं कि हर साल देश में 32 लाख टन ई-वेस्ट निकलता है. लेकिन हैरानी इस बात है कि मात्र 15 फीसदी ही ई-वेस्ट का निस्तारण हो पाता है. ऐसे में पिथौरागढ़ प्रशासन ने ई-वेस्ट को यूज करने के लिए एक ऐप तैयार किया है. इस ऐप की मदद से खरीददार और बेचने वालों को सीधे जोड़ा जाएगा.
ऐप के रहेंगे ये फायदे
ई-वेस्ट के यूज के लिए बने ऐप में जहां बेचने वाला अपने ई-वेस्ट की कीमत तय कर सकता है, वहीं सीधे खरीददार से मोलभाव भी कर सकता है. आमतौर पर ये देखा जाता है कि ई-वेस्ट को लोग या तो घरों में रख लेते हैं या फिर फेंक देते हैं. जिससे उन्हें कोई फायदा नहीं होता है. लेकिन ऐप की मदद से ई-वेस्ट बेचने वालों को कीमत भी मिल सकेगी. ई-वेस्ट का ऐप एनआईसी ने तैयार किया है.
आपको बता दें कि देश-दुनिया के साथ ही पहाड़ों में भी ई-वेस्ट काफी मात्रा में निकल रहा है. जिससे पर्यावरण बहुत प्रभावित हो रहा है. ई-वेस्ट के कारण पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. ऐसे में अगर लोग इस ऐप की मदद लेंगे तो पर्यावरण का तो संरक्षण होगा ही, साथ ही अन्य फायदे भी मिल सकेंगे.अब देखने वाली बात होगी कि पिथौरागढ़ प्रशासन की यह पहल कितनी कारगर रहती है.
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Tags: Environment, Pithoragarh district, Pithoragarh news, Uttarakhand newsFIRST PUBLISHED : October 26, 2022, 08:54 IST