क्या सच में गरबा डांस में एंट्री पर जीएसटी लगाया गया है जानिए अधिसूचना का पूरा सच
क्या सच में गरबा डांस में एंट्री पर जीएसटी लगाया गया है जानिए अधिसूचना का पूरा सच
GST on garba entry passes Is it true: गरबा डांस में एंट्री पर जीएसटी लगाए जाने से गुजरात के लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. अब एक अधिसूचना में यह बात सामने आई है कि गरबा या इस तरह के आयोजनों से संबंधित जीएसटी में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
हाइलाइट्सगुजरात के शिक्षा मंत्री का कहना है कि गरबा पर कोई नया कर नहीं लगाया गया हैशिक्षा मंत्री के मुताबिक जीएसटी से पहले ही इस पर कर था 500 रुपये से अधिक के टिकट पर यह कर है
अहमदाबाद. गुजरात में गरबा डांस की एंट्री फीस पर हंगामा मचा हुआ है. विपक्षी दलों ने अबिलंब इस पर जीएसटी हटाने की मांग की है. हालांकि बड़े शहरों में वाणिज्यिक गरबा कार्यक्रमों के प्रवेश पास (एंट्री पास) पर 18 प्रतिशत वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाया जाता है. दरअसल, नौ दिवसीय नवरात्र उत्सव के हिस्से के रूप में गुजरात के प्रमुख शहरों में वाणिज्यिक गरबा कार्यक्रमों का आयोजन होता है. विपक्षी दलों के प्रदर्शन पर गुजरात के शिक्षा मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता जीतू वघानी ने पलटवार करते हुए कहा कि वाणिज्यिक गरबा कार्यक्रमों सहित किसी भी सांस्कृतिक कार्यक्रम के प्रवेश पास पर जीएसटी 2017 से लागू है. वघानी ने कहा कि कांग्रेस शासित राज्यों सहित सभी ने इसे मंजूरी दी थी.
प्रवेश पास पर जीएसटी का मुद्दा तब सामने आया जब वडोदरा स्थित एक गैर सरकारी संगठन यूनाइटेड वे ऑफ बड़ौदा ने हाल ही में अपनी वेबसाइट पर लागू जीएसटी दरों का उल्लेख किया. वेबसाइट के अनुसार पुरुषों के लिए नौ दिन के पास की कीमत 4,838 रुपये होगी, जिसमें 4,100 रुपये प्रवेश शुल्क और 738 रुपये के बराबर का 18 प्रतिशत जीएसटी शामिल है, जबकि महिलाओं के लिए पास की कीमत 1,298 रुपये होगी, जिसमें 1,100 रुपये प्रवेश शुल्क और 198 रुपये के बराबर 18 प्रतिशत शामिल है.
राज्य के शिक्षा मंत्री का पलटवार
इस मामले को लेकर कांग्रेस और आप ने मंगलवार और बुधवार को वडोदरा, सूरत और वलसाड में जीएसटी को वापस लेने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया है. गुजरात आप के अध्यक्ष गोपाल इटालिया ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को पत्र लिखकर गरबा आयोजनों पर जीएसटी को वापस लेने की मांग की. इसका जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री वाघानी ने कहा कि इस तरह के आयोजनों पर 2017 से कर लागू है. वाघानी ने कहा, विपक्ष केवल लोगों को भड़काने में दिलचस्पी रखता है. यह विरोध राजनीति से प्रेरित है क्योंकि वर्ष 2017 से विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर जीएसटी है. केंद्र ने वर्ष 2017 में इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की थी और हर राज्य ने इस तरह के कर पर सहमति व्यक्त की थी
यह है असली हकीकत
अधिसूचना के मुताबिक गरबा या इस तरह के आयोजनों से संबंधित जीएसटी में कोई बदलाव नहीं किया गया है. कोई नया जीएसटी नहीं लगाया गया है. प्री-जीएसटी अवधि में, ऐसे आयोजनों में अगर प्रवेश के लिए शुल्क की गई राशि प्रति व्यक्ति 500 रुपये से अधिक है तो प्रवेश पर सेवा कर 15 प्रतिशत लगाया जाता था. इसके अलावा, एम्बेडेड कर थे क्योंकि ऐसे आयोजनों के लिए इस्तेमाल किए गए सामानों पर भुगतान किए गए वैट का क्रेडिट सेवा कर के भुगतान के लिए उपलब्ध नहीं था. 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी तभी देय है जब किसी गरबा या इस तरह के आयोजन के लिए प्रवेश टिकट 500 रुपये से अधिक है. (अधिसूचना संख्या 12/2017-सीटी (आर) दिनांक 28.06.2017, क्रम संख्या 81 संलग्न)। इस प्रकार, जीएसटी शासन के तहत कर पूर्व-जीएसटी शासन के समान ही रहा है.
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Tags: Gst, GujaratFIRST PUBLISHED : August 04, 2022, 20:46 IST