गोमूत्र नीम लहसुन और मिर्च से तैयार ये कीटनाशक बनेगा धान के लिए वरदान!
गोमूत्र नीम लहसुन और मिर्च से तैयार ये कीटनाशक बनेगा धान के लिए वरदान!
डॉ. एनपी गुप्ता ने लोकल 18 को बताया कि किसान फसल में छिड़काव करने के लिए 2 से 2.5 लीटर घोल को 100 लीटर पानी में मिलाकर एक एकड़ फसल पर छिड़काव कर सकते हैं. इस घोल का छिड़काव करने से सभी तरह के कीटों को नियंत्रित किया जा सकता है.
शाहजहांपुर : सितंबर का महीना धान की फसल के लिए महत्वपूर्ण है. खास कर जिन किसानों ने धान की पछेती रोपाई की थी, उन किसानों के लिए ये समय बेहद ही संवेदनशील है. क्योंकि धान की फसल को कई तरह के रोग चपेट में ले सकते हैं. किसान ध्यान रखें की अगर वह जैविक तरीके से उपचार करते हैं तो कम लागत में अच्छा मुनाफा पा सकते हैं.
कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में तैनात कृषि एक्सपर्ट डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि जिन किसानों ने धान की पछेती रोपाई की थी, उनको अपनी फसल की खास देखरेख करने की जरूरत है. क्योंकि अब धान की फसल में बालियां निकल रही है. कई जगह पर फसल पुष्पावस्था में है तो कहीं बाली में दाने बनने की प्रक्रिया चल रही है. ऐसे में अगर कोई कीट फसल को चपेट में लेते हैं तो फसल को भारी नुकसान हो सकता है. खासकर किसान अगर जैविक तरीके से कीटों का नियंत्रण करें तो कम लागत में बेहतर गुणवत्ता का उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं.
घर पर ऐसे तैयार करें जैविक कीटनाशक
डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि किसान कीटों का नियंत्रण करने के लिए घर पर ही जैविक उत्पाद तैयार कर सकते हैं. 50 लीटर पानी लेकर उसमें 5 से 6 लीटर देसी गाय का गोमूत्र, 2 किलो नीम की पत्ती, 500 ग्राम लहसुन और 1 किलो हरी मिर्च या 250 ग्राम लाल मिर्च लेकर उसको अच्छी तरह से कुचलकर पानी में मिला दें. इस घोल को 5 से 6 दिनों तक सड़ने दें. उसके बाद अच्छी तरह से हिला कर छान लें और यह जैविक उत्पाद बनाकर तैयार हो जाता है.
कैसे करें छिड़काव?
डॉ. एनपी गुप्ता ने लोकल 18 को बताया कि किसान फसल में छिड़काव करने के लिए 2 से 2.5 लीटर घोल को 100 लीटर पानी में मिलाकर एक एकड़ फसल पर छिड़काव कर सकते हैं. इस घोल का छिड़काव करने से सभी तरह के कीटों को नियंत्रित किया जा सकता है. और अगर फिर भी कीट दोबारा से प्रभावी दिखें तो 10 से 12 दिन के बाद इसी घोल को फसल में फिर से छिड़काव किया जा सकता है.
Tags: Agriculture, Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : September 20, 2024, 16:20 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed