सरकार ने दिया तस्वीरों को हटाने का आदेश गूगल-माइक्रोसॉफ्ट पहुंच गए हाईकोर्ट
सरकार ने दिया तस्वीरों को हटाने का आदेश गूगल-माइक्रोसॉफ्ट पहुंच गए हाईकोर्ट
Google Microsoft News: जस्टिस प्रसाद ने सोशल मीडिया कंपनियों को चेतावनी दी थी कि यदि गैर-सहमति वाले अंतरंग सामग्री को हटाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों (आईटी नियमों) के तहत प्रदान की गई समय-सीमा में मामूली उतार-चढ़ाव भी होता है, तो वे दायित्व से अपनी सुरक्षा खो देंगे.
नई दिल्ली. टेक जगत की दिग्गज कंपनी माइक्रोसॉफ्ट और गूगल ने केंद्र सरकार के उस आदेश को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, जिसमें जिसमें सर्च इंजनों को विशेष यूआरएल पर जोर दिए बिना इंटरनेट से गैर-सहमति वाली अश्लील तस्वीरों (एनसीआईआई) को सक्रिय रूप से हटाने का निर्देश दिया गया है. माइक्रोसॉफ्ट ने कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की खंडपीठ को बताया कि उसके लिए दिल्ली उच्च न्यायालय के सिंगल बेंच के निर्देशों को लागू करना तकनीकी रूप से असंभव है और ये निर्देश मौजूदा कानूनी ढांचे की सीमा से परे हैं.
यह सूचित किए जाने के बाद कि गूगल ने भी इसी तरह की अपील दायर की है, जिसके गुरुवार (9 मई) को सूचीबद्ध होने की संभावना है, अदालत ने कहा कि वह उस दिन दोनों मामलों पर एक साथ विचार करेगी. माइक्रोसॉफ्ट और गूगल ने 26 अप्रैल, 2023 को न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद द्वारा पारित फैसले के खिलाफ अपील दायर की है. एक विस्तृत फैसले में, न्यायमूर्ति प्रसाद ने सोशल मीडिया कंपनियों को चेतावनी दी थी कि यदि गैर-सहमति वाले अंतरंग सामग्री को हटाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों (आईटी नियमों) के तहत प्रदान की गई समय-सीमा में मामूली उतार-चढ़ाव भी होता है, तो वे दायित्व से अपनी सुरक्षा खो देंगे.
न्यायमूर्ति प्रसाद ने माना था कि सर्च इंजनों के पास एनसीआईआई कंटेंट को हटाने के लिए तकनीक मौजूद है और पीड़ित को बार-बार अदालतों या अन्य अधिकारियों से संपर्क करने की जरूरत नहीं है. सिंगल बेंच ने कहा था कि जब ऐसी अवैध सामग्री वाले लिंक को हटाने या उन तक पहुंच को निष्क्रिया करने की बात आती है तो सर्च इंजन मदद नहीं करने का दिखावा नहीं कर सकते.
बार एंड बेंच में प्रकाशित खबर के मुताबिक, वरिष्ठ अधिवक्ता जयंत मेहता बुधवार को माइक्रोसॉफ्ट के लिए पेश हुए और कहा कि सिंगल बेंच ने ऐसे कंटेंट को हटाने के लिए मेटा (फेसबुक) द्वारा इस्तेमाल किए गए टूल पर भरोसा किया था. हालांकि, उन्होंने कहा, मेटा और बिंग (माइक्रोसॉफ्ट का सर्च इंजन) के बीच अंतर है क्योंकि मेटा के विपरीत, बिंग किसी भी सामग्री को होस्ट नहीं करता है.
Tags: DELHI HIGH COURT, Google, MicrosoftFIRST PUBLISHED : May 8, 2024, 19:47 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed