Nainital: जसूली देवी की धर्मशाला बनेगी म्यूजियम कुमाऊंनी शैली की दिखेगी झलक

Nainital News: नैनीताल के भवाली नगर में कुमाऊंनी शैली में एक म्यूजियम बनाया जा रहा है. दरअसल कभी यह कुमाऊं की सबसे दानी महिला जसूली देवी की धर्मशाला हुआ करती थी, लेकिन अब इसे म्यूजियम का रूप दिया जा रहा है.

Nainital: जसूली देवी की धर्मशाला बनेगी म्यूजियम कुमाऊंनी शैली की दिखेगी झलक
रिपोर्ट- हिमांशु जोशी भवाली. उत्तराखंड के नैनीताल जिले में छोटा सा खूबसूरत भवाली नगर पड़ता है. यहां अब एक म्यूजियम तैयार किया जा रहा है. इस म्यूजियम को कुमाऊंनी शैली में बनाया जा रहा है. दरअसल कभी यह कुमाऊं की सबसे दानी महिला जसूली देवी की धर्मशाला हुआ करती थी, जिसका पुनःनिर्माण कर उसे म्यूजियम का रूप दिया जा रहा है. यह पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र तो बनेगा ही, साथ ही इसमें उत्तराखंड के इतिहास से जुड़े सामान, औजार और अन्य चीजें भी देखने को मिलेंगी. भवाली नगरपालिका के अध्यक्ष संजय वर्मा ने बताया कि इस जगह पर एक धर्मशाला थी, जो काफी साल पुरानी थी. समय के साथ ही उसकी हालत काफी खराब हो गई थी और उस क्षेत्र पर कुछ लोगों का कब्जा भी हो गया था. उस धर्मशाला को दानवीर जसूली देवी शौक्याणी ने बनवाया था. उसका नवीनीकरण कर उसको एक म्यूजियम में बदला जा रहा है. इसमें खास बात यह भी है कि इसके निर्माण के लिए अल्मोड़ा से लाए गए पारंपरिक पत्थरों का इस्तेमाल किया जा रहा है और उसे पूरा कुमाऊंनी शैली में तैयार किया जा रहा है. नगरपालिका के अध्यक्ष ने आगे बताया कि म्यूजियम में लगाई जा रही लकड़ी में बेहतरीन नक्काशी की जा रही है. इसके लिए शासन को 64 लाख रुपये का प्रस्ताव बनाकर भेजा गया था. हालांकि इसके लिए 42 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत हो चुकी है. इस म्यूजियम में पुराने औजार और यहां की संस्कृति से जुड़ी चीजें रखी जाएंगी. इसके अलावा शौचालय की व्यवस्था भी की जाएगी. यह म्यूजियम पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेगा. इस पर टिकट राशि रखने पर भी विचार किया जाएगा. लगभग 6 महीने के अंदर यह म्यूजियम पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा. इस म्यूजियम को बनाने का मुख्य उद्देश्य संस्कृति को बचाना और साथ ही भवाली के व्यापारियों को भी लाभ देना है. जानें कौन थीं जसूली देवी शौक्याणी बता दें कि जसूली देवी शौक्याणी दारमा घाटी की एक प्रसिद्ध महिला व्यापारी थीं, जिनके बारे में कहा जाता है कि वह काफी अमीर और दानवीर थीं. सन 1870 से 1880 के बीच उन्होंने कई जगहों पर करीब 350 धर्मशालाओं का निर्माण कराया था. कई भवन खंडहर हो चुके हैं, तो कुछ की हालत अभी फिलहाल ठीक है. नैनीताल, भवाली, अल्मोड़ा में इनकी बनाई हुई धर्मशालाएं आज भी देखने को मिल जाएंगी. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Nainital newsFIRST PUBLISHED : September 26, 2022, 14:10 IST