उत्तराखंड से दिल्ली भेजे जाएंगे चौड़ी पत्ती वाले 5000 पौधे हवा में सुधरेगा ऑक्सीजन लेवल

हल्द्वानी से दिल्ली भेजे जाने वाले 5,000 पौधों में पीपल, बरगद, पाकड़, ढाक, गूलर के पौधे भी शामिल हैं, यह ऑक्सीजन का स्तर सुधारने में मददगार माने जाते हैं. देवभूमि उत्तराखंड में पाए जाने वाले चौड़ी पत्ती वाले पौधे प्रदूषण के स्तर को काफी हद तक कम करने में सक्षम हैं. यह पौधे पारिस्थितिकी तंत्र का एक बड़ा हिस्सा हैं

उत्तराखंड से दिल्ली भेजे जाएंगे चौड़ी पत्ती वाले 5000 पौधे हवा में सुधरेगा ऑक्सीजन लेवल
पवन सिंह कुंवर हल्द्वानी. देश की राजधानी दिल्ली प्रदूषण की गंभीर समस्या से जूझ रही है. दिल्ली के कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी एक्यूआई खतरनाक स्थिति में है. ऐसे में अब उत्तराखंड ने दिल्ली की इस समस्या से निपटने में मदद के लिए हाथ बढ़ाया है. हल्द्वानी वन अनुसंधान और लालकुआं वन अनुसंधान केंद्र से दिल्ली को खास चौड़ी पत्ती वाले अलग-अलग प्रजाति के 5,000 पौधे भेजे जा रहे हैं, जो दिल्ली के प्रदूषण को कम करने में मदद करेंगे. इन पौधों को दिल्ली में बायोडायवर्सिटी पार्क में लगाया जाएगा जिससे वहां पर्यावरण के साथ ही लोगों की सेहत अच्छी हो सके. वन अनुसंधान केंद्र हल्द्वानी में कई तरह के पौधे तैयार किए जाते हैं. इनमें औषधीय से लेकर लुप्तप्राय: हो चुके पौधों को विशेषज्ञों की देखरेख में उगाया जाता है. चौड़ी पत्ती समेत कई प्रकार के पौधे दिल्ली के प्रदूषण को कम करने के लिए हल्द्वानी से भेजे जा रहे हैं. आपके शहर से (दिल्ली-एनसीआर) उत्तराखंड उत्तर प्रदेश बिहार मध्य प्रदेश राजस्थान हरियाणा झारखंड छत्तीसगढ़ हिमाचल प्रदेश महाराष्ट्र पंजाब दिल्ली-एनसीआर ऋषिकेश देहरादून चमोली नैनीताल पिथौरागढ़ पौड़ी गढ़वाल बागेश्वर रुद्रप्रयाग चम्पावत टिहरी गढ़वाल हरिद्वार अल्मोड़ा उत्तरकाशी ऊधमसिंह नगर हल्द्वानी Explainer : किसी हत्या के मामले में क्या होती है पुलिस प्रक्रिया, कैसे कोर्ट में होती है सजा MCD चुनाव में BJP ने उतारी स्टार प्रचारकों की फौज, अमित शाह समेत ये 40 दिग्गज संभालेंगे कमान; देखें लिस्ट 'गांजे का आदी हूं...नशे में की श्रद्धा की हत्या...देहरादून में फेंके शव के कुछ टुकड़े'...पूछताछ में बोला आफताब Agniveer vayu Recruitment 2022: वायुसेना में इन पदों पर आवेदन करने के बचे हैं चंद दिन, 12वीं पास करें अप्लाई, होगी अच्छी सैलरी Nisha Rawal B'day Spl: निशा रावल को पहली नजर में दिल दे बैठे थे करण मेहरा, अब राहें हैं जुदा इस बार रिकॉर्ड तोड़ रहा चिकनगुनिया, डरा रहे एनवीबीडीसीपी के ये आंकड़े Delhi Winter: ...तो इस बार दिल्ली में पड़ेगी हाड़ कंपाने वाली सर्दी! आज के मौसम के तेवर से तो यही लगता है श्रद्धा मर्डर केस में हुए कई बड़े खुलासे, आफताब का झूठ भी बेनकाब; सामने आया 'कातिल' की जिंदगी का एक बड़ा राज MCD चुनाव में श्रद्धा मर्डर की एंट्री, BJP कैंडिडेट ने 'लव जिहाद' से 'बहनों को बचाने' की खाई कसम प्रियंका चोपड़ा से सेलिना जेटली तक, इन एक्ट्रेसेज ने विदेशियों को बनाया था अपना जीवनसाथी- देखें LIST BJP ने जारी किया AAP नेता मुकेश गोयल का स्टिंग वीडियो, MCD टिकट के बदले मांग रहे 'एक खोखा' उत्तराखंड उत्तर प्रदेश बिहार मध्य प्रदेश राजस्थान हरियाणा झारखंड छत्तीसगढ़ हिमाचल प्रदेश महाराष्ट्र पंजाब दिल्ली-एनसीआर ऋषिकेश देहरादून चमोली नैनीताल पिथौरागढ़ पौड़ी गढ़वाल बागेश्वर रुद्रप्रयाग चम्पावत टिहरी गढ़वाल हरिद्वार अल्मोड़ा उत्तरकाशी ऊधमसिंह नगर हल्द्वानी इस बारे में वन क्षेत्राधिकारी मदन सिंह बिष्ट ने बताया कि दिल्ली की सेहत सुधारने के लिए मुख्य तौर पर चौड़ी पत्ती वाले पौधे भेजे जा रहे हैं. इसमें सागौन, हल्दू, खैर समेत कई तरह के पौधे शामिल हैं. वैसे तो दिल्ली अलग-अलग राज्यों से पौधे मंगवाता है. उत्तराखंड के पौधे वहां सर्वाइव कर जाते हैं, जिसके कारण हर साल दिल्ली उत्तराखंड से ही पौधे मंगाता है. हर वर्ष दिल्ली को लगभग पांच हजार पौधे हल्द्वानी वन अनुसंधान केंद्र भेजता रहा है. दिल्ली भेजे जाने वाले पौधों में पीपल, बरगद, पाकड़, ढाक, गूलर के पौधे भी शामिल हैं, जो ऑक्सीजन का स्तर सुधारने में मददगार माने जाते हैं. देवभूमि उत्तराखंड में पाए जाने वाले चौड़ी पत्ती वाले पौधे प्रदूषण के स्तर को काफी हद तक कम करने में सक्षम हैं. यह पौधे पारिस्थितिकी तंत्र का एक बड़ा हिस्सा हैं. जैव विविधता से परिपूर्ण ये पौधे प्रदूषित दिल्ली के पारिस्थितिक तंत्र को मजबूत करने में भी मददगार साबित होंगे. हल्द्वानी वन अनुसंधान केंद्र में इन पौधों को विकसित किया गया है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: Delhi pollution, Haldwani news, Oxygen, Uttarakhand newsFIRST PUBLISHED : November 18, 2022, 14:15 IST