क्या रद्द हो जाएगी राहुल गांधी की नागरिकता क्या कहता है भारत का कानून

Rahul Gandhi Citizenship Row: कांग्रेस नेता राहुल गांधी आए दिन किसी न किसी विवाद में फंसते रहते हैं. ताजा मामला उनकी नागरिकता को लेकर है. इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर उनकी भारतीय नागरिकता रद्द करने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि राहुल गांधी ब्रिटिश नागरिक हैं.

क्या रद्द हो जाएगी राहुल गांधी की नागरिकता क्या कहता है भारत का कानून
हाइलाइट्स राहुल गांधी की कथित दोहरी नागरिकता का मुद्दा बना एक बड़ा राजनीतिक विवाद इलाहाबाद हाईकोर्ट में PIL दायर कर उनकी भारतीय नागरिकता रद्द करने की मांग उन पर आरोप लगाया गया है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के पास ब्रिटिश नागरिकता है Rahul Gandhi Citizenship Row: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की कथित दोहरी नागरिकता का मुद्दा एक बड़ा राजनीतिक विवाद बन गया है. इसी हफ्ते इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में एक जनहित याचिका (PIL) दायर कर ये मांग की गई है कि राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए. यह पीआईएल एस. विग्नेश शिशिर नामक शख्स ने लगाई है. एस. विग्नेश शिशिर कर्नाटक के रहने वाले हैं. उन्होंने एक्स पर अपनी प्रोफाइल में खुद को बीजेपी कार्यकर्ता और डॉ. अंबेडकर का प्रशंसक बताया है.  इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की बेंच ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से रिपोर्ट मांगी है. जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की अगली सुनवाई अब 19 दिसंबर को होनी है. ये भी पढ़ें- अगर घर में घुस गया है सांप तो डरे नहीं, किचन में रखी इन चीजों का करें छिड़काव, चला जाएगा बाहर स्वामी भी पहुंचे थे हाईकोर्ट विग्नेश से पहले बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी भी राहुल की नागरिकता को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा चुके हैं. सुब्रमण्यम स्वामी ने कोर्ट से गृह मंत्रालय को निर्देश देने की मांग की थी कि वो राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता रद्द करने की मांग वाले उनकी रिपोर्ट पर फैसला करे. अपनी याचिका में उन्होंने गृह मंत्रालय को लोकसभा में विपक्ष के नेता के खिलाफ दायर उनकी रिपोर्ट पर एक स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने की निर्देश देने की भी मांग की थी. क्या है पूरा विवाद? विग्नेश शिशिर ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि राहुल गांधी के पास दोहरी नागरिकता है, जो अगर साबित हो जाती है, तो यह भारतीय कानूनों का उल्लंघन होगा. यह उन्हें चुनाव लड़ने या लोकसभा सदस्य के रूप में पद धारण करने के लिए अयोग्य बनाता है. याचिका में यह भी मांग की गई है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) एक मामला दर्ज करे और जांच करे, क्योंकि दोहरी नागरिकता भारतीय न्याय संहिता और पासपोर्ट अधिनियम के तहत अपराध है. विग्नेश शिशिर ने आगे अदालत से मुख्य चुनाव आयुक्त, उत्तर प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी और रायबरेली के रिटर्निंग अधिकारी को निर्देश देने का अनुरोध किया है कि वे राहुल गांधी का चुनाव प्रमाणपत्र रद्द करें.  ये भी पढ़ें- देश में सबसे ज्यादा हिट है कौन सी शराब, क्या बदल रही है शहरी भारत की पसंद एक बार खारिज हुई याचिका यह याचिका पहले की एक याचिका के खारिज होने के बाद दायर की गई थी, जहां अदालत ने विग्नेश शिशिर को नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 9(2) के तहत सक्षम प्राधिकारी से संपर्क करने के लिए कहा था, जैसा कि कानून द्वारा अनुमति है. अदालत के सवाल का जवाब देते हुए, सरकार ने कहा कि मामले की जांच चल रही है. भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने अदालत को सूचित किया, “याचिकाकर्ता द्वारा दिया गया रिप्रेजेंटेशन गृह मंत्रालय को प्राप्त हो गया है.” इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अदालत को सूचित किया, “याचिकाकर्ता द्वारा किया गया रिप्रेजेंटेशन मंत्रालय को प्राप्त हो गया है और यह प्रक्रिया में है. इस मामले को 19 दिसंबर, 2024 को सूचीबद्ध करें. रिप्रेजेंटेशन का परिणाम अगली सुनवाई की तारीख पर अदालत को सूचित किया जाएगा.”  ये भी पढ़ें- Explainer: देश की सबसे सस्ती कैंटीन कौन सी है, जहां 5 रुपये में भर जाता है पेट, कैसे चलती है क्या है दोहरी नागरिकता? डुअल या दोहरी-नागरिकता का मतलब है कि एक व्यक्ति को कानूनी रूप से एक साथ दो या अधिक देशों का नागरिक माना जाता है. इससे उन्हें प्रत्येक देश के पासपोर्ट रखने, अन्य नागरिकों के समान कानूनी और सामाजिक अधिकारों का आनंद लेने, दोनों देशों की राजनीतिक प्रक्रियाओं में भाग लेने, यात्रा के लिए वीजा छूट प्राप्त करने और किसी भी देश में काम करने की अनुमति मिलती है. कई देश, जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका, फिनलैंड, अल्बानिया, इजरायल और पाकिस्तान, दोहरी नागरिकता की अनुमति देते हैं। हालांकि, इस स्थिति के रूल्स और रेगुलेशन देशों के बीच काफी अगल होते हैं.  ये भी पढ़ें- अमेरिका का वो कौन सा शहर, जहां न इंटरनेट की अनुमति और न वाईफाई, न फोन, न माइक्रोवेव क्या भारत देता है दोहरी नागरिकता? नहीं. भारत अपने संविधान के तहत दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं देता है. इसका मतलब है कि एक भारतीय नागरिक एक साथ किसी अन्य देश की नागरिकता नहीं रख सकता. भारत के संविधान के तहत पूरे देश के लिए एकल नागरिकता की व्यवस्था है. भारत के संविधान में दोहरी नागरिकता की व्यवस्था नहीं है. अगर कोई भारतीय नागरिक किसी दूसरे देश की नागरिकता लेना चाहता है, तो उसे अपना भारतीय पासपोर्ट जमा करना होगा और भारतीय नागरिकता त्यागनी होगी.  क्या कोई विकल्प है? भारत दोहरी नागरिकता के विकल्प के रूप में ओवरसीज सिटीजनशिप ऑफ इंडिया (OCI) प्रदान करता है. ओसीआई उन भारतीय मूल के व्यक्तियों (PIOs) के लिए उपलब्ध है, जिन्होंने पाकिस्तान या बांग्लादेश में प्रवास नहीं किया है. योग्य आवेदकों के पास किसी ऐसे देश की नागरिकता होनी चाहिए जो किसी प्रकार की दोहरी नागरिकता की अनुमति देता हो. ओसीआई कार्ड धारकों को भारत आने के लिए बहु-प्रवेश, बहु-उद्देश्य, जीवन भर के वीजा मिलते हैं.  ये भी पढ़ें- देश के कितने रजवाड़ों में संपत्ति के लिए चल रहीं तलवारें, आपस में लड़ रहे भाई-भाई यह धारकों को किसी भी अवधि के लिए पुलिस अधिकारियों को रिपोर्ट करने से छूट देता है और उन्हें वित्तीय, आर्थिक और शैक्षिक क्षेत्रों में अनिवासी भारतीयों (NRIs) के समान अधिकार प्रदान करता है, सिवाय कृषि या बागान संपत्तियों के अधिग्रहण के. हालांकि, ओसीआई कार्ड धारकों को मतदान करने, चुनाव लड़ने या राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, या सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के न्यायाधीश जैसे संवैधानिक पदों पर आसीन होने का अधिकार नहीं है. Tags: Allahabad high court, Congress leader Rahul Gandhi, Indian Citizenship, Rahul gandhi, Union home ministryFIRST PUBLISHED : November 30, 2024, 12:54 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed