पायलट कैसे जान पर खेल जाते हैं अपनी नहींपैसेंजर्स की रहती है परवाह
पायलट कैसे जान पर खेल जाते हैं अपनी नहींपैसेंजर्स की रहती है परवाह
Pilot Distress and Urgency Role: अजरबैजान एयरलाइंस एक फ्लाइट क्रैश हो गई है. इसमें दर्जनां यात्रियों की मौत हो गई है, जबकि कुछ भाग्यशाली यात्री बच गए हैं. अब सवाल उठता है कि जब प्लाइट हजारों मीटर की ऊंचाई पर आसमान में इमर्जेंसी का सामना करती है तो उस वक्त पायलट की क्या भूमिका होती है?
नई दिल्ली. प्लेन क्रैश की घटनाएं अक्सर सामने आती रहती हैं. क्रिसमस के दिन बुधवार को अजरबैजान एयरलाइंस का प्लेन बाकू से ग्रॉज्नी (चेचन्या, रूस) की उड़ान पर था. विमान को जिस रूट से डेस्टिनेशन तक पहुंचना था, उस मार्ग पर मौसम बेहद ही खराब था. घना कोहरा होने की वजह से विजिबिलिटी काफी कम थी, ऐसे में प्लाइट ऑपरेशन बुरी तरह से प्रभावित हो रहा था. इसके कारण विमान का रूट बदला गया था. अजरबैजान एयरलाइंस की फ्लाइट जब कजाखस्तान से गुजर रहा था तो वह अक्ताउ एयरपोर्ट के समीप दुर्घटनाग्रस्त हो गई. इस हादसे में दर्जनों की तादाद में पैसेंजर्स मारे गए हैं. कजाखस्तान इमर्जेंसी मिनिस्ट्री के अधिकारियों ने बताया कि कुछ यात्रियों की गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अब सवाल उठता है कि मिड एयर इमर्जेंसी सिचुएशन पैदा होने पर पायलट क्या करता है? वह यात्रियों को किस तरह से समझाता है उसे ढाढस बंधाता है? साथ ही पायलट एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) और ग्राउंड स्टाफ से बात कर उन्हें आपात स्थिति के बारे में बताता है.
फ्लाइट के मिड एयर क्राइसिस या डिस्ट्रेस को लेकर इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गेनाइजेशन (ICAO) ने कुछ मानक तय कर रखे हैं. ICAO की ओर से थ्री लेटर डेजिग्नेटर (ICAO 3LD) जारी किय जाता है. फ्लाइट नंबर के साथ इसका इस्तेमाल करने पर यह संबंधित प्लेन की पहचान बन जाती है जो एटीसी के लिए काफी महत्वपूर्ण हो जाती है. इमर्जेंसी सिचुएशन जैसे टेक्निकल ग्लिच या फिर मिड एयर टर्बुलेंस की स्थिति में बतौर कप्तान पायलट सेंट्रल रोल में आ जाता है. ऐसी स्थिति में पायलट का पूरा ध्यान अपनी परवाह किए बगैर पैसेंजर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करना होता है. पायलट यात्रियों को न घबराने और धैर्य बनाए रखने की अपील करते रहते हैं. दूसरी तरफ, पायलट अपने सहयोगियों के साथ प्रोब्लम को सुलझाने में जुटे रहते हैं. एटीसी के साथ ही ग्राउंड स्टाफ से भी लगातार संपर्क किया जाता है और समाधान के तरीके तलाशने की कोशिश की जाती है. इस दौरान कुछ खास मैसेज भी होते हैं, जिसे रिले कर पायलट हालात की सूचना देते हैं.
अजरबैजान से रूस जा रही थी फ्लाइट, कजाकिस्तान में हो गई क्रैश, 66 लोगों की मौत
MAYDAY मैसेज
पायलट इमर्जेंसी की स्थिति में कुछ खास तरह के कम्यूनिकेशन टूल का इस्तेमाल करते हैं, ताकि ग्राउंड पर सिस्टम को अलर्ट किया जा सके. इसमें एटीसी के साथ ही ग्राउंड स्टाफ भी शामिल होते हैं. क्राइसिस के समय में हालात को संभालने के लिए एयरपोर्ट पर सभी तरह के जरूरी कदम उठाए जाते हैं. MAYDAY मैसेज की मदद से पायलट क्राइसिस या डिस्ट्रेस की सूचना भेजते हैं. इस तरह का संदेश मिलते ही एयरपोर्ट का पूरा सिस्टम इमर्जेंसी सिचुएशन के लिए तैयार रहता है. बता दें कि MAYDAY मैसेज का तीन बार रिपीट किया जाता है. इसमें इमर्जेंसी लैंडिंग भी शामिल होता है. बता दें कि पैसेंजर्स की सुरक्षा संबंधित प्लेन के पायल के लिए सर्वोपरि हो जाता है. ऐसे हालात में पायलट जान पर खेलकर भी यात्रियों को सुरक्षित करने की तैयारी में जुट जाता है. बता दें कि पायलट किसी भी फ्लाइट का कैप्टेन होता है, जिसके निर्देश पर पूरा सिस्टम काम करता है.
PAN-PAN मैसेज
MAYDAY के बाद पायलट की ओर से PAN-PAN मैसेज रिले किया जाता है. संकट के समय PAN-PAN मैसेज रिले किया जाता है. बता दें कि इमर्जेंसी मैसेज को सर्वोच्च वरियता दी जाती है. जिस फ्रीक्वेंसी पर यह कम्यूनिकेशन जारी किया जाता है, उस कमांड रेडियो को साइलेंट कर दिया जाता है, ताकि उसपर आपात संदेश की आवाजाही में किसी तरह की समस्या या व्यवधान न हो. PAN-PAN मैसेज के तहत अन्य स्टेशन के लिए यह चेतावनी जारी की जाती है कि वह अर्जेंट ट्रांसमिशन में किसी भी तरह से हस्तक्षेप न किया जाए.
Tags: Explainer, Flight Pilot, National NewsFIRST PUBLISHED : December 25, 2024, 17:20 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed