Explainer : स्वाइन फ्लू क्या है कितना खतरनाक कैसे बार बार आ जाता है
Explainer : स्वाइन फ्लू क्या है कितना खतरनाक कैसे बार बार आ जाता है
अक्सर जब मौसम बदलता है तो मौसमी बीमारियां आपको घेरने लगती हैं. वैसे तो आमतौर पर स्वाइन फ्लू जैसी बीमारी जाड़ा खत्म होने के बाद सक्रिय होती है लेकिन इस बार बारिश के मौसम इसके कई केस होने की खबरें आ रही हैं. मुंबई में ये फैल रहा है
आमतौर पर बदलता मौसम कई बीमारियों को लेकर आता है. मानसून के बारे में तो माना जाता है कि सबसे ज्यादा मौसमी बीमारियां इसी मौसम में होती हैं लेकिन स्वाइन फ्लू जैसी बीमारी पहले कभी इस मौसम में सक्रिय होते हुए नहीं सुनी गई लेकिन इस बार इसी समय ये बीमारी मुंबई में फैल रही है. वहां इसके 04 ऐसे केस मिले हैं जिसमें प्रभावित लोग गंभीर स्थिति में हैं. वैसे यूपी में इसके कुछ केस मिलने की बात कही जा रही है.
हालांकि पिछले कुछ समय से ये बीमारी भारत में सुनी भी नहीं गई थी लेकिन इस बार ये सक्रिय हो रही है. डॉक्टरों का मानना है कि जिन लोगों को कोविड हो रहा है, उन्हें एंफ्लूएंजा H1N1 का भी टेस्ट कराना चाहिए. लापरवाही खतरनाक हो सकती है.
मुंबई में फिलहाल जिन लोगों को स्वाइन फ्लू से संक्रमण हुआ है, उनके फेफड़े बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. वहां बहुत से लोगों में फ्लू जैसे संकेत मिल रहे हैं. माना जा रहा है कि देश में कोविड के साथ अब स्वाइन फ्लू भी फैलने का खतरा है.
वैसे एच1एन1 इन्फ्लूएंजा वायरस (H1NI influenza Virus) के फैलने की बड़ी वजह तेजी से बदलता हुआ मौसम ही होता है. ये बीमारी आमतौर पर बुजुर्गों और बच्चों को शिकार बनाती है.
लिहाजा ये समय स्वाइन फ्लू से सतर्क रहने का भी है. हालांकि कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखें तो इस बीमारी से बचाव भी हो सकता है. वैसे ये हमारे श्वसन तंत्र से जुड़ी संक्रामक बीमारी है.
आसानी से फैलता है स्वाइन फ्लू
स्वाइन फ्लू एक व्यक्ति से दूसरे में आसानी से फैलता है. ये आम फ्लू या सर्दी-जुकाम की तरह ही होती है. खांसने, छींकने या सांस से फैलती है. जब कोई स्वाइन फ्लू मरीज दूसरे व्यक्ति के संपर्क में आता है, तो उसे भी ये बीमारी होने की आशंका रहती है.
स्वाइन फ्लू के लक्षण
स्वाइन फ्लू के लक्षण आमतौर पर सर्दी-जुकाम की तरह ही हैं लेकिन इसमें सांस फूलती है, शरीर दर्द के साथ कमजोरी महसूस होती है.
स्वाइन फ्लू के लक्षण
– नाक बहना और छींकना
– मांसपेशियों में दर्द
– सिर में तेज दर्द
– आंखों से पानी आना
– सांस फूलना
– खांसी आना, कफ बनना
– बुखार होना, शरीर दर्द और कमजोरी
– गले में खराश और गले में दर्द
कुछ इस होता है स्वाइन फ्लू बीमारी को फैलाने वाला H1N1 इन्फ्लूएंजा वायरस
स्वाइन फ्लू से कैसे बचें
– साफ-सफाई का पूरा खयाल रखें. खांसते समय और छींकते समय रुमाल या टीशू पेपर से मुंह और नाक को ढंकें. इसके बाद टीशू को ऐसे डस्टबिन में फेंके, जिसमें कवर लगा हो.
– हाथों को साबुन से अच्छी तरह साफ करें. सेनिटाइजर का इस्तेमाल भी उचित रहेगा. हाथ नियमित रूप से साबुन से धोते रहें.
– जिनमें स्वाइन फ्लू के लक्षण दिख रहे हों वो मास्क पहनें और घर में ही रहें.
– चूंकि इस बीमारी के वायरस हवा में फैलते हैं, लिहाजा इससे बचने के लिए मास्क का इस्तेमाल करें
– स्वाइन फ्लू के मरीज के करीब जाने से परहेज करें. हाथ मिलाने से परहेज करें.
– जिन लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही हो. तेज बुखार हो, उन्हें डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
– ये बीमारी छोटे बच्चों और बुजुर्गों को शिकार बनाती है.
स्वाइन फ्लू और इन्फ्लूएंजा ए (H1N1) क्या है
स्वाइन इन्फ्लूएंजा एक संक्रामक सांस की बीमारी है, जो सामान्य तौर पर सूअरों को प्रभावित करती है, ये स्वाइन इन्फ्लूएंजा ए वायरस के H1N1 स्ट्रेंस के कारण होती है. हालांकि H1N2, H3N1 और H3N2 के रूप में अन्य स्ट्रेंस भी सूअरों में मौजूद रहते हैं. हालांकि लोगों में स्वाइन फ्लू होना सामान्य नहीं है, लेकिन उन लोगों के जरिए फैलती है, जो संक्रमित सूअरों के संपर्क में होते हैं.
क्या ये बीमारी सुअरों से फैली है
विशेषज्ञों का मानना है कि शायद स्वाइन फ्लू का वायरस एशिया में सूअरों से उभरा. फिर संक्रमित व्यक्तियों द्वारा उत्तरी अमेरिका में पहुंचा. इसके लक्षण एक सप्ताह तक रह सकते हैं, यह मौसमी फ्लू की ही तरह है.
भारत में कब ये महामारी की तरह फैली थी
भारत के कई भागों में वर्ष 2009 में स्वाइन फ्लू महामारी की तरह फैली थी. उसके बाद मई 2010 तक भारत में इससे 1035 मौतें हुईं और स्वाइन फ्लू के 10193 मामलों की पुष्टि हुई.
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Tags: Avian Influenza, Health, Influenza, Swine fluFIRST PUBLISHED : July 21, 2022, 11:30 IST