कई पड़ोसी राज्यों से असम के सीमा विवाद 150 सालों से ज्यादा पुराने अक्सर तनाव
कई पड़ोसी राज्यों से असम के सीमा विवाद 150 सालों से ज्यादा पुराने अक्सर तनाव
असम का उसके पड़ोसी राज्यों से सीमाई विवाद अलग अलग तरह का है. मेघालय कभी उसका हिस्सा था लेकिन जब अलग हुआ तो उसके कुछ हिस्सों को लेकर दोनों में विवाद शुरू हो गया. असम और मिजोरम का सीमा विवाद तो बहुत कटुता भरा है.
हाइलाइट्सअसम का सभी हिस्सा था मेघालय, 1972 में हुआ उससे अलग असम का सभी 06 पड़ोसियों से सीमा विवाद, इसे लेकर समझौते भी हुएसमझौतों के बावजूद सीमा समझौते पर काम नहीं हुआ लिहाजा ये अब भी जारी
असम और मेघालय की सीमा पर फिर खूनी टकराव में 06 लोगों की मृत्यु हो गई. ये फायरिंग मंगलवार को सुबह हुई. मृतकों में असम का फारेस्ट गार्ड भी है. सीमा से सटे जंगल से कुछ लोग ट्रक से तस्करी करके लकड़ी ले जा रहे थे. असम पुलिस और फॉरेस्ट विभाग द्वारा उन्हें पश्चिम जयंतिया हिल्स के मुकरोह में रोका तो फायरिंग शुरू हो गई.
चूंकि मरने वालों में 05 मेघालय के हैं, लिहाजा जैसे ही ये खबर फैली मेघालय के 07 जिलों में हिंसा फैल गई. ये मामला दोनों राज्यों के सीमा विवाद से भी जुड़ा है. जिसे लेकर अक्सर ऐसी वारदातों में दोनों राज्यों के बीच तनाव फैल जाता है और हिंसा भी हो जाती है.
असम का पड़ोसी राज्यों से सीमा विवाद 150 सालों से ज्यादा पुराना है. इसे लेकर उसका अक्सर पड़ोसी राज्यों से विवाद होता रहा है. इससे पहले पिछले साल 26 जुलाई को असम और मिजोरम के बीच खूनी सीमा विवाद संघर्ष देखने को मिला था. तब मिजोरम पुलिस और असम पुलिस आपस में ही भिड़ गईं थीं.
असम-मेघालय सीमा विवाद 50 साल पुराना
असम और मेघालय के बीच 884.9 किलोमीटर लंबी अंतर-राज्यीय सीमा के 12 इलाकों में लंबे समय से विवाद चल रहा है. दोनों पूर्वोत्तर राज्यों ने इनमें से छह इलाकों में विवाद को खत्म करते हुए इसी साल समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे. दोनों ने बाकी के छह इलाकों में विवाद को हल करने के लिए बातचीत भी शुरू की.
मेघालय को असम से अलग कर 1972 में स्थापित किया गया. उसने असम पुनर्गठन कानून 1971 को चुनौती दी. समझौते के बावजूद सीमा को लेकर विवाद थमा नहीं है. ये घटना उसी से जुड़ी है. जिसमें दोनों राज्य दावा कर रहे हैं ये उनका इलाका है.
06 राज्यों से सटी है असम की सीमा
असम की सीमा 06 राज्यों से सटी है और इन सभी से उसके सीमा विवाद हैं. इसमें कोई शक नहीं कि एक जमाने में असम पूर्वोत्तर का सबसे बड़ा राज्य था. इसका पुनर्गठन भी हुआ. कुछ समझौते भी हुए लेकिन इसके बाद भी विवाद थमे नहीं हैं. इन 06 पडोसी राज्यों में त्रिपुरा, मेघालय, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और नगालैंड शामिल हैं
असम- मिजोरम विवाद
असम-मिज़ोरम के बीच यह विवाद 1875 की एक अधिसूचना से उपजा, जो लुशाई पहाड़ियों को कछार के मैदानी इलाकों से अलग करता है.मिजोरम पड़ोसी राज्य असम के साथ 164.6 किलोमीटर की सीमा साझा करता है. मिज़ोरम पहले 1972 तक असम का ही हिस्सा था. यह लुशाई हिल्स नाम से असम का एक ज़िला हुआ करता था जिसका मुख्यालय आइजोल था.
वो हिस्सा जिस पर असम और मिजोरम दोनों दावा करते हैं
हालांकि जब मिजोरम लुशाई हिल्स से नाम से असम का हिस्सा था तब भी इसकी मिज़ो आबादी और लुशाई हिल्स का क्षेत्र निश्चित था. इसी क्षेत्र को 1875 में ब्रिटिश राज में चिन्हित किया गया था. मिज़ोरम की राज्य सरकार इसी के मुताबिक अपनी सीमा का दावा करती है, असम सरकार यह नहीं मानती है. असम सरकार 1933 में चिन्हित की गई सीमा के मुताबिक अपना दावा करती है. इन दोनों माप में काफ़ी अंतर है. विवाद की असली जड़ एक-दूसरे पर ओवरलैप 1318 वर्ग किलोमीटर का हिस्सा है, जिस पर दोनों सरकारें दावा छोड़ने को तैयार नहीं हैं.
हालांकि मिजोरम से जो रिपोर्ट्स आई हैं, उनका कहना है कि 1875 का नोटिफ़िकेशन बंगाल ईस्टर्न फ़्रंटियर रेगुलेशन (बीइएफ़आर) एक्ट, 1873 के तहत आया था, जबकि 1933 में जो नोटिफ़िकेशन आया उस वक़्त मिज़ो समुदाय के लोगों से सलाह मशविरा नहीं किया गया था, इसलिए समुदाय ने इस नोटिफ़िकेशन का विरोध किया था.
सीमा की स्थिति
असम के साथ साझी की जाने वाली मिज़ोरम की सीमा पर उसके तीन ज़िले आइजोल, कोलासिब और ममित आते हैं. वहीं, इस सीमा पर असम के कछार, करीमगंज और हैलाकांदी ज़िले भी हैं. पिछले साल अक्टूबर में असम के कछार ज़िले के लैलापुर गांव के लोगों और मिज़ोरम के कोलासिब ज़िले के वैरेंगते के पास स्थानीय लोगों के बीच सीमा विवाद को लेकर हिंसक संघर्ष हुआ था, तब 08 लोग इसमें घायल हुए थे.
वैसे सीमा को लेकर असम का विवाद केवल मिज़ोरम नहीं बल्कि मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड से भी है. लेकिन बड़ा विवाद मिजोरम से ही है.
क्या इस विवाद के साथ राजनीति भी जुड़ी है
इस सीमा विवाद को सुलझाने की कोशिश 1955 से हो रही है. सीमा पर जब से लोगों के बसने की गति बढ़ी है, तब से ये विवाद भी ज्यादा हो गया. वैसे इस सीमा विवाद को इस बार राजनीति से भी जोड़कर देखा जा रहा है, क्योंकि असम में बीजेपी की सरकार है जबकि मिजोरम में ज़ोरामथांगा की मिजो नेशनल फ़्रंट की सरकार, हालांकि मिजो फ्रंट भी एनडीए का हिस्सा है. लेकिन ये कयास लग रहे हैं कि मिज़ोरम में दो साल बाद होने वाले चुनाव से पहले ही जोरामखथांगा एनडीए से अलग हो सकते हैं.
असम औऱ मिजोरम के बीच हाल में पहले वर्ष 2018 में सीमा विवाद हुआ और फिर अगस्त 2020 में ये फिर सतह पर आ गया. तब असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने गृहमंत्री अमित शाह को इस बारे में चिट्ठी लिखी थी. उन्होंने तब भी शाह से इस मामले में दखल देने की अपील की थी. लेकिन रह-रहकर अब ये विवाद दोनों राज्यों में बढ़ता हुआ ही लग रहा है.
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Tags: Assam, Assam and Mizoram border dispute, MeghalayaFIRST PUBLISHED : November 23, 2022, 10:44 IST