कब है गंगा दशहरा सर्वार्थ सिद्धि समेत बनेंगे 3 शुभ योग जानें स्नान-दान समय
कब है गंगा दशहरा सर्वार्थ सिद्धि समेत बनेंगे 3 शुभ योग जानें स्नान-दान समय
kab hai Ganga Dussehra 2024 Date: गंगा दशहरा का पावन पर्व ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि गंगा दशहरा कब है? गंगा दशहरा पर कौन से शुभ योग बन रहे हैं? गंगा दशहरा का महत्व क्या है? गंगा दशहरा पर स्नान और दान का शुभ समय क्या है?
गंगा दशहरा का पावन पर्व ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है. गंगा दशहरा को गंगा अवतरण दिवस के रूप में भी मनाते हैं. इस दिन वाराणसी में गंगा नदी की पूजा करते हैं. गंगा स्नान के बाद दान करने का विधान है. गंगा दशहरा के दिन प्रयागराज के साथ हरिद्वार, गढ़मुक्तेश्वर, ऋषिकेश आदि जगहों पर पूजा पाठ किया जाता है. इस बार गंगा दशहरा के दिन 3 शुभ योगों का निर्माण हो रहा है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि गंगा दशहरा कब है? गंगा दशहरा पर कौन से शुभ योग बन रहे हैं? गंगा दशहरा का महत्व क्या है? गंगा दशहरा पर स्नान और दान का शुभ समय क्या है?
किस दिन है गंगा दशहरा 2024?
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, गंगा दशहरा के लिए आवश्यक ज्येष्ठ शुक्ल दशमी तिथि 16 जून रविवार को 02:32 ए एम से शुरू हो रही है. इस तिथि का समापन 17 जून सोमवार को 04:43 ए एम पर होगा. उदयातिथि की मान्यता के अनुसार, इस साल गंगा दशहरा 16 जून को है. गंगा दशहरा के बाद निर्जला एकादशी का व्रत होगा.
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3 शुभ योग में गंगा दशहरा 2024
इस साल गंगा दशहरा वाले दिन 3 शुभ योगों का निर्माण हो रहा है. उस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह में 05:23 बजे से 11:13 बजे तक रहेगा. उसके साथ ही अमृत सिद्धि योग 05:23 ए एम से 11:13 ए एम तक है. इन दोनों के अलावा पूरे दिन रवि योग बना रहेगा. ये तीनों ही योग शुभ फलदायी होते हैं.
गंगा दशहरा 2024 स्नान-दान समय
16 जून को गंगा दशहरा वाले दिन आप ब्रह्म मुहूर्त यानी 04:03 ए एम से 04:43 ए एम के बीच गंगा स्नान कर सकते हैं. इसके अलावा आप चाहें तो सुबह 05:23 बजे से 11:13 बजे के बीच भी स्नान कर सकते हैं. इस समय तीन शुभ योगों का लाभ आपको प्राप्त हो सकता है.
गंगा स्नान करने के बाद मां गंगा की पूजा करें. उसके बाद अपनी क्षमता के अनुसार किसी गरीब ब्राह्मण को अन्न, वस्त्र, जल आदि का दान करें. ज्येष्ठ माह में जल का दान करने से महापुण्य की प्राप्ति होती है.
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गंगा दशहरा का महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार, राजा भगीरथ की कठोर तपस्या के फलस्वरुप मां गंगा ज्येष्ठ शुक्ल दशमी तिथि को भगवान शिव की जटाओं से होगा पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं, इस वजह से इस दिन को गंगा अवतरएा दिवस के रूप में भी मनाते हैं. गंगा दशहरा या गंगा अवतरण दिवस गंगा जयंती नहीं है. गंगा दशहरा के दिन मां गंगा पृथ्वी पर आईं और राजा भगीरथ के 60 हजार पूर्वजों को मोक्ष प्रदान किया.
Tags: Dharma Aastha, Ganga Snan, ReligionFIRST PUBLISHED : June 8, 2024, 12:50 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed