Bhimtal Dam: ब्रिटिशकाल में बना था भीमताल डैम जानिए अंग्रेजों ने क्यों दिया था इसे S का आकार

Bhimtal Dam: इतिहासकार प्रोफेसर अजय रावत ने बताया कि अंग्रेजों के शासनकाल में भीमताल डैम से 15 मई से 30 जून तक पानी की सप्लाई की जाती थी, लेकिन अंग्रेजों के जाने के बाद जब काठगोदाम का बैराज भर जाता था, तब इस डैम को बंद कर दिया जाता था.

Bhimtal Dam: ब्रिटिशकाल में बना था भीमताल डैम जानिए अंग्रेजों ने क्यों दिया था इसे S का आकार
हाइलाइट्सभीमताल डैम का निर्माण 1884 से 1887 के बीच हुआ था. करीब 135 वर्षों के बाद भी यह काफी मजबूत स्थिति में है.भीमताल डैम का क्षेत्रफल 45.3 हेक्टेयर है. हिमांशु जोशी भीमताल. उत्तराखंड के नैनीताल जिले में आज भी अंग्रेजों की कई निशानियां मौजूद हैं. भीमताल झील के पास स्थित डैम ब्रिटिशकालीन है. वर्षों पुराना यह डैम आज भी ज्यों का त्यों खड़ा है. इस डैम का निर्माण 1884 से 1887 के बीच हुआ था. स्थानीय निवासी पूरन बृजवासी का कहना है कि इसे बनाने की मुख्य वजह थी भाबर और तराई क्षेत्रों में गर्मी के दौरान पानी पहुंचाना. आज करीब 135 वर्षों के बाद भी यह काफी मजबूत स्थिति में है. भीमताल डैम के बनने से पहले भीमताल का विकास बतौर हिल स्टेशन नहीं हुआ था. यह जगह नैनीताल में रहने वाले लोगों के लिए वीकेंड में घूमने की तरह थी. हालांकि भीमताल का सरोवर काफी महत्वपूर्ण था, जिस वजह से इस डैम का निर्माण किया गया. इस डैम में इकट्ठा होने वाला पानी और नौकुचियाताल का ग्राउंड वॉटर तराई भाबर क्षेत्र की ओर भेजा जाता था. इतिहासकार प्रोफेसर अजय रावत ने बताया कि अंग्रेजों के शासनकाल में 15 मई से 30 जून तक पानी की सप्लाई की जाती थी, लेकिन अंग्रेजों के जाने के बाद जब काठगोदाम का बैराज भर जाता था, तब इस डैम को बंद कर दिया जाता था. खेतीबाड़ी के मकसद से ही अंग्रेजों ने इस डैम को बनाया था. आजादी के बाद भी इस डैम से पानी की सप्लाई की जाती थी. हालांकि वर्तमान में पिछले कुछ वर्षों से पानी की सप्लाई नहीं की जा रही है. भीमताल डैम का क्षेत्रफल 45.3 हेक्टेयर का है. इसका जलागम क्षेत्र यानी केचमेंट एरिया 17.12 स्क्वायर किलोमीटर का है. डैम की स्टोरेज कैपेसिटी 4.59 मिलियन क्यूबिक मीटर है. अंग्रेजी अल्फाबेट के S आकार का बना है डैम डॉ अजय रावत ने बताया कि इस डैम को बनाने के लिए पत्थर और चूने का इस्तेमाल किया गया था, जिस वजह से आज भी यह काफी मजबूत है. इस डैम को अंग्रेजी अल्फाबेट के S आकार का बनाया गया है. भीमताल झील के पानी के प्रेशर को हैंडल करने के लिए यह सबसे बढ़िया डिजाइन माना जाता था, जिस वजह से यह आकार दिया गया. इस डैम से बिलकुल जुड़ा हुआ एक प्राचीन मंदिर है, जिसे भीमेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है. 17वीं शताब्दी में राजा बाज बहादुर चंद ने इस मंदिर की स्थापना की थी. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Nainital newsFIRST PUBLISHED : August 04, 2022, 18:14 IST