Gorakhapur : मैले कुचैले कपड़े पहने खड़ा था शख्स सामने आई चौंकाने वाली सच्चाई

Gorakhpur Latest News : बांग्लादेश बॉर्डर से सटे 24 परगना जिले के पेट्रापोल बाजार में एक पेड़ के नीच मैले-कुचौले कपड़े पहने हुए एक शख्स गीली मिट्टी में गणित के सवाल सुलझा रह था. स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने भिखारी समझकर पानी पिलाया और पूछताछ की तो शख्स ने सिर्फ चार शब्द बोले. फिर बेहद चौंकाने वाली कहानी सामने आई.

Gorakhapur : मैले कुचैले कपड़े पहने खड़ा था शख्स सामने आई चौंकाने वाली सच्चाई
गोरखपुर. बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच बॉर्डर से सटे 24 परगना जिले के पेट्रापोल बाजार में एक शख्स मैले कुचैले कपड़े पहने खड़ा हुआ था. हाथ में छ्ड़ी लिए हुए था और पेड़ के नीचे गीली मिट्टी में गणित के सवाल सुलझाने की की कोशिश कर रहा था. कुछ लोगों से नहीं रहा गया तो उसके पास पहुंचे और अता-पता पूछा. स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने जब पूछताछ की तो जवाब में उस शख्स ने सिर्फ इतना ही कहा कि मुझे अकेला छोड़ दीजिए. पुलिस ने हिम्मत नहीं हारी और प्यार से उस शख्स से पूछताछ जारी रखी, तब सामने आया कि भिखारी जैसा दिखने वाले शख्स उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के झरवां खिरवनिया गांव के अमित कुमार प्रसाद हैं जो कि पिछले तीन साल से अपने घर गायब हैं. मैथ के टीचर रहे हैं. पेट्रापोल पुलिस ने स्थानीय हैम रेडियो क्लब के सदस्यों के माध्यम से उनके घर का पता ढूंढ़ा और परिजनों को खबर दी. गोरखपुर से आनन-फानन में परिजन पेट्रापोल पहुंचे. अमित के पिता गामा ने बताया कि नौ अगस्त को हमारे पास बंगाल पुलिस का फोन आया. बताया कि आपका बेटा मिला है. पिता गामा प्रसाद, भाई सूर्यभान, रिश्तेदार सोनू निषाद समेत आठ लोग निजी कार से पेट्रापोल रवाना हो गए. वहां पुलिस चौकी में मौजूद अमित पिता गामा को देखते ही उनके पैरों में गिर पड़े. पिता को पहचान कर आशीर्वाद लिया और हैम रेडियो क्लब के सदस्यों और पुलिस को धन्यवाद बोलकर गोरखपुर लौट आए. पिता गामा प्रसाद चाय की दुकान चलाते हैं. उन्होंने बताया कि बेटा अमित स्कूल में कई साल तक गणित के शिक्षक थे. आसपास के गांवों के करीब 250 बच्चों को फ्री मैथ पढ़ाते थे. 2011 में शादी कर दी गई. 2014 तक आते-आते उनका दिमागी संतुलन बिगड़ गया. डॉक्टर के पास इलाज कराया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. साल 2017 में अमित फिर गायब हो गए. इस बार तीन महीने बाद लौटे. वर्ष 2021 में एक बार फिर से अमित ने घर छोड़ दिया. अंग्रेजी में दिया था भाषण गरीबी में पले अमित की मेधा के बारे में लोगों को तब पहली बार सार्वजनिक तौर पर पता चला था जब गांव के स्कूल में हुए कार्यक्रम में उन्होंने अंग्रेजी में भाषण दिया था. अमित को अंग्रेजी में बोलता सुन गांववाले हैरान रह गए. उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए प्रेरित किया. हालांकि नियती को कुछ और मंजूर था. अम्बरीश बंगाल हैम रेडियो क्लब के सचिव अम्बरीश नाग बिश्वास ने तीन माह तक अमित के रहने का इंतजाम किया. उनकी फोटो अपने व्हॉट्सअप ग्रुप में हर जगह डाली. तब जाकर प्रयास सफल हुआ. Tags: Bizarre news, Gorakhpur news, Shocking news, UP newsFIRST PUBLISHED : August 14, 2024, 18:23 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed