इन 20 सवालों से दूर हो जाएगा EVM को लेकर हर कंफ्यूजन हर आरोप का मिलेगा जवाब

कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल ईवीएम को लेकर सवाल उठाते रहते हैं. उनका आरोप है कि ईवीएम में छेड़छाड़ कर चुनावी नतीजे प्रभावित किए जाते हैं. ऐसे में एक साइबर एक्सपर्ट ने ऐसे तमाम सवालों के जवाब दिए हैं.

इन 20 सवालों से दूर हो जाएगा EVM को लेकर हर कंफ्यूजन हर आरोप का मिलेगा जवाब
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद ईवीएम को लेकर फिर बवाल मचा हुआ है. कांग्रेस ईवीएम में धांधली का आरोप लगा रही है. हालांकि ईवीएम में धांधली का यह आरोप नया नहीं है. ऐसे में महाराष्ट्र सरकार के सीनियर आईपीएस अधिकारी और साइबर सेक्युरिटी के एक्सपर्ट ब्रिजेश सिंह ने इससे जुड़े तमाम सवालों के जवाब दिए है. उनके ये जवाब टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार में छपे हैं. सवाल- क्या ईवीएम चिप को किसी खास पार्टी के पक्ष में पहले से प्रोग्राम किया जा सकता है?जवाब- ईवीएम में जो चिप होती है, वह वन टाइम प्रोग्रामेबल (OTP) होती है. यानी इसे एक बार ही प्रोग्राम किया जा सकता है. इस प्रोग्रामिंग की कड़ी निगरानी की जाती है और स्वतंत्र विशेषज्ञों द्वारा इसकी जांच की जाती है. चुनाव से पहले 1,000 से ज्यादा वोटों के साथ मॉक पोल किए जाते हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वोट सही ढंग से रिकार्ड हो रहे हैं. इसलिए किसी भी पार्टी के पक्ष में पहले से इसे प्रोग्राम करना असंभव है. सवाल- क्या मैनटेनेंस या सॉफ्टवेयर अपडेट के दौरान दुर्भावनापूर्ण कोड डाला जा सकता है? जवाब- मैन्युफैक्चरिंग के बाद ईवीएम कोई सॉफ्टवेयर अपडेट स्वीकार नहीं करती. प्रोग्राम OTP चिप में स्थायी रूप से बर्न कर दिया जाता है, जिसे बदला नहीं जा सकता. ईवीएम में कोई बाहरी इनपुट पोर्ट नहीं होता है, और मैनटेनेंस पूरी तरह से फिजिकल और मैकेनिकल होती है. सवाल- क्या ईवीएम को किसी विशेष संख्या के बाद वोट ट्रांसफर करने के लिए प्रोग्राम किया जा सकता है? जवाब- नहीं, OTP चिप को फिर से प्रोग्राम नहीं किया जा सकता और यह प्रत्येक वोट को उसी तरह रिकार्ड करता है जैसे वह डाला गया है. सवाल- क्या मशीन को डिस्प्ले यूनिट के जरिए हैक किया जा सकता है? जवाब- डिस्प्ले यूनिट सिर्फ आउटपुट देने के लिए है और इसमें इनपुट देने की क्षमता नहीं होती. यह केवल जानकारी दिखाने के लिए जुड़ी होती है और इसे EVM को प्रोग्राम या बदलने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. सवाल- क्या एक ही वोट को धोखाधड़ी से दो बार डाला जा सकता है? जवाब- कंट्रोल यूनिट तभी वोटिंग की अनुमति देती है जब प्रेसाइडिंग ऑफिसर ‘बैलट’ बटन दबाता है और वोटों के बीच 5 सेकंड का अनिवार्य इंतजार होता है. यह तंत्र यह सुनिश्चित करता है कि प्रत्येक वोट अलग-अलग रिकार्ड हो और धोखाधड़ी से एक ही वोट कई बार न डाला जा सके. सवाल- अगर ईवीएम में कोई खराबी हो, तो हम कैसे जानें? जवाब- ईवीएम में निरंतर स्व-निदान की विशेषताएं होती हैं. किसी भी गलती के लिए विजुअल और ऑडियो संकेत मिलते हैं. अगर कोई खराबी पाई जाती है, तो मशीन वोट डेटा को संरक्षित करने के लिए लॉक हो जाती है और बैक-अप मशीनों का उपयोग किया जाता है. सवाल- क्या EVMs को वायरलेस सिग्नल्स या ब्लूटूथ से हैक किया जा सकता है? जवाब- ईवीएम में कोई वायरलेस घटक नहीं होता और इनमें इंटरनेट कनेक्टिविटी, ब्लूटूथ या बाहरी पोर्ट्स नहीं होते. इन्हें ‘एयर-गैप्ड’ डिजाइन किया गया है, यानी ये नेटवर्क से अलग होते हैं. इससे रिमोट हैकिंग का कोई खतरा नहीं होता. सवाल- क्या चुंबक या इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स से वोटिंग डेटा में बदलाव किया जा सकता है? जवाब- ईवीएम को मिलिट्री-ग्रेड मानकों के तहत इलेक्ट्रोमैग्नेटिक शील्डिंग के साथ डिजाइन किया गया है. ये बाहरी चुंबकीय क्षेत्रों से प्रभावित नहीं होते, जिससे डेटा की इंटिग्रीट बनी रहती है. सवाल- क्या ईवीएम की मेमोरी चिप को सीधे एक्सेस किया जा सकता है? जवाब- ईवीएम की मेमोरी AES-256 से एन्क्रिप्टेड होती है और इसे शारीरिक रूप से सुरक्षित किया जाता है. मेमोरी क्षेत्र पर टैम्पर-एविडेंट सील होती हैं और अगर कोई इसे एक्सेस करने की कोशिश करता है, तो सील को नुकसान होगा, जो तुरंत पहचान में आ जाएगा और मशीन उपयोग के लिए अवैध हो जाएगी. सवाल- क्या परिणामों के ट्रांसमिशन के दौरान वोट बदले जा सकते हैं? जवाब- परिणाम पहले ईवीएम पर रिकॉर्ड किए जाते हैं और फिर सुरक्षित चैनलों के माध्यम से भेजे जाते हैं. परिणामों की कई प्रतियां रखी जाती हैं, जिनमें VVPAT भी शामिल होता है. इसे क्रॉस-वीरिफिकेशन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. सवाल- क्या ईवीएम के निर्माता इसमें कोई छिपे हुए बैकडोर्स बना सकते हैं? जवाब- ईवीएम का निर्माण कई एजेंसियों की निगरानी में किया जाता है, जिनमें स्वतंत्र सुरक्षा ऑडिटर्स भी शामिल होते हैं. सवाल- क्या कोई अंदरूनी व्यक्ति चुनाव से पहले मशीन में छेड़छाड़ कर सकता है? जवाब- ईवीएम को 24वों घंटे सीसीटीवी की निगरानी, केंद्रीय और राज्य एजेंसियों की सुरक्षा में रखा जाता है. इन पर टैम्पर-एविडेंट सील होती हैं, जिनमें विशिष्ट सीरियल नंबर होते हैं. सवाल- कैसे पता चलेगा कि ईवीएम स्टोर करते वक्त छेड़छाड़ नहीं की गई है? जवाब- ईवीएम को 20वों घंटे CCTV की निगरानी रखी जाती है. तीन-स्तरीय सुरक्षा और डबल लॉक सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है. पार्टी के प्रतिनिधि अपनी सीलें भी लगाते हैं और उन व्यक्तियों का रिकॉर्ड रखा जाता है, जो कमरे में प्रवेश करते हैं, और यह केवल अधिकृत कर्मचारियों और पार्टी प्रतिनिधियों की उपस्थिति में किया जाता है. सवाल- अगर कोई असली EVM को डुप्लिकेट मशीन से बदल दे तो क्या होगा? जवाब- प्रत्येक EVM का एक विशिष्ट सीरियल नंबर, डिजिटल सिग्नेचर, होलोग्राफिक सील और कोड होता है. पार्टी प्रतिनिधियों की उपस्थिति में इसे ओपन किया जाता है. सवाल- अगर बैटरी मतदान के दौरान खत्म हो जाए तो क्या वोट खो जाएंगे? जवाब- ईवीएम में 48 घंटे का बैकअप और नॉन-वोलाटाइल मेमोरी होती है, जो बिना पावर के भी डेटा को सहेजती है. अतिरिक्त पावर सिस्टम यह सुनिश्चित करता है कि बैटरी फेल होने पर भी वोटिंग डेटा सुरक्षित रहे. सवाल- क्या ईवीएम की बैटरी क्षमता में भिन्नता (चार्ज स्तर) से कोई हैकिंग की संभावना हो सकती है? जवाब- 99% डिस्प्ले बैटरी चार्ज प्रतिशत नहीं बल्कि वोल्टेज थ्रेशोल्ड इंडिकेटर है, जो यह दर्शाता है कि बैटरी वोल्टेज ऑप्टिमल रेंज में (7.4V-8.0V) है. यह एक प्रशासनिक विशेषता है जो सही कार्य वोल्टेज स्तर को दर्शाता है. ईवीएम में गैर-रिचार्जेबल अल्कलाइन बैटरियां होती हैं. सवाल- ईवीएम को चरम जलवायु परिस्थितियों से कैसे सुरक्षा मिलती है? जवाब- ईवीएम को -10°C से +55°C तक के तापमान और 95% तक की उच्च आर्द्रता में संचालन के लिए डिजाइन किया गया है. सवाल- VVPAT वोटर वेरिफिकेशन कैसे सुनिश्चित करता है? जवाब- VVPAT वोटरों को वोट डालने के तुरंत बाद एक भौतिक पेपर ट्रेल प्रदान करता है, जिसे वे देख और सत्यापित कर सकते हैं. यह पेपर रिकॉर्ड सुरक्षित रूप से रखा जाता है और यदि जरूरत पड़े तो इसे ऑडिट या पुनर्गणना के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. सवाल- VVPAT स्लिप्स की रैंडम सैंपलिंग को कैसे सुनिश्चित किया जाता है? जवाब- चयन प्रक्रिया कंप्यूटर द्वारा उत्पन्न रैंडम नंबरों से की जाती है, और चुनावी पार्टी के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में इसे पारदर्शी तरीके से किया जाता है. Tags: Election commission, Maharashtra ElectionsFIRST PUBLISHED : December 3, 2024, 09:31 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed