Explainer: ये कौन से 17 सांसद हैं जिन्हें अपने साथ मिलाना चाहेंगे मोदी

7 Independents and 10 from non-aligned parties: अगर आगे चलकर जेडीयू या तेलुगु देशम एनडीए को समर्थन देना बंद कर दें तो क्या होगा? ऐसे में वे छोटी पार्टियां महत्वपूर्ण हो जाएंगी, जिनके 10 सांसद जीतकर आए हैं और वे किसी के साथ गठबंधन में नहीं हैं. इसके अलावा 7 निर्दलीय सांसद भी हैं जो तारणहार बन सकते हैं.

Explainer: ये कौन से 17 सांसद हैं जिन्हें अपने साथ मिलाना चाहेंगे मोदी
7 Independents and 10 from non-aligned parties: 2024 के लोकसभा चुनावों में किसी भी पार्टी को अपने दम पर सरकार बनाने का मैंडेट या जनादेश नहीं मिला है. दो बार से अपने बल पर सरकार बना रही भारतीय जनता पार्टी (BJP) इस बार 240 सीटों पर सिमट गई है. हालांकि उसके गठबंधन एनडीए को कुल 292 सीटें मिली हैं, जिससे फिलहाल उसका सरकार बनाने का रास्ता तो साफ है. अभी सरकार बनाने की चाबी जेडीयू और तेलुगु देशम पार्टी के पास है, जो पहले से ही एनडीए में बीजेपी के साथी हैं. लेकिन यही बात बीजेपी के गले की फांस बन गई है. क्योंकि अगर जेडीयू (12 सीट) और तेलुगु देशम (16 सीट) ने बाद में भी कभी पलटी मार दी तो सारा खेल खराब हो जाएगा.  जेडीयू और तेलुगु देशम बने किंगमेकर अगर एनडीए की 292 में से जेडीयू और तेलुगु देशम पार्टी की 28 सीटें घट जाती हैं तो उसके पास केवल 264 का आंकड़ा रह जाएगा. ऐसे में वो छोटी पार्टियां या सांसद काम आएंगे जो ना तो एनडीए में शामिल हैं और ना इंडिया गठबंधन में. 18वीं लोकसभा में 17 ऐसे सांसद होंगे जो इंडिपेंडेट या निर्दलीय हैं. किसी भी मुश्किल स्थिति में ये 17 सांसद सरकार के संकटमोचक हो सकते हैं. जाहिर है कि बीजेपी इनमें से ज्यादातर को अपने खेमे में लाने की पूरी कोशिश करेगी.   कौन हैं वो छोटी पार्टियां 17 सांसदों में से चार सांसद वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली वाईएसआरसीपी के हैं. जगन मोहन की पार्टी ने लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए या इंडिया ब्लॉक के साथ गठबंधन नहीं किया था. छह पार्टियों के पास एक-एक सांसद है और उन्होंने दोनों में से किसी भी गुट के साथ गठबंधन नहीं किया है. ये हैं शिरोमणि अकाली दल (SAD), ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM), आजाद समाज पार्टी (कांशीराम), भारत आदिवासी पार्टी, जोराम पीपुल्स मूवमेंट और वॉयस ऑफ द पीपल पार्टी. ये भी पढ़ें- नानाजी ने चुनाव में जिस रानी को हराया उसी ने दिया उन्हें घर भी, जानें क्या था बलरामपुर का वो वाकया अकाली हैं एनडीए के पूर्व सहयोगी शिरोमणि अकाली दल पंजाब स्थित पार्टी है और एनडीए की पूर्व सहयोगी है. एआईएमआईएम मूल रूप से आंध्र प्रदेश या यूं कहें कि हैदराबाद की पार्टी है. लेकिन वो देश भर में जगह-जगह चुनाव लड़ती रही है. हालांकि इसके मुखिया असदुद्दीन ओवैसी बीजेपी और नरेंद्र मोदी के मुखर विरोधी हैं. लेकिन यह भी एक तथ्य है कि यह पार्टी इंडिया गठबंधन का हिस्सा नहीं है. यही बात दलित नेता चंद्रशेखर आजाद की अगुआई वाली आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) पर भी लागू होती है. लेकिन राजस्थान की भारत आदिवासी पार्टी, मिजोरम की जेडपीएम और मेघालय की वॉयस ऑफ द पीपल पार्टी की थाह मिलना अभी बाकी है. ये भी पढ़ें- Explainer: UP में अखिलेश ने कैसे पलटी बाजी? क्या PDA फॉर्मूला रहा हिट, जानिये सच्चाई 7 सांसद हैं निर्दलीय सात निर्दलीय सांसद हैं पूर्णिया (बिहार) से राजेश रंजन उर्फ ​​पप्पू यादव, सांगली (महाराष्ट्र) से विशाल (दादा) प्रकाशबापू पाटिल, खडूर साहिब (पंजाब) से अमृतपाल सिंह, फरीदकोट (पंजाब) से सरबजीत सिंह खालसा, दमन और दीव से उमेशभाई बाबूभाई पटेल, बारामूला (जम्मू-कश्मीर) से अब्दुल रशीद शेख और लद्दाख से मोहम्मद हनीफा. अगर अतीत की बात की जाए तो वाईएसआरसीपी ने प्रमुख विधेयकों को पारित करने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार का पक्ष लिया था. संसद में अगर खुद को मजबूत बनाए रखना है तो बीजेपी की पूरी कोशिश होगी कि इन 17 सांसदों में से ज्यादातर एनडीए का समर्थन करें. पिछले दो कार्यकाल के बाद बीजेपी की अगुआई वाली सरकार का सामना पहली बार इतने मजबूत विपक्ष से होगा. Tags: 2024 Lok Sabha Elections, AIMIM Chief, Asduddin Owaisi, BJP, Chandrababu Naidu, Jagan mohan reddy, JDU nitish kumarFIRST PUBLISHED : June 6, 2024, 16:05 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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