विशाल झा /गाजियाबाद: केंद्र और राज्य सरकार द्वारा एमएसएमई (MSME) योजना के तहत लोगों को आत्मनिर्भर बनाने का लगातार प्रयास किया जा रहा है. इसके तहत लोगों को स्टार्टअप के लिए प्रशिक्षण भी दिए जाते हैं. इसमें लोग निर्माण से संबंधित कोई भी छोटा-मोटा उद्योग शुरू कर सकते हैं. बिहार के भागलपुर के रहने वाले अनवर खान भी दिल्ली एनसीआर में भागलपुर परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं.
भागलपुरी सिल्क साड़ी का बिजनेस
दरअसल भागलपुरी सिल्क (Bhagalpuri Silk) कपड़े के साथ ही कई प्रकार के फैब्रिक को बेचना इनका पुश्तैनी काम है. अनवर खान को तीसरी पीढ़ी है, जो इस कार्य को कर रही है. वर्षो पहले ही सरकार की योजना के अंतर्गत अनवर ने अपनी इस कंपनी को एमएसएमई के तहत पंजीकृत किया था. दिल्ली एनसीआर में अनवर विभिन्न एग्जीबिशन में हिस्सा लेकर अपने इस कपड़े के ग्राहक तक पहुंचाते हैं. सालाना लगभग 15 से 20 लाख तक की कमाई इस व्यापार में है.
एग्जीबिशन से होती है कमाई
अनवर ने बताया की सिल्क साड़ी, सूट, धोती इन सब को घर में ही तैयार किया जाता है. सबसे पहले कपड़े की रंगाई का काम होता है. फिर उसे सुखाया जाता है. इसके बाद उस पर ब्लॉक प्रिंट किया जाता है. पूरा परिवार मिलकर यह काम करता है और कपड़े को रंगने के लिए बाहर से सहायक को रखा जाता है. एक पूरी साड़ी आधे दिन में तैयार हो जाती है. खास बात यह है कि इसकी कोई मार्केट नहीं है. यह सिर्फ एग्जीबिशन में ही लोगों के बीच रखी जाती है. इस कपड़े की कीमत हजार से शुरुआत होती है, जो 15 से 20 हजार तक भी पहुंच जाती है. एक एग्जीबिशन से दो -ढाई लाख की कमाई हो जाती है. सिल्क का धागा और कॉटन को मिक्स करके यह वस्तु बनाई जाती है.
Tags: Local18, MSME Sector, Noida newsFIRST PUBLISHED : June 27, 2024, 14:42 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed