कभी कोलकाता से लंदन के बीच चलती थी बसखिलाते-पिलाते डेढ़ महीने में पहुंचाती थी

Kolkata to London Bus: क्या आप जानते हैं कि 50 साल पहले एक ऐसी बस चलती थी जो कलकता से शुरू होती थी और लोगों को खिलाते पिलाते 11 देशों से गुजरते हुई लंदन तक ले जाती थी. इसकी यात्रा बहुत रोमांचक और यादगार होती थी. आइए जानते हैं उस बस सेवा के बारे में…

कभी कोलकाता से लंदन के बीच चलती थी बसखिलाते-पिलाते डेढ़ महीने में पहुंचाती थी
हाइलाइट्स पांच दशक पहले कोलकाता से लंदन तक सीधी बस सेवा उपलब्ध थी इसे सिडनी की अल्बर्ट टूर एंड ट्रैवल्स कंपनी संचालित करती थी इसे 1950 में शुरू किया था. ये 1973 तक ढोने का काम करती रही Kolkata to London Bus: एक समय ऐसा भी था, जब भारत से लंदन के लिए बस सेवा उपलब्ध थी. हालांकि आज यह बात आपको जानकर हैरानी होगी. लेकिन यह सच है कि पांच दशक पहले कोलकाता से लंदन तक सीधी बस सेवा थी. ये बस सेवा सिडनी की अल्बर्ट टूर एंड ट्रैवल्स कंपनी संचालित करती थी. उसने इसे 1950 में शुरू किया था. ये बस 1973 तक यात्रियों को लाने-ले जाने का काम करती रही, फिर इसे बंद कर दिया गया. भारत से चलने के बाद इस बस के रास्ते में पाकिस्तान और अफगानिस्तान भी आता था. यह बस सेवा उस समय में दुनिया की सबसे लंबी बस यात्रा हुआ करती थी, सफर में लगते थे 45 दिन यह बस सेवा यात्रियों के बीच काफी लोकप्रिय थी. इस बस यात्रा की शुरुआत कोलकाता से होती थी. इसके बाद नई दिल्ली, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, ईरान, तुर्की, बेल्जियम, युगोस्लाविया, ऑस्ट्रिया, पश्चिम जर्मनी, और बुल्गारिया से होते हुए लंदन पहुंचती थी. इसके रास्ते में कुल 11 देश आते थे. लंदन से फिर ये बस इसी रूट से कोलकाता लौटती थी. इस यात्रा का कार्यक्रम इस तरह से बनाया जाता था कि इसमें 45 दिन लगते थे. बस रास्ते में इस तरह से रुकती थी कि लोगों की यात्रा काफी आरामदायक और यादगार रहे. मसलन अगर रास्ते में कहीं कोई मशहूर घूमने वाली जगह पड़ती थी तो बस वहां रुककर यात्रियों को घूमने का मौका जरूर देती थी. सबसे बड़ी बात है कि ये यात्रा बस यात्रियों को खिलाते-पिलाते और घुमाते हुए कराई जाती थी. यात्रियों के होटल में ठहरने का खर्चा टूर संचालित करने वाली कंपनी होटल उठाती थी. ये भी पढ़ें- कैसा रहा कश्मीर में पहला चुनाव, एक ही पार्टी ने जीत ली थीं सारी सीटें, बनाया कभी न टूटने वाला रिकॉर्ड अफगानिस्तान भी पड़ता था रूट में ये बस भारत से चलकर पाकिस्तान पहुंचती थी. वहां से फिर इसके रास्ते में अफगानिस्तान आता था. ये अफगानिस्तान से गुजरने में एक हफ्ते से ज्यादा का समय लेती थी. रास्ते में जिन जगहों पर रुकती थी, उसमें काबुल और हेरात जैसे शहर भी थे. अफगानिस्तान से गुजरने के कारण इस बस का रूट दिलचस्प भी था और जोखिमभरा भी. जब ये बस हेरात के दर्राे के बीच से गुजरती थी वहां सड़कों पर दूर-दूर तक किसी के दर्शन भी नहीं होते थे. जिन रास्तों से यह जाती थी अब तो इसमें कुछ देशों के नक्शे ही बदल चुके हैं. या कुछ का दुनिया के नक्शे से नामोनिशान ही मिट चुका है. इस बस में यात्रा करने को लेकर केवल भारत ही नहीं, बल्कि अफगानिस्तान और ईरान तक में लोग इंतजार करते थे.  कितना लगता था किराया ये बस सेवा 1972 में कोलकाता से लेकर लंदन तक का 145 पाउंड किराया लेती थी. बाद में अल्बर्ट टूर एंड ट्रैवल्स कंपनी ने इसका किराया बढ़ा दिया. इस बस का टिकट भी अपने आप में अनोखा था. इसके टिकट पर यात्रा के दौरान मिलने वाली सुविधाओं, किराये और रूट का जिक्र होता था. इस बस की रवागनी का दिन पहले से तय होता था और लंदन पहुंचने का दिन भी. इस किराए में बस का भाड़ा, खाना, नाश्ता और रास्ते के होटलों में रुकने की सुविधा शामिल रहती थी. यह एक डबल डेकर बस थी, जो लोगों के बीच अल्बर्ट बस के नाम से मशहूर थी. ये भी पढ़ें- अफगानिस्तान से तालिबान से जान बचाकर भारत भागे सिख, क्यों हो रहे कनाडा में सेटल स्लीपर बर्थ की थी सुविधा बस में चलने वाले यात्रियों के लिए स्लीपर बर्थ की सुविधा मिलती थी. खिड़की से वो बाहर का नजारा ले सकते थे. बस में सैलून, किताब पढ़ने की जगह और बाहर का नजारा लेने के लिए एक खास बालकनी भी थी. बस ऑपरेटर कंपनी ये दावा करती थी कि इतनी आरामदायक यात्रा आपको कहीं नहीं मिलेगी. इसमें आपको ऐसा लगेगा कि आप घर में ही हों. क्यों बंद हो गई बस सेवा बाद के बरसों में इसका किराया बढ़कर 305 डॉलर हो गया था. बस के टिकट में ये भी लिखा होता था कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच बॉर्डर बंद हुए तो यात्रियों को पाकिस्तान के ऊपर हवाई यात्रा से ले जाया जाएगा. तब किराया कुछ ज्यादा हो जाएगा. ईरानी क्रांति से पहले की राजनीतिक परिस्थितियों और पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव बढ़ने के कारण 1976 में बस सेवा बंद कर दी गई थी. खैर जो भी इस बस से लोगों की यात्रा यादगार रहती थी. ये भी पढ़ें- क्या सच में चंदन के पेड़ पर सांप रहते हैं? जानिए क्या है इस दावे की हकीकत हालांकि कुछ समय पहले इसी तरह की बस सेवा फिर शुरू करने का ऐलान हुआ था. लेकिन ये बड़ी चुनौती साबित होगा, क्योंकि ज्यादातर देशों के हाल पिछले 50 सालों में इतने बदल गए हैं कि ऐसी बस को पाकिस्तान, अफगानिस्तान और ईरान से गुजारना अब कतई आसान नहीं होगा, जैसा पहले होता था.  Tags: Afghanistan news, Bus Services, Kolkata News, London News, Pakistan newsFIRST PUBLISHED : September 13, 2024, 18:54 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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