Explainer: कैबिनेट और स्टेट मिनिस्टर के कामों में क्या होता है अंतर
Explainer: कैबिनेट और स्टेट मिनिस्टर के कामों में क्या होता है अंतर
नरेंद्र मोदी की अगुवाई में एनडीए सरकार के मंत्रिमंडल ने शपथ लेकर का भी करना शुरू कर दिया है. क्या आपको मालूम है कि कैबिनेट और स्टेट मिनिस्टर कौन होते हैं और क्या काम करते हैं.
हाइलाइट्स कैबिनेट मिनिस्टर की भूमिका हमेशा सीनियर सांसदों या मंत्रियों को दी जाती है स्टेट मिनिस्टर मंत्रालयों में सहायकों की भूमिका में होते हैं कैबिनेट की मीटिंग में राज्य मंत्री आमतौर पर शामिल नहीं होते
नरेंद्र मोदी की एनडीए सरकार के 71 सदस्यीय मंत्रिमंडल को शपथ लिये चार दिन हो चुके हैं. वो सभी अपने मंत्रालयों में काम भी शुरू कर चुके हैं. जब 09 जून को राष्ट्रपति मुर्मू ने केंद्र के मंत्रियों को शपथ दिलाई तो उसमें 30 कैबिनेट मंत्री, 05 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 36 राज्यमंत्री शामिल थे. क्या आपको मालूम है कि कैबिनेट मंत्रियों और राज्य स्तर के मंत्रियों में क्या फर्क है. कैबिनट मीटिंग में कौन से मंत्री शामिल हैं और सुरक्षा मामलों की सबसे महत्वपूर्ण कोर मंत्रिपरिषद टीम में कौन होते हैं.
सवाल – केन्द्रीय मंत्रिपरिषद क्या है?
– केंद्रीय मंत्रिपरिषद का नेतृत्व प्रधानमंत्री करते हैं. मंत्रियों की ये टीम ही सरकार चलाती है. नीति निर्माण में अहम भूमिका निभाती है. संविधान का अनुच्छेद 74 कहता है, “राष्ट्रपति की सहायता और सलाह के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक मंत्रिपरिषद होगी, जो अपने कामों को सलाह के अनुसार करेगी.
अनुच्छेद 75 कहता है कि राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की नियुक्ति करता है. प्रधानमंत्री की सिफारिश के आधार पर राष्ट्रपति अन्य मंत्रियों की नियुक्ति भी करता है. ये पूरी टीम मंत्रिपरिषद कहलाती है.
सवाल – मोदी के बहुत से मंत्री राज्यसभा के सदस्य भी हैं, क्या ये संविधान सम्मत है?
– बिल्कुल. राज्यसभा का कोई भी सदस्य केंद्र सरकार में कैबिनेट या स्टेट मिनिस्टर हो सकता है. अनुच्छेद 88 मंत्रियों को लोकसभा और राज्यसभा दोनों में बोलने या अन्यथा कार्यवाही में भाग लेने का अधिकार देता है. वो दोनों सदनों के किसी भी संयुक्त सत्र या किसी भी संसदीय समिति का हिस्सा भी हो सकते हैं.
सवाल – क्या राज्यसभा का कोई सदस्य प्रधानमंत्री भी हो सकता है?
– बिल्कुल ऐसा हो सकता है. अब तक कई बार ऐसा हुआ भी है. 1966 में जब इंदिरा गांधी राज्यसभा सदस्य थीं, तब वो प्रधानमंत्री बनीं. इसी तरह 1996 में एचडी देवेगौडा और 2004 व 2009 में मनमोहन सिंह राज्यसभा में सासंद रहते हुए प्रधानमंत्री बने.
सवाल – प्रधानमंत्री की भूमिका केंद्र सरकार में मंत्रिपरिषद में क्या होती है?
प्रधानमंत्री कार्यकारी क्षमता में केंद्रीय मंत्रिपरिषद के प्रमुख होते हैं. उनके पद को अक्सर “बराबर के लोगों में प्रथम” के रूप में उल्लेख किया गया है. उन्हें मंत्रिपरिषद का प्राथमिक नेता माना जाता है, लेकिन वो अपने मंत्रियों के बराबर होते हैं.
उल्लेखनीय रूप से, अनुच्छेद 75 में कहा गया है: “मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से लोक सभा के प्रति उत्तरदायी होगी.” इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री सभी महत्वपूर्ण नीतिगत मुद्दों और अन्य विभागों पर निर्णय लेने के लिए जिम्मेदार है, जो किसी अन्य मंत्री को नहीं दिया गया हो.
सवाल – कैबिनेट मंत्री कौन होते हैं?
– कैबिनेट मंत्रियों को मंत्रिपरिषद में सबसे सीनियर माना जाता है, उन्हें प्रधानमंत्री के बाद दूसरे स्थान पर माना जाता है. हालांकि परिपाटी ये रहती आई है कि अनुभवी सांसदों और मंत्रियों को ही कैबिनेट मंत्री का स्तर दिया जाए. लेकिन पिछली कई सरकारों में इसे अनदेखा भी किया गया. वो केंद्र सरकार के रणनीतिक और महत्वपूर्ण मंत्रालयों का जिम्मा देखते हैं. उन्हें बैठकें आयोजित करने, फैसले लेने का अधिकार होता है.
सवाल – राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कौन हैं?
– राज्य मंत्रियों का दर्जा कैबिनेट मंत्रियों से जूनियर का होता है. राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) को कैबिनेट मंत्रियों या केंद्र सरकार के अन्य सदस्यों की निगरानी के बिना अपने संबंधित मंत्रालय को चलाने और फैसला लेने का अधिकार होता है. मौजूदा केंद्र सरकार में पांच ऐसे राज्य मंत्री हैं, जिन्होंने स्वतंत्र प्रभार दिया गया है.
सवाल – राज्य मंत्री कौन होते हैं?
– राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के अलावा अन्य राज्य मंत्रियों को कैबिनेट मंत्रियों के साथ उनके मंत्रालय में सहायक की भूमिका निभाते हैं. उन्हें काम करने की भूमिका तो मिलती है लेकिन वो खुद कोई फैसला नहीं कर सकते. उनके कामों को हरी झंडी दिखाने का काम कैबिनेट मिनिस्टर ही करता है. गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण कार्यभार वाले मंत्रालयों में कैबिनेट मंत्री के साथ काम करने के लिए 02-03 राज्य मंत्री हो सकते हैं. मौजूदा मंत्रिपरिषद में 42 राज्य मंत्री थे.
सवाल – कैबिनेट की मीटिंग में कौन शामिल होता है?
– कैबिनेट की मीटिंग में महत्वपूर्ण मामलों में प्रधानमंत्री और उनके सीनियर कैबिनेट मिनिस्टर मिलकर फैसला लेते हैं और उसे हरी झंडी दिखाते हैं. आमतौर पर सरकार के महत्वपूर्ण नीतिगत मामलों और एजेंडे को कैबिनेट में ही पहले मंजूर करते हैं. फिर इसे आगे बढ़ाते हैं.
सवाल – सुरक्षा मामलों की खास कोर कैबिनेट क्या होती है?
– आमतौर पर पीएम अपने सबसे सीनियर और अहम प्रभार मंत्रियों के साथ ही अहम सुरक्षा मामलों की चर्चा करके उन पर फैसला लेता है. इसमें कैबिनेट के सभी सदस्यों की बजाए सबसे सीनियर कैबिनेट मिनिस्टर शामिल होते हैं. फिलहाल ऐसी कोर कैबिनेट टीम में गृह मंत्री, विदेश मंत्री, वित्त मंत्री, रक्षा मंत्री और रोड और ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर शामिल हैं.
Tags: Central cabinet meeting, Modi cabinet, Modi cabinet expansion, Modi cabinet meeting, Modi governmentFIRST PUBLISHED : June 13, 2024, 13:14 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed