गौतम अडानी पर US में आरोप क्या लगे दया पर जीने वाला देश ही दिखाने लगा आंख

Gautam Adani News: भारतीय बिजनेसमैन गौतम अडानी मुसीबत में फंस गए हैं. अमेरिका में गौतम अडानी पर भारत में रिश्वत देने का आरोप लगा है. उनके खिलाप अरेस्ट वारंट तक जारी हो गया है. अब उसका असर अडानी ग्रुप की डील पर भी पड़ता दिख रहा है. बांग्लादेश अब अडानी ग्रुप को आंखें दिखा सकता है.

गौतम अडानी पर US में आरोप क्या लगे दया पर जीने वाला देश ही दिखाने लगा आंख
नई दिल्ली: गौतम अडानी घूसकांड में घिर गए हैं. अमेरिका में गौतम अडानी पर भारतीय अफसरों को 2200 करोड़ रुपये की रिश्वत देने का आरोप लगा है. इसके बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में भूचाल आ गया. फिर गौतम अ़डानी को एक और झटका लगा. केन्या ने अडानी ग्रुप के साथ एयरपोर्ट और एनर्जी डील को रद्द कर दिया. मगर अडानी ग्रुप के सामने अभी और मुसीबतों का पहाड़ है. बांग्लादेश और श्रीलंका में भी अडानी ग्रुप की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. बांग्लादेश तो अडानी ग्रुप को आंख दिखाने को तैयार है. जी हां, बांग्लादेश में अडानी ग्रुप का पावर डील यानी बिजली सौदा जांच के घेरे में आ गया है. बांग्लादेशी हाईकोर्ट ने जांच के आदेश दिए हैं. वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिकी एक्शन के बाद श्रीलंका को भी अडानी ग्रुप संग पावर डील को लेकर ‘सतर्क’ रहना चाहिए. द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, ढाका में एनर्जी एक्सपर्ट्स ने कहा है कि अमेरिका में गौतम अडानी और अडानी ग्रुप के कई टॉप अफसरों  के खिलाफ मुकदमा अडानी समूह और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के बीच भविष्य की डील में एक अहम कारक बन सकता है. अडानी के खिलाफ अमेरिका में आपराधिक कार्यवाही ढाका में हाईकोर्ट के 1,600 मेगावाट के बिजली सौदे की जांच के आदेश के एक दिन बाद हुई है. इस डील के तहत अडानी ग्रुप अपने गोड्डा पावर प्लांट से बांग्लादेश को बिजली निर्यात करता है. मगर अब यह डील जांच के दायरे में है. एक्सपर्ट का क्या है कहना बांग्लादेश इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के रिटायर्ड प्रोफेसर डॉ. एजाज हुसैन के मुताबिक, अडानी और शेख हसीना सरकार के बीच ऊर्जा समझौता शुरुआत से ही विवादास्पद था. क्योंकि यह करार शेख हसीना के कार्यकाल के कई दूसरे ऊर्जा करारों की तरह टेंडरिंग यानी निविदा के जरिए नहीं हुआ था. इसके बावजूद अंतरिम सरकार ने सकारात्मक रुख अपनाया था और बातचीत जारी रखने की कोशिश की थी. लेकिन अमेरिका में आरोप तय होने के बाद बातचीत की गुंजाइश कम हो सकती है क्योंकि समूह पर बांग्लादेश की ओर से कीमतों पर समझौता करने का दबाव बढ़ेगा. बांग्लादेश में अडानी ग्रुप की डील के खिलाफ क्या आदेश? दरअसल, अडानी पावर डील पर मंगलवार को बांग्लादेशी हाईकोर्ट ने बड़ा आदेश दिया. इसके मुताबिक, बांग्लादेश सरकार ऊर्जा और कानूनी विशेषज्ञों वाली एक हाई लेवल कमेटी बनाएगी. यह समिति 2017 में अरबपति गौतम अडाणी के नेतृत्व वाले अडाणी समूह के साथ हुए बिजली खरीद समझौते (पीपीए) की फिर से जांच करेगी. बांग्लादेश की समाचार एजेंसी यूएनबी की रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस फराह महबूब और जस्टिस देबाशीष रॉय चौधरी की दो सदस्यीय पीठ ने सरकार से दो महीने के भीतर समिति की रिपोर्ट सौंपने को कहा है. इसके अलावा, हाईकोर्ट ने सरकार को बिजली विभाग और अडानी ग्रुप के बीच हुए 25 साल के समझौते से जुड़े सभी दस्तावेज एक महीने के भीतर जमा करने का आदेश दिया है. बांग्लादेश-अडानी पावर डील अचानक जांच के घेरे में क्यों? दरअसल, अडानी ग्रुप और शेख हसीना सरकार के बीच एक पावर परचेज एग्रीमेंट (PPA) हुआ था. इसके तहत अडानी ग्रुप को बांग्लादेश को बिजली देनी थी. अडानी ग्रुप ने इसके लिए झारखंड के गोड्डा में बिजली प्लांट लगाया था. तय हुआ था कि यहां बनने वाली सौ फीसदी बिजली बांग्लादेश को दी जाएगी. अभी बांग्लादेश आर्थिक तंगी से जूझ रहा है, ऐसे में उसे भुगतान करने में दिक्कतें आ रही हैं. वहीं, दावा है कि अडानी ग्रुप ने बांग्लादेश को जो बिजली बेची, उसकी दरें ज्यादा हैं. यही वजह है कि यह डील बांग्लादेश की मौजूदा सरकार के निशाने पर है. बांग्लादेश पहले ही कर्ज के पहाड़ तले दब चुका है. आर्थिक और राजनीतिक संकट के बीच बिजली खरीद के लिए उसे करीब 800 मिलियन डॉलर का भुगतान करना है. शेख हसीना के इस्तीफे के बाद से ही बांग्लादेश की हालत और खराब हो गई है. अडानी ने सप्लाई कम कर दी? हालांकि पहले अडानी ग्रुप का कहना था कि बकाया भुगतान न होने के बावजूद बिजली की सप्लाई जारी रहेगी. लेकिन उसी दौरान रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि अडानी ग्रुप ने बांग्लादेश को बिजली सप्लाई करीब 50 फीसदी तक घटा दी है. पहले जहां 1400 मेगावॉट बिजली दी जा रही थी, उसे घटाकर 700-800 मेगावॉट कर दिया गया है. इसके बाद अडानी ग्रुप ने बिजली बनाने के लिए जरूरी कोयला आयात करने में आ रही आर्थिक तंगी की वजह से बांग्लादेश सरकार के सामने कर्ज चुकाने की डेडलाइन रख दी थी. यह डेडलाइन 7 नवंबर तक की थी. लेकिन पांच दिन की बातचीत के बाद इसे वापस ले लिया गया. पिछले महीने बांग्लादेश सरकार ने कहा था कि उसने अडानी ग्रुप को 9.6 करोड़ डॉलर का भुगतान किया है. श्रीलंका भी अलर्ट मोड पर द हिंदू की एक और रिपोर्ट के मुताबिक, एक्सपर्ट्स का मानना है कि श्रीलंका को भी अडानी बिजली परियोजना को लेकर सतर्क रहना चाहिए. दरअसल, न्यूयॉर्क में संघीय अभियोजकों ने अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी और सात अन्य पर धोखाधड़ी के कई मामलों में आरोप लगाया है. कोलंबो स्थित थिंक टैंक वेरिटे रिसर्च के कार्यकारी निदेशक निशान डी मेल के मुताबिक, श्रीलंका में अक्सर बड़े भ्रष्टाचार के मामले दूसरे देशों में उजागर हुए हैं. उन्होंने कुछ साल पहले यूनाइटेड किंगडम में हुए एक जांच का हवाला दिया. इसमें एयरबस से श्रीलंकाई एयरलाइंस की ओर से विमान खरीद में रिश्वत के आरोप लगे थे. उन्होंने पनामा पेपर्स का भी जिक्र किया जिसमें स्थानीय राजनेताओं और व्यापारियों के नाम सामने आए थे. उनके मुताबिक, श्रीलंका के लिए भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने प्रयासों को दोगुना करना बहुत जरूरी है. इससे हम खुद को भ्रष्ट सौदों से बचा सकेंगे. अमेरिका में अडानी पर क्या आरोप गौतम अडानी पर अमेरिका में भारत में सौर बिजली कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए अनुकूल शर्तों के बदले भारतीय अधिकारियों को 26.5 करोड़ डॉलर (लगभग 2,200 करोड़ रुपये) की रिश्वत देने का आरोप लगा है. भारत के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी सहित सात अन्य पर महंगी सौर ऊर्जा खरीदने के लिए आंध्र प्रदेश और ओडिशा के अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप लगाया गया है. हालांकि, इसमें अधिकारियों के नाम का खुलासा नहीं किया गया है. अडानी ग्रुप ने 2021 में स्थानीय रूप से विनिर्मित सौर सेल और मॉड्यूल आधारित संयंत्रों का उपयोग करके उत्पन्न 8,000 मेगावाट (आठ गीगावाट) बिजली की आपूर्ति के लिए बोली जीती थी. लेकिन समूह बिजली खरीदने वाली राज्य सरकारों की मूल्य अपेक्षाओं को पूरा नहीं कर सका. अडानी पर आरोप है कि उन्होंने 2021 में आंध्र प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी. उसके बाद राज्य सरकार 7,000 मेगावाट बिजली खरीदने पर सहमत हुई थी. आरोप के मुताबिक, आंध्र प्रदेश के अधिकारियों को 25 लाख रुपये प्रति मेगावाट की दर से ‘रिश्वत’ दी गई. यह राज्य की ओर से खरीदी गई 7,000 मेगावाट बिजली के लिए कुल 1,750 करोड़ रुपये (20 करोड़ डॉलर) बैठती है. ओडिशा ने कुछ इसी तरह से 500 मेगावाट बिजली खरीदी थी. Tags: Adani Group, Bangladesh, Gautam AdaniFIRST PUBLISHED : November 22, 2024, 06:29 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed