Explainer: क्यों 15 फीसदी से छोटा मोदी मंत्रिमंडलबन सकती है 9मंत्रियों की जगह
Explainer: क्यों 15 फीसदी से छोटा मोदी मंत्रिमंडलबन सकती है 9मंत्रियों की जगह
मोदी3.0 सरकार में 09 जून को 72 सदस्यीय मंत्रिमंडल ने शपथ ली. इसमें मोदी के अलावा 30 केंद्रीय मंत्रियों और 36 राज्य मंत्रियों ने शपथ ली. इसके अलावा 05 राज्य मंत्री ऐसे बनाए गए, जो स्वतंत्र प्रभार वाले हैं.
हाइलाइट्स संविधान में मंत्रिमंडल के आकार के बारे में प्रावधान है ये प्रावधान अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने 2003 किया गया था इसी के अनुसार केंद्र और राज्यों में मंत्रियों की संख्या तय की जाती है
प्रधानमंत्री समेत 72 सदस्यीय मंत्रिमंडल शपथ ग्रहण कर चुका है. वैसे मोदी सरकार में अभी 15 फीसदी पद खाली हैं. संविधान के अनुसार मंत्रिमंडल में जितने अधिकतम सदस्य होने चाहिए, ये उससे अभी छोटा है. जब संविधान बना था तब तो केंद्र से लेकर राज्य तक के मंत्रिमंडल की साइज को लेकर कोई प्रावधान नहीं था लेकिन बाद में इसकी व्यवस्था की गई. जानते हैं कि ये प्रावधान क्या है और इसके अनुसार इस सरकार में अभी कितने मंत्री और शामिल हो सकते हैं.
देश में संविधान में मंत्रिमंडल के आकार प्रकार को लेकर एक व्यवस्था की गई है. पहले संविधान में ऐसा प्रावधान नहीं था लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री रहते एनडीए की सरकार में इस संबंध में एक संशोधन विधेयक लाया गया. जिसके पास होने के बाद अब केंद्र से लेकर राज्य तक की सरकारों में मंत्रिमंडल के नंबर्स की अधिकतम संख्या तय हो गई है. मोदी सरकार में संगठन और पूर्व मुख्यमंत्रियों को अहम जिम्मेदारी मिली है.
सवाल – संविधान में वो कौन सा प्रावधान है जो मंत्रिमंडल के आकार को तय करता है?
– 91वें संविधान संशोधन में आर्टिकल 72 में एक नया क्लाज 1ए के नाम से जोड़ा गया, जिसमें मंत्रिमंडल के आकार प्रकार की व्याख्या स्पष्ट शब्दों में की गई है. अगर ये केंद्रीय मंत्रिमंडल के लिए 72 (1ए) संशोधन एक्ट है तो राज्यों के लिए इसकी व्याख्या आर्टिकल 164 (1) में की गई है. अब इसी के आधार पर राज्य हों या फिर केंद्र कैबिनेट की सदस्य संख्या तय करनी होती है.
सवाल – ये प्रावधान कब लागू हुआ?
– ये मार्च 2003 में लागू हुआ, इससे पहले मंत्रिमंडल की साइज तय करने की व्यवस्था नहीं थी लेकिन इसके बाद इससे ना केवल प्रधानमंत्री बल्कि राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी बांध दिया गया. इसके चलते अब वो एक तय आकार से ज्यादा का मंत्रिमंडल नहीं बना सकते. नरेंद्र मोदी ने इससे पहले जब वर्ष 2014 और 2019 में शपथ ली तब उनका मंत्रिमंडल छोटा था, जिसे उन्होंने बाद में विस्तार दिया. (news18)
सवाल – ये प्रावधान क्या कहता है?
– बकौल इस संविधान संशोधन के ये व्यवस्था की गई है कि सदन में चुने गए कुल सदस्यों की संख्या का 15 फीसदी आकार का ही मंत्रिमंडल बनाया जा सकता है.
सवाल – इस हिसाब से केंद्र में कितना बड़ा मंत्रिमंडल बन सकता है?
– चूंकि केंद्र यानि लोकसभा में कुल सदस्यों की संख्या 543 है, लिहाजा इसका 15 फीसदी 81 होता है. इसका मतलब ये हुआ कि केंद्र में जब भी मंत्रिमंडल बनेगा तो उसमें 82 लोगों की संख्या तक मंत्री बनाए जा सकते हैं. इसमें प्रधानमंत्री भी शामिल होंगे. वैसे केंद्र के मंत्रिमंडल में राज्यसभा के सदस्यों को भी शामिल किया गया है लेकिन मंत्रिमंडल का आकार हमेशा केंद्र में लोकसभा की कुल संख्या और राज्यों में विधानसभा के कुल सदस्यों की संख्या के आधार पर ही तय होता है.
सवाल – कुछ राज्यों में विधानसभा बहुत छोटी है यानि उनकी कुल सदस्य संख्या भी बहुत कम है, जैसा कि नार्थईस्ट राज्यों और गोवा में है. उनके लिए क्या फार्मूला है?
– गोवा, मिजोरम और सिक्किम जैसे राज्यों में विधानसभा में कुल सदस्यों की संख्या क्रमशः 40,40 और 32 है, वहां के लिए विशेष प्रावधान ये किया गया है कि उन राज्यों में मंत्रिमंडल 07 से 10 मंत्रियों का हो सकता है.
सवाल – जब ये फार्मूला लागू नहीं हुआ था तब क्या स्थिति थी?
– मार्च 1998 में अटलबिहारी वाजपेयी सरकार बनी तो 21 कैबिनेट और 21 राज्यमंत्री थे. अगले कार्यकाल में अक्टूबर 1999 में अटल सरकार ने 22 कैबिनेट और इतने ही राज्य मंत्रियों के साथ शुरुआत की. हालांकि फिर इसके बाद जरूर मंत्रिमंडल का विस्तार किया लेकिन वो कभी 70 के पार नहीं गई.
इसी तरह मनमोहन सिंह की अगुवाई वाले यूपीए में वर्ष 2004 में जब उन्होंने सरकार बनाई तो मंत्रियों की संख्या 50 थी. इसी तरह 2009 में यूपीए2 वाली सरकार में भी हुआ. हालांकि बाद में विस्तार के बाद ये संख्या 78 तक गई. पीवी नरसिंहराव सरकार ने जब 21 जून 1991 को शपथ ली तब उनका मंत्रिमंडल छोटा था. ज्यादातर विभाग उन्हीं के पास थे लेकिन उन्होंने इसे कई बार विस्तार दिया. फरवरी 1994 जब उन्होंने मंत्रिमंडल का विस्तार किया तो इसकी साइज 70 मंत्रियों की हो गई, जिसमें वह भी शामिल थे.
सवाल – एनडीए सरकार के पहले और दूसरे कार्यकाल में कितने मंत्री थे?
– जब नरेंद्र मोदी ने पहली बार मई 2014 में शपथ ली तो उस समय 46 सदस्यीय मंत्रियों ने शपथ ली थी, हालांकि इसे 06 महीने बाद बढ़ा दिया गया. छह महीने बाद इसमें 21 मंत्री और जुड़ गए. इसके पांच साल जब मोदी सरकार ने शपथ ली तो 2019 में 54 मंत्रियों ने शपथ ली लेकिन इसे भी बाद में विस्तार दिया गया. इस लिहाज से माना जा सकता है कि कुछ समय बाद मोदी सरकार के विस्तार होने की पूरी गुंजाइश रहेगी. हालांकि इस बार के मंत्रिमंडल के बड़ा होने की एक बड़ी वजह इस सरकार का कई दलों के साथ मिलकर सरकार बनाना है.
Tags: Modi cabinet, Modi government, Narendra Modi GovernmentFIRST PUBLISHED : June 10, 2024, 12:01 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed