कोबरा किस तरह सुन लेता है हर इंसान की आवाज फिर अलर्ट होकर करता है ये काम

अब तक ये कहा जाता था कि सांप किसी भी आवाज को सुन नहीं पाते लेकिन अब नए रिसर्च ये बताते हैं कि सांप हवा में होने वाले कंपन के जरिए आवाज को बखूबी सुनते हैं

कोबरा किस तरह सुन लेता है हर इंसान की आवाज फिर अलर्ट होकर करता है ये काम
हाइलाइट्स सांप जमीन ही नहीं बल्कि हवा से आने वाली आवाज भी सुन लेते हैं सांप के बाहरी कान बेशक नहीं होते लेकिन अंदरूनी कान जरूर होते हैं अलग अलग तरह के सांप आवाज पर अलग रिएक्शन देते हैं ये हम सबको मालूम है कि सांप के कान नहीं होते. नई रिसर्च कहती हैं कि सांप बगैर कानों के ही इंसानों की आवाज को ना केवल अच्छी तरह सुन सकता है बल्कि अलग अलग इंसान की आवाज को पहचान भी लेता है. हाल के शोध से पता चला है कि बाहरी कान न होने के बावजूद, सांप इंसान की आवाज़ और अन्य हवाई आवाज़ों को पहचान सकते हैं. रिसर्च में ये बताया गया कि ऐसा होता कैसे है. आंतरिक कान से यूं सुनते हैं आवाज बेशक सांप का कोई बाहरी कान नहीं होता लेकिन उनका आंतरिक कान तो होता ही है. सांपों का आंतरिक कान सीधे उनके जबड़े की हड्डी से जुड़ा होता है, जो उनके चलते समय जमीन पर टिका होता है. जब ध्वनि तरंगें हवा में चलती हैं, तो वे सांप की खोपड़ी में कंपन पैदा करती हैं, जिसका पता आंतरिक कान द्वारा लगाया जाता है, ये सांपों बिना कान के परदे के आवाज सुनने की अनुमति देता है. हवा में आवाज की फ्रीक्वेंसी कैच करते हैं दरअसल सांप हवा में होने वाले वाइब्रेशन के जरिए ध्वनि की फ्रीक्वेंसी का पता लगा लेते हैं या उसे कैच करते हैं. चूंकि हर आवाज अलग अलग फ्रीक्वेंसी की होती है लिहाजा वो इनके जरिए बखूबी इंसानों की आवाज के जरिए उसे पहचान लेते हैं. अलग अलग आवाज में अंतर भी कर सकते हैं. वो 80-160 हर्ट्ज की फ्रीक्वेंसी को बखूबी सुन कर सकते हैं. मानव आवाज इसी फ्रीक्वेंसी के बीच होती है. हर इंसान की आवाज की फ्रीक्वेंसी में भी कुछ अंतर होता है. मानव आवाज़ की सीमा लगभग 100-250Hz है. पक्षी करीब 8,000Hz पर चहचहाते हैं. कोबरा आवाज सुनकर तुरंत अलर्ट हो जाता है जब कोई आवाज आती है तो उसे सबसे साफ तरीके से सुनने का काम कोबरा करता है. ऐसी आवाज सुनते ही वह अलर्ट हो जाता है. स्नेक बिहेवियर एक्सपर्ट मृदुल वैभव, जो लंबे समय से सांपों को पकड़ने और उनके बचाव का काम कर रहे हैं, उनका कहना है कि कोबरा हवा में आ रही साउंड फ्रीक्वेंसी को सबसे बेहतर तरीके से सुनता है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए वह तुरंत अपना हुड फैला लेगा. संभव है कि वो साउंड के आसपास होने की सूरत में अपना फन बार-बार उधर पटकने लगे. उनका ये भी कहना है कि सांप बहुत दूर की आवाज तो नहीं भांप पाते लेकिन 50 मीटर के आसपास की आवाजों और हवा में होने वाले कंपन को बखूबी अंदाज लगा लेते हैं. इस काम में उनकी जीभ उनके बहुत काम आती है. इस जीभ से वह आवाज के कंपन का पता लगा सकते हैं, तापमान का अंदाज लगाते हैं और इसी से दूर से आ रही गंध भी पकड़ लेते हैं. हालांकि शुरू में कोबरा अलर्ट तो होता है लेकिन आवाज एकदम पास महसूस होती है तो वह एग्रेसिव हो सकता जाता है. वो सांप जो आवाज की ओर बढ़ता है वोमा पाइथन सांप ध्वनि के आते ही उस ओर बढ़ने लगता है, जहां से आवाज आई है. वह उसके करीब पहुंच जाता है जहां से आवाज आई है. दरअसल वोमा पाइथन बड़े निशाचर सांप हैं, लिहाजा वो बहुत ज्यादा सतर्क नहीं होते, इसलिए आवाज़ के पास पहुंच जाते हैं.वहीं कई प्रजातियों के सांप तुरंत आवाज की उल्टी दिशा में भागने लगे हैं. रिसर्च क्या कहती है क्वींसलैंड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि सांप हवा में मौजूद ध्वनि तरंगों, जिनमें मानव आवाजें भी शामिल हैं, पर तुरंत प्रतिक्रिया देते हैं. रिसर्च में पता लगा कि सांप हमारी सारी बातों को सुन सकते हैं कंपन और हवा में उड़ने वाली आवाज़ों पर साँपों ने प्रयोगों के दौरान तुरंत प्रतिक्रिया दी. तो नतीजा ये निकला कि सांप जब जमीन पर रेंगते हैं तो रेंगने के दौरान धरती में कंपन के जरिए तो आवाज का सुनते ही साथ ही हवा में होने वाले कंपन के जरिए भी आवाज का बखूबी अंदाज लगा लेते हैं. तो इसका मतलब भी पक्का है कि जब सांप पालने वाले सपेरे जब बीन बजाते हैं तो उनकी बीन से आने वाली आवाज की फ्रीक्वेंसी को सांप सुन लेते हैं और सिर घुमा घुमाकर इस पर रिएक्शन देते हैं. Tags: Cobra snake, Snake Rescue, Snake VenomFIRST PUBLISHED : September 2, 2024, 14:58 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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