ममता के राज का काला सच राज्य से भाग गईं 2200 कंपनियां क्या करेंगी दीदी

कभी देश का प्रमुख औद्योगिक राज्य रहे पश्चिम बंगाल की स्थिति बीते कुछ दशकों में लगातार खराब हुई है. बीते पांच साल मे ही राज्य से 2200 से अधिक कंपनियां बाहर चली गई हैं.

ममता के राज का काला सच राज्य से भाग गईं 2200 कंपनियां क्या करेंगी दीदी
आर्थिक गतिविधियों के नजरिये से कभी देश का प्रमुख राज्य रहा पश्चिम बंगाल आज बुरे वक्त से गुजर रहा है. ये हम नहीं बल्कि सरकार के आंकड़े बता रहे हैं. राज्य में वामदलों के राज में किसानों की जमीन बचाने के नाम पर बड़ी कंपनियों का विरोध करने वाली ममता बनर्जी के शासन काल का भी काला सच सामने आ गया है. संसद में रखी गई एक रिपोर्ट के मुताबिक ममता बनर्जी के शासन काल में पश्चिम बंगाल की स्थिति और खराब हुई है. बीते पांच सालों के दौरान राज्य से 2200 से अधिक कंपनियां पलायन कर चुकी हैं. इसमें से 39 लिस्टेड कंपनियां थीं. राज्यसभा में कॉरपोरेट मामलों के राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि बीते पांच सालों में पश्चिम बंगाल में रजिस्टर्ड रहीं 2200 कंपनियां वहां से निकल गई हैं. इन कंपनियों ने अपना रजिस्टर्ड मुख्यालय बदल लिया है. राज्यसभा में भाजपा के सांसद समिक भट्टाचार्य ने बुधवार को इस बारे में सवाल किया था. उनके सवाल का तृणमूल के सदस्यों ने विरोध किया और कहा कि यह पूर्वाग्रह से ग्रसित है. टीएमसी के राज्यसभा सांसद साकेत गोखले ने कहा कि यह सवाल ही पूर्वाग्रह से भरा हुआ है. भाजपा की कोशिश रही है कि वह बंगाल की बुरी तस्वीर दिखाए. उसने हमेशा से यही किया है. इससे उनको खुशी मिलती है. गोखले ने कहा कि भाजपा ने यह सवाल नहीं पूछा कि बीते पांच सालों ने इस राज्य में कितनी नई कंपनियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया. गोखले ने कहा कि अगर वे पूरी सच्चाई जानना चाहते हैं तो उन्हें ये भी पूछना चाहिए कि इस दौरान कितने नए रजिस्ट्रेशन हुए. सवाल के जवाब में मल्होत्रा ने कहा कि कंपनियों ने कई कारणों से बंगाल जाने का फैसला किया. ये कंपनियां हर सेक्टर की थीं. इसमें मैनुफैक्चरिंग, फाइनेंस, कमिशन एजेंसी से जुड़ी कंपनियां हैं. 1970 के दशक में रजिस्टर्ड कंपनियों के मामले में पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र के बाद दूसरे नंबर पर था. लेकिन. 2021 में यह राज्य आठवें स्थान पर आ गया. इसको लेकर कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय की वेबसाइट पर पूरी रिपोर्ट है. महाराष्ट्र खासकर मुंबई देश की आर्थिक राजधानी है. वहां बड़ी संख्या में कंपनियां रजिस्टर्ड हैं. तृणमूल के नेता पश्चिम बंगाल की इस दुर्गति के लिए पूर्व की वाम दलों की सरकारों को जिम्मेदार बताते हैं. वह बताते हैं कि 1970 के दशक में वाम दलों की सरकार आने के बाद राज्य के उद्योग चौपट हो गए. उनकी नीतियों ही उद्योग विरोधी थी. अब भाजपा इस राज्य को बदमान करने की मुहिम चला रही है. Tags: Mamata banerjee, West bengalFIRST PUBLISHED : December 6, 2024, 07:34 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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