Explainer: क्या अरविंद केजरीवाल को NDMC से निकाला जा सकता है जानिए नियम
Explainer: क्या अरविंद केजरीवाल को NDMC से निकाला जा सकता है जानिए नियम
Arvind Kejriwal News: एनडीएमसी यानी नई दिल्ली नगरपालिका परिषद के उपाध्यक्ष कुलजीत सिंह चहल समेत भाजपा सदस्यों ने अरविंद केजरीवाल की एनडीएनसी से सदस्यता रद्द करने का प्रस्ताव रखा है.
नई दिल्ली: दिल्ली की कंपकंपाती सर्दी में सियासत गरमा गई है. महिला सम्मान योजना पर तो और भी घमासान है. दिल्ली के दंगल में मुकाबला त्रिकोणीय है. भाजपा-आप की लड़ाई के बीच अब सियासी फ्रेम में कांग्रेस भी आ गई है. उसने तो एक कदम आगे बढ़कर केजरीवाल के खिलाफ शिकायत दर्ज करवा दी है. इससे भड़की आम आदमी पार्टी ने भी कांग्रेस को खूब सुना दिया. अव्वल तो इंडिया गठबंधन से बाहर करने की मांग कर दी. इस बीच भाजपा भी अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी पर कम हमलावर नहीं है. एनडीएमसी यानी नई दिल्ली नगर निगम के भाजपा सदस्यों ने अरविंद केजरीवाल की निंदा की. एनडीएमसी ने आम आदमी पार्टी सरकार की ‘मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना’ और ‘संजीवनी योजना’ की निंदा की है और प्रस्ताव पारित कर दिया. नगर निगम की परिषद बैठक की अध्यक्षता सांसद बांसुरी स्वराज ने की.
एनडीएमसी की इस बैठक में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एक और स्क्रिप्ट लिखी गई. वह थी एनडीएमसी से उन्हें निकालने की. जी हां, भाजपा ने एनडीएमसी से अरविंद केजरीवाल को बाहर निकालने की दिशा में अपने कदम बढ़ा दिए हैं. एनडीएमसी के उपाध्यक्ष कुलजीत सिंह चहल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि परिषद के कानूनी विभाग को एक प्रस्ताव भेजा गया है. इसमें यह जांच करने को कहा गया है कि क्या केजरीवाल को सदस्य के पद से हटाया जा सकता है. अब सवाल है कि क्या सच में अरविंद केजरीवाल को एनडीएमसी से निकाला जा सकता है? क्या सच में ऐसा नियम है?
एनडीएमसी की बैठक में क्या हुआ?
सबसे पहले जानते हैं कि एनडीएमसी की बैठक में क्या हुआ? नई दिल्ली नगर परिषद (एनडीएमसी) के भारतीय जनता पार्टी सदस्यों ने गुरुवार को अरविंद केजरीवाल की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया. भाजपा का आरोप है कि केजरीवाल ने केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना को दिल्ली में लागू नहीं किया. साथ ही ‘आप’ सरकार की संजीवनी योजना के बारे में ‘गलत जानकारी’ फैलाई जा रही है. भाजपा ने यह भी कहा कि उसने परिषद के कानूनी विभाग को एक प्रस्ताव भेजा है. इसमें यह जांच करने को कहा गया है कि क्या अरविंद केजरीवाल (नई दिल्ली के विधायक होने के कारण पदेन सदस्य) को एनडीएमसी की लगातार चार बैठकों में शामिल नहीं होने और सदस्य के रूप में शपथ नहीं लेने के लिए सदस्यता से हटाया जा सकता है. हालांकि, आम आदमी पार्टी का कहना है कि एनडीएमसी सदस्य के रूप में अरविंद केजरीवाल को हटाना तर्कसंगत नहीं है.
क्या है वह नियम?
अब जानते हैं कि आखिर वह नियम क्या है, जिससे किसी को एनडीएमसी से हटाया जा सकता है? दरअसल, नई दिल्ली नगर परिषद अधिनियम, 1994 की धारा 8 में इसका जवाब है. एनडीएमसी अधिनियम की धारा 8 स्पष्ट रूप से कहती है कि अगर कोई सदस्य परिषद की अनुमति के बिना लगातार तीन महीने तक सभी बैठकों से अनुपस्थित रहता है, तो परिषद केंद्र सरकार से सिफारिश कर सकती है कि ऐसे सदस्य की सीट को रिक्त घोषित कर दिया जाए. दूसरा विकल्प यह है कि कोई दस्त खुद अपने हाथ से लिखकर इस्तीफा दे दे. भाजपा का कहना है कि अरविंद केजरीवाल लगातार चार बैठकों से गायब रहे हैं.
परिषद की जांच पर सब निर्भर?
हालांकि, भाजपा सदस्यों के प्रस्ताव को आम आदमी पार्टी ने खारिज किया है. आम आमदी पार्टी का कहना है कि यह प्रस्ताव कानूनी रूप से मान्य नहीं है क्योंकि अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली के विधायक होने के कारण एनडीएमसी के पदेन सदस्य हैं. कुलजीत सिंह चहल का कहना है कि पिछली चार बैठकों में अरविंद केजरीवाल गायब रहे हैं. इसलिए एनडीएमसी एक्ट 1994 के तहत क्यों न उनकी सदस्यता रद्द की जाए. हालांकि, अब देखने वाली बात होगी कि एनडीएमसी के कानूनी विभाग की जांच में क्या होता है और अरविंद केजरीवाल का क्या होगा?
Tags: Arvind kejriwal, Delhi news, New Delhi newsFIRST PUBLISHED : December 27, 2024, 12:45 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed