गुजरात चुनाव: पहली बार मैदान में उतरे हार्दिक पटेल के लिए आसान नहीं होगा वीरमगाम सीट जीतना

Gujarat Elections: गुजरात में पाटीदार आरक्षण आंदोलन का प्रमुख चेहरा रहे हार्दिक पटेल पहली बार बीजेपी से विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं. उनके लिए वीरमगाम सीट पर जीत हासिल करना इतना आसान नहीं होगा.

गुजरात चुनाव: पहली बार मैदान में उतरे हार्दिक पटेल के लिए आसान नहीं होगा वीरमगाम सीट जीतना
हाइलाइट्सवीरमगाम के चंद्रनगर गांव के मूल निवासी हार्दिक पटेल का जन्म और पालन-पोषण वहीं हुआ.उनका मुकाबला मौजूदा कांग्रेस विधायक लखाभाई भारवाड़ से है. भारवाड़ ने 2017 में बीजेपी की तेजश्री पटेल को 6,500 से अधिक मतों के अंतर से हराया था. वीरमगाम. गुजरात में सत्तारूढ़ भाजपा ने वीरमगाम विधानसभा सीट को कांग्रेस से छीनने के लिए हाल ही में पार्टी में शामिल हुए युवा पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को मैदान में उतारा है. अहमदाबाद के वीरमगाम तालुका के चंद्रनगर गांव के मूल निवासी 29 वर्षीय पटेल का जन्म और पालन-पोषण वीरमगाम शहर में हुआ. यह उनका पहला विधानसभा चुनाव है. उनका मुकाबला मौजूदा कांग्रेस विधायक लखाभाई भारवाड़ से होगा. जिन्होंने 2017 में भारतीय जनता पार्टी की तेजश्री पटेल को 6,500 से अधिक मतों के अंतर से हराया था. वीरमगाम विधानसभा क्षेत्र में अहमदाबाद के वीरमगाम, मंडल और देतरोज तालुका शामिल हैं. ये सीट पिछले 10 वर्षों से कांग्रेस के पास है. इस और 92 अन्य सीटों पर दूसरे चरण में 5 दिसंबर को मतदान होगा. दिलचस्प बात यह है कि 2012 के विधानसभा चुनावों में तेजश्री पटेल ने कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था और भाजपा के प्रागजी पटेल को 16,000 से अधिक मतों के अंतर से हराया था. कांग्रेस विधायक के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने विधानसभा के अंदर और बाहर दोनों जगह सत्तारूढ़ भाजपा की तीखी आलोचना करके अपनी छाप छोड़ी. हालांकि सभी को तब आश्चर्य हुआ, जब उन्होंने पाला बदल लिया और 2017 में भाजपा के टिकट पर लड़ीं. मतदाताओं ने उन्हें खारिज कर दिया और कांग्रेस के लाखाभाई भारवाड़ को चुना, जो अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से आते हैं. कुछ मतदाताओं को लगता है कि भारवाड़ अब सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रहे हैं. जबकि कुछ अन्य कहते हैं कि वह एक विधायक के रूप में सक्रिय रहे हैं और स्थानीय मुद्दों को हल करने के लिए कड़ी मेहनत की है. इसलिए हार्दिक पटेल के लिए उन्हें हराना आसान नहीं होगा.बहरहाल पाटीदार जाति के लिए आरक्षण आंदोलन का नेतृत्व करने के बाद प्रमुखता से उभरे हार्दिक पटेल लगभग दो साल तक कांग्रेस के साथ रहने के बाद जून में भाजपा में शामिल हो गए. वह उनके द्वारा जारी वादों की सूची में पहला वादा वीरमगाम को एक जिले का दर्जा दिलाने का है. गुजरात चुनाव में भाजपा ने झोंकी ताकत, 19 नवंबर से PM मोदी की ताबड़तोड़ रैली, 3 दिन में 8 जनसभाएं वीरमगाम में लगभग 3 लाख मतदाता हैं. जिनमें 65,000 ठाकोर (ओबीसी) मतदाता, 50,000 पाटीदार या पटेल मतदाता, लगभग 35,000 दलित, 20,000 भारवाड़ और रबारी समुदाय के मतदाता, 20,000 मुस्लिम, 18,000 कोली सदस्य और 10,000 कराडिया (ओबीसी) राजपूत शामिल हैं. हालांकि इस सीट ने अब तक विभिन्न जातियों के विधायक दिए हैं. जिनमें 1980 में तेजश्री पटेल (पाटीदार), दाउदभाई पटेल (मुस्लिम), 2007 में कामभाई राठौड़ (कराडिया राजपूत) और लखभाई भारवाड़ (ओबीसी) शामिल हैं. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: BJP, Gujarat Elections, Hardik PatelFIRST PUBLISHED : November 21, 2022, 11:19 IST