CJI से ही पूछने लगा IAS अफसर- चंद्रचूड़ कहां हैं स्टेज पर देखा तो उड़ गए होश
CJI से ही पूछने लगा IAS अफसर- चंद्रचूड़ कहां हैं स्टेज पर देखा तो उड़ गए होश
डीवाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) जब इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस थे, तब उनके साथ एक मजेदार वाकया हुआ. एक सरकारी कार्यक्रम में IAS अफसर उन्हीं से उनके बारे में सवाल करने लगा...
CJI डीवाई चंद्रचूड़ इस साल के आखिर में रिटायर हो जाएंगे. उन्होंने बतौर एडवोकेट अपना करियर शुरू किया. बॉम्बे हाईकोर्ट में वकालत से लेकर वहीं जज बनने, फिर इलाहाबाद हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस, सुप्रीम कोर्ट का जज और सीजेआई तक का सफर दिलचस्प रहा है. जस्टिस चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट में आने के बाद अपने पिता और पूर्व सीजेआई वाईवी चंद्रचूड़ के कई फैसले पलट दिए.
सरकारी कार्यक्रम का वो वाकया
जस्टिस चंद्रचूड़ अपने सेंस ऑफ ह्यूमर और मजाकिया अंदाज के लिए भी मशहूर हैं. ऐसा ही एक किस्सा उनके साथ काम कर चुकीं एडवोकेट मानसी चौधरी अपने ब्लॉग में लिखती है. यह किस्सा तब का है, जब जस्टिस चंद्रचूड़ इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हुआ करते थे. उन्हें एक सरकारी कार्यक्रम में बतौर चीफ गेस्ट इनवाइट किया गया.
IAS ने पूछा- चंद्रचूड़ कहां हैं?
राज्य सरकार ने जस्टिस चंद्रचूड़ के स्वागत और प्रोटोकॉल की जिम्मेदारी एक वरिष्ठ आईएएस अफसर को सौंपी. उस अफसर को लग रहा था कि जस्टिस चंद्रचूड़ भारी-भरकम काफिले और लाव-लश्कर के साथ कार्यक्रम में आएंगे. पर हुआ इसका उल्टा. चंद्रचूड़ बहुत साधारण तरीके से कार्यक्रम में पहुंचे. उनके साथ एक स्टाफ था. जब वह अंदर जाने लगे तो उस आईएएस अफसर को लगा कि वो चीफ जस्टिस के सेक्रेटरी हैं. IAS ने उनसे सवाल किया, ‘जस्टिस चंद्रचूड़ कब तक आएंगे…और कितना वक्त लगेगा…?’
स्टेज पर देख हक्का-बक्का रह गया
मानसी चौधरी लिखती हैं कि जस्टिस चंद्रचूड़ ने भी मजेदार जवाब दिया. उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, ”जस्टिस चंद्रचूड़ पीछे आ रहे हैं…’ और चुपचाप हॉल में चले गए. बाद में जब वह स्टेज पर पहुंचे तो आईएएस अफसर हक्का-बक्का रह गया. वह बहुत शर्मिंदा हुआ.
डिग्री लेकर क्यों घर बैठ गए?
आपको बता दें कि सीजेआई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) ने साल 1982 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के कैंपस लॉ सेंटर से एलएलबी की पढ़ाई की. इसके बाद हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से एलएलएम की डिग्री ली. यहीं से जुडिशल साइंस में पीएचडी भी पूरी की. चंद्रचूड़ जब पढ़ाई पूरी कर वापस लौटे तो उनके पिता सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस हुआ करते थे.
डीवाई चंद्रचूड़ खुद एक इंटरव्यू में कहते हैं कि जब मैं पढ़ाई पूरी कर वापस लौटा तो कुछ दिन तक घर पर बैठा रहा, क्योंकि पिता ने एक शर्त रख दी थी. उन्होंने कहा कि जब तक मैं सुप्रीम कोर्ट में हूं, तब तक तुम्हें वकालत की इजाजत नहीं दे सकता. इसके बाद मेरे सामने कोई रास्ता नहीं था. काफी दिन घर पर ही बैठा रहा. जब मेरे पिता रिटायर हो गए तब मैंने प्रैक्टिस शुरू की.
कैसा रहा है सफर?
डीवाई चंद्रचूड़ ने बॉम्बे हाईकोर्ट में प्रैक्टिस से करियर की शुरुआत की. साल 1998 में देश के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल बने. इसी साल उन्हें सीनियर एडवोकेट भी बनाया गया. फिर बॉम्बे हाईकोर्ट में बतौर जज नियुक्ति हुई. वहां से इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने और साल 2016 में सुप्रीम कोर्ट आ गए. 9 नवंबर 2022 को देश के 50वें मुख्य न्यायाधीश नियुक्त हुए.
Tags: Allahabad high court, DY Chandrachud, Justice DY Chandrachud, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : June 8, 2024, 11:02 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed