इंडिया के आखिरी वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन की मौत कैसे हुई थी
इंडिया के आखिरी वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन की मौत कैसे हुई थी
दूसरे विश्वयुद्ध में दुनिया को अपनी सैनिक ताकत का लोहा मनवाने वाले लॉर्ड माउंटबेटन की मृत्यु कैसे हुई थी. भारत के इस आखिर वायसरॉय की पूरी परिवार के साथ किसने मार दिया था, जानने के लिए पढ़िए.
“लॉर्ड लुइस माउंटबेटन” ब्रिटिश इंडिया के अंतिम वायसराय थे. उन्हें मार्च 1947 में भारत का वायसराय नियुक्त किया गया था, जिसमें उनका मुख्य उद्देश्य भारत को जून 1948 तक सत्ता सौंपना और ब्रिटिश सेना की वापसी तक देखरेख करना था. वह जून 1948 तक भारत के अंतरिम गवर्नर-जनरल बने रहे. माउंटबेटन का जन्म 25 जून 1900 को विंडसर, ब्रिटेन में एक जर्मन शाही परिवार में हुआ था. उनका ब्रिटिश समेत दुनिया भर के तमाम शाही परिवार से सीधे संबंध थे, क्वीन विक्टोरिया उनकी परनानी थीं और वह प्रिंस फिलिप के चाचा थे. किसने और कब हत्या की? माउंटबेटन, द्वितीय विश्व युद्ध के नायक और क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय के दूसरे चचेरे भाई थे. 27 अगस्त 1979, बैंक हॉलिडे का दिन था, बारिश के बाद धूप खिली हुई थी. माउंटबेटन अपने परिवार सदस्यों के साथ “आयरलैंड गणराज्य” के “काउंटी स्लाइगो” के क्लिफोनी गांव के पास छुट्टी मनाने गए थे, जहाँ उन्होंने अपनी नाव “शैडो V” पर सैर करने का फैसला लिया.
Image Courtesy X नाव पर कुल 7 लोग सवार थे, जिनमे माउंटबेटन, उनकी बेटी पैट्रीशिया, उनके पति लॉर्ड जॉन ब्रैबॉर्न, उनके 14 वर्षीय जुड़वां बच्चे टिमोथी और निकोलस, लॉर्ड ब्रैबॉर्न की माँ, लेडी डोरीन ब्रैबॉर्न शामिल थे. नाव पर काम करने वाला 15 वर्षीय पॉल मैक्सवेल, जो इस परिवार का एक दोस्त था वह भी सवार था. धमाके में माउंटबेटन, उनके पोते निकोलस ब्रैबॉर्न और नाविक मैक्सवेल की तत्काल मृत्यु हो गई थी और लेडी ब्रैबॉर्न की मौत अगले दिन हुई. बाकी सभी लोग गंभीर चोटों से घायल थे. “शैडो V” नाव में आयरिश रिपब्लिकन आर्मी (IRA) के सदस्यों ने 50 पाउंड का बम छिपाया हुआ था, नाव के पानी में उतरने के 15 मिनट बाद एक ज़ोरदार धमाका हुआ, जिसके बाद नाव माचिस की तिल्लियों की तरह बिखर गई. उसी दिन, IRA ने एक बम हमले में उत्तरी आयरलैंड के काउंटी में 18 ब्रिटिश पैराट्रूपर्स की हत्या कर दी थी. माउंटबेटन की हत्या आयरिश रिपब्लिकन आर्मी (IRA) द्वारा ब्रिटिश शाही परिवार के खिलाफ पहला हमला था. IRA ने एक लंबा आतंकी अभियान चलाया था जिसका मकसद “उत्तरी आयरलैंड से ब्रिटिशों को बाहर निकालकर उसे दक्षिणी आयरलैंड से जोड़ना था. इस हमले के बाद उस समय की ब्रिटेन की मार्गरेट थैचर की सरकार को आतंकवादी संगठन के खिलाफ कड़ा रुख अपनाना पड़ा. हमले में कौन शामिल था? हमले के तुरंत बाद IRA ने माउंटबेटन की हत्या की जिम्मेदारी ली साथ ही उसी दिन “काउंटी ” में हुए 18 ब्रिटिश सैनिकों की हत्या की भी जिम्मेदारी ली. हमले के लिए IRA सदस्य “थॉमस मैकमोहन” गिरफ्तार किया गया और दोषी ठहराया गया. मैकमोहन, IRA के कुख्यात साउथ आर्माग ब्रिगेड का नेता था, जिसने 100 से अधिक ब्रिटिश सैनिकों की हत्या की थी. वह IRA के पहले सदस्य में से एक था जिसे डेटोनेटर और टाइमिंग सीखने के लिए लीबिया भी गया था, वह विस्फोटकों का विशेषज्ञ भी था. उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी, लेकिन 1998 में उसे रिहा कर दिया गया. क्यों की गई हत्या? माउंटबेटन 1960 के दशक की शुरुआत से ही IRA के निशाने पर थे और उन्हें कई बार मारने के कई प्रयास भी किए गए थे. उनके ब्रिटिश शाही परिवार से रिश्ते के कारण भी वह IRA के लिए एक सिंबॉलिक और महत्वपूर्ण लक्ष्य रहे थे. 1978 में भी उन्हें शैडो V पर गोली मारने का एक प्रयास भी विफल किया गया था.
IRA क्या था और उसका उद्देश्य क्या था?
आयरिश रिपब्लिकन आर्मी (IRA) आयरलैंड और उत्तरी आयरलैंड के उग्रवादी समूहों का नाम था, जिनका उद्देश्य ब्रिटिश शासन को समाप्त करना और आयरलैंड में एक स्वतंत्र गणराज्य की स्थापना करना था। IRA ने हिंसा का सहारा लिया, और इसे ब्रिटिश तथा आयरिश सरकारों द्वारा अवैध और आतंकवादी संगठन माना गया. आयरलैंड में ‘होमरूल’ या “स्वशासन” के लिए आंदोलन 19वीं सदी में शुरू हुआ और 20वीं सदी में एक क्रांति में बदल गया. 1916 में ब्रिटिश शासन के खिलाफ असफल विद्रोह के बाद, “आयरिश वालंटियर्स और आयरिश सिटिजन आर्मी” जैसे संगठनों की जगह 1919 में IRA का गठन हुआ था.
Tags: British Raj, World WAR 2FIRST PUBLISHED : December 17, 2024, 18:24 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed