मोरबी पुल: वाघजी ठाकोर ने यूरोप की बेस्ट टेक्नोलॉजी से था बनवाया तब लगे थे 35 लाख

गुजरात के मोरबी में मच्छू नही पर बने पुल को 19वीं सदी के शासक वाघजी ठाकोर ने बनवाया था. 19वीं शताब्दी में बने इस पुल को इंजीनियरिंग का एक चमत्कार माना जाता था. मोरबी के शासकों की प्रगतिशील और वैज्ञानिक सोच को ये पुल सामने लाता था.

मोरबी पुल: वाघजी ठाकोर ने यूरोप की बेस्ट टेक्नोलॉजी से था बनवाया तब लगे थे 35 लाख
हाइलाइट्ससर वाघजी ठाकोर ने 1922 तक मोरबी पर शासन किया. वे ब्रिटिश साइंस और टेक्नोलॉजी से प्रभावित थे और उन्होंने इस पुल को बनवाने का फैसला किया. इसे दरबारगढ़ पैलेस को नजरबाग पैलेस से जोड़ने के लिए बनाया गया था. गांधीनगर. गुजरात के मोरबी में मच्छू नही पर बने पुल को 19वीं सदी के शासक वाघजी ठाकोर ने बनवाया था. 19वीं शताब्दी में बने इस पुल को इंजीनियरिंग का एक चमत्कार माना जाता था. मोरबी के शासकों की प्रगतिशील और वैज्ञानिक सोच को ये पुल सामने लाता था. मोरबी के इस पुल को झूलता पुल भी कहा जाता है जो 143 साल से भी ज्यादा पुराना था. इसकी लंबाई लगभग 765 फीट है. इस पुल की नींव 20 फरवरी 1879 को मुंबई के तत्कालीन गवर्नर रिचर्ड टेंपल ने रखी थी. उस समय भी इस पुल को बनाने में करीब 3.5 लाख रुपये खर्च हुए थे. जो एक बड़ी रकम मानी जाती थी. सर वाघजी ठाकोर ने 1922 तक मोरबी पर शासन किया. वे ब्रिटिश साइंस और टेक्नोलॉजी से प्रभावित थे और उन्होंने उस समय के इस कलात्मक और तकनीकी चमत्कार माने जाने वाले पुल को बनवाने का फैसला किया. इसे दरबारगढ़ पैलेस को नजरबाग पैलेस (तत्कालीन राज निवास) से जोड़ने के लिए बनाया गया था. ये पुल 1.25 मीटर चौड़ा और 233 मीटर लंबा था. यूरोप में उन दिनों मौजूद सबसे बेहतर टेक्नोलॉजी का उपयोग करके मोरबी को एक विशिष्ट पहचान देने के लिए इस झूलते पुल को बनाया गया था. मोरबी पुल हादसा: अब तक 132 की मौत, CM ने की समीक्षा बैठक, पुल की प्रबंधन टीम पर मामला दर्ज मच्छू नदी पर बने झूलते पुल को मरम्मत के लिए सात महीने पहले बंद कर दिया गया था. केवल 4 दिन पहले मोरबी नगरपालिका से फिटनेस प्रमाण पत्र के बिना इसे पर्यटकों और लोगों के लिए 26 अक्टूबर (गुजराती नव वर्ष) के मौके पर फिर से खोल दिया गया था. इस साल मार्च में मोरबी स्थित ओरेवा ग्रुप (अजंता मैन्युफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड) को नगर पालिका ने पुल के रखरखाव और प्रबंधन का ठेका दिया था. ये कंपनी ई-बाइक भी बनाती है. ये पुल मोरबी नगरपालिका की संपत्ति है. इसे 15 साल के लिए रखरखाव और संचालन के लिए ओरेवा समूह को सौंप दिया गया था. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: Bridge Collapse, GujaratFIRST PUBLISHED : October 31, 2022, 08:26 IST