गोवा. गोवा से चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आ रही है. हाल ही में विधानसभा में विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण ऑफिस (एफआरआरओ-FRRO) की एक रिपोर्ट पेश की गई. इसके के अनुसार, पिछले एक दशक में गोवा में लगभग 26 हजार लोगों ने अपने भारतीय पासपोर्ट सरेंडर किए हैं. सवाल उठता है, टूरिज्म के इस हब वाले इस राज्या में देशभर से लोग घूमने आते हैं, लेकिन इस राज्य के लोग अपनी नागरिकता क्यों छोड़ रहे हैं?
विधानसभा में कांग्रेस के यूरी अलेमाओ के गोवावासियों द्वारा भारतीय पासपोर्ट सरेंडर करने पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, जो गृह विभाग का भी प्रभार संभालते हैं, ने कहा कि 1 जनवरी 2014 से 31 मार्च 2024 के बीच गोवा राज्य में 25,939 लोगों ने अपने भारतीय पासपोर्ट सरेंडर किए हैं.
क्या है पुर्तगाल का नियम
इंडियन एक्सप्रेस के हवाले से, एक अधिकारी ने नाम न बताने का अनुरोध करते हुए बताया कि अधिकांश लोग भारतीय पासपोर्ट सरेंडर कर पुर्तगाली नागरिकता हासिल की है. पुर्तगाल 19 दिसंबर, 1961 से पहले गोवा में पैदा हुए लोगों को, जिस दिन गोवा पुर्तगाली शासन से मुक्त हुआ था और उनके दो भावी पीढ़ियों को पुर्तगाली नागरिक के रूप में पंजीकरण करने का विकल्प देता है.
क्यों ले रहे हैं पुर्तगाल की नागरिकता
अधिकारी ने आगे बताया कि चूंकि पुर्तगाली पासपोर्ट वाले ब्रिटेन और यूरोपीय संघ सहित कई देशों में वीजा फ्री आ जा सकते हैं, इसलिए पिछले कुछ दशकों में गोवा में कई लोग पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन के सेंट्रल रजिस्ट्री सेंटर में अपने जन्म-प्रमाण पत्र का दिटेल दर्ज करवा रहे हैं. ये लोग विदेशों में रोजगार और शैक्षिक अवसरों का लाभ उठाने के लिए पुर्तगाली नागरिकता प्राप्त कर रहे हैं.
कब कितनों ने छोड़ी नागरिकता
एफआरआरओ गोवा ने बताया कि एक दशक के दौरान गोवा में अपना भारतीय पासपोर्ट सरेंडर करने के बाद कुल 25,939 व्यक्तियों ने ‘न्यू वीजा/एक्जिट परमिट’ के लिए आवेदन किया. 2014 में, 2037 लोगों ने अपने भारतीय पासपोर्ट सरेंडर करने पर न्यू वीजा/एक्जिट परमिट सेवाओं के लिए आवेदन किया. यह संख्या 2016 में बढ़कर 4121 हो गई, जो 2017 में मामूली रूप से घटकर 3623 और फिर 2019 में 2958 हो गई. 2021 में कोविड महामारी के कारण यह संख्या घटकर 954 हो गई, लेकिन फिर 2023 में बढ़कर 2094 हो गई थी. 2011 से 2022 के बीच, 69,303 से अधिक भारतीयों ने देश भर के क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालयों में अपने पासपोर्ट जमा किए, जिसमें गोवा का हिस्सा सबसे अधिक था, जो कुल जमा किए गए पासपोर्टों का 40 प्रतिशत से अधिक था.
गोवा के लोगों का पासपोर्ट रद्द हो गया था
विदेश मंत्रालय ने 30 नवमबर 2022 को एक ज्ञापन के बाद गोवा को लोगों का पासपोर्ट रद्द कर दिया, जिससे वे अधर में फंस गए थे. मंत्रालय ने उनपर उनके पुर्तगाली नागरिकता छिपाने का आरोप लगाया था. सरकार ने उनको अपने पासपोर्ट सरेंडर करने का आदेश दे दिया था. प्रावधान यह है कि ओवरसीज सिटिजनशिप ऑफ़ इंडिया (OCI) कार्ड प्राप्त करने के लिए ‘आत्मसमर्पण प्रमाणपत्र’ जमा करना होता है.
Tags: GoaFIRST PUBLISHED : July 17, 2024, 13:16 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed