Climate Change: खतरे में पड़ा सेब 100 से ज्यादा प्रजातियों पर संकट

कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश में सबसे ज्यादा सेब की पैदावार होती है लेकिन जलवायुव परिवर्तन की मार अब सीधे इसकी पैदावार पर असर डाल रही है और कई प्रजातियों पर खतरा मंडरा रहा है.

Climate Change: खतरे में पड़ा सेब 100 से ज्यादा प्रजातियों पर संकट
पिथौरागढ़. हिमालया रेंज में जलवायु परिवर्तन की मार अब सेब की कई प्रजातियों पर पड़ रही है. जीबी पंत हिमालयी राष्ट्रीय पर्यावरण संस्थान की रिसर्च में करीब सौ से अधिक सेब की प्रजातियों पर संकट बताया जा रहा है. संस्थान सेब के प्रजातियों पर संकट के लिए ग्रीन हाउस गैसों को भी जिम्मेदार मान है. हिमालय रेंज में मौजूद कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड और अरूणाचल में सबसे अधिक सेब होता है. सेब का भारी उत्पादन इन राज्यों की अर्थ व्यवस्था का अहम हिस्सा है. यही नहीं अकेले कश्मीर में देश का 70 फीसदी सेब पैदा होता है. लेकिन अब लगता है हिमालय में सेब की प्रजातियों पर जलवायु परिवर्तन की सीधी मार पड़ रही है. जीबी पंत संस्थान ने राष्ट्रीय हिमालयी अध्ययन मिशन में पाया कि इन राज्यों में सौ से अधिक सेब की प्रजातियों पर जलवायु परिवर्तन का सीधा असर पड़ा है. राष्ट्रीय हिमालयी अध्ययन मिशन के नोडल अधिकारी कीरीट कुमार ने बताया कि सेब के उत्पादन में मौसम बदलाव का सीधा असर पड़ रहा है. नतीजा ये है कि मौसम बदलने से हिमालया रेंज की सौ से अधिक प्रजातियां इससे प्रभावित हो रही है. साथ ही कीरीट कुमार का मानना है कि इस रिसर्च से काफी फायदा भी होगा, रिसर्च की रिपोर्ट को राज्यों की सरकार को दिया जाएगा. ताकि समय रहते कदम उठाएं जा सकें. अकेले कश्मीर घाटी में ही सेब की सौ से अधिक प्रजातियां मौजूद हैं. जिनमें अधिकांश प्रजातियों पर खतरा मंडरा रहा है. सेब की सौ साल पुरानी रॉयल डिलिशियस जैसी प्रजाती भी संकट में है. इसके अलावा मिच गाला, गाला रेडलम, गाला मस्ट, रेड गोल्ड, फ्यूजी जैन, रेड फ्यूजी सुपर चीफ और रिचा रेड जैसी प्रजातियां पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं. रिसर्च के मुताबिक कई सेब की प्रजातियों की पैदावार भी कम होने लगी है. यही नही पैदा हो रहे सेब के स्वाद भी बदल रहा है. सेब की प्रजातियों में ये खतरा हिमालय रेंज में जलवायु बदलने से आया है. हिमालयी राज्यों में बीते कुछ सालों में मौसम में खासा बदलाव देखा गया है. जिस कारण ठंडे इलाकों में भी पारा चढ़ने लगा है. पारा चढ़ने से सबसे अधिक प्रभावित सेब की प्रजातियां होती हैं. जबकि सेब के उत्पादन के लिए एक फिक्स टेम्प्रेरेटर की जरूरत होती है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Apple, Up uttarakhand news liveFIRST PUBLISHED : June 27, 2022, 19:27 IST